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🏆राष्ट्रीय युवा सम्मान - 2025🏆              *‼️आमंत्रण‼️*भारत एवं नेपाल के सभी स्वजातीय बंधुओ को सूचित करते हुए आपार हर्...
24/01/2025

🏆राष्ट्रीय युवा सम्मान - 2025🏆
*‼️आमंत्रण‼️*

भारत एवं नेपाल के सभी स्वजातीय बंधुओ को सूचित करते हुए आपार हर्ष हो रहा है कि स्वर्गीय रतन कुमार गुप्ता के जन्मदिन (30 जनवरी) के पावन दिन पर *रतन कुमार गुप्ता - राष्ट्रीय युवा सम्मान - 2025* हेतु निम्न श्रेणी में कार्य करने वाले जिनका उम्र 18 - 40 वर्ष है। उन्हें अपना विवरण चयन कमेटी के पास डीजिटल कॉपी भेजने की कृपा करें।
1. युवा उद्धमी
2. स्वास्थ
3. शिक्षा
4. खेल
5. समाजिक कार्य
✅ नाम भेजने की अंतिम तिथि 28 जनवरी 2025
*चयन कमेटी*
1. डॉक्टर मनोज कुमार गुप्ता जी (वरिष्ठ ENT सर्जन) - सत्कृति हॉस्पिटल, वाराणासी
2. श्रीमती अर्चना गुप्ता (पूर्व राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष)
3. श्री अमरजीत शाह (प्रदेश अध्यक्ष - गुजरात
*कार्यक्रम संयोजक -*
राजेश कुमार गुप्ता (पूर्व राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष)
*नोट -* इस कार्यक्रम से सम्बंधित किसी भी विषय वस्तु पर जानकारी के लिए #9235655705 पर [email protected] पर संपर्क कर सकते है।

*निवेदक -*
आलोक कुमार गुप्ता - अध्यक्ष
विशाल कुमार गुप्ता - महामंत्री
विनय कुमार गुप्ता - कोषाध्यक्ष
मध्यदेशीय वैश्य महा सभा
*आयोजक -* बाबा गणिनाथ भक्त मंडल
*सहयोगी - मध्यदेशीय वैश्य महासभा, MOICC ABMVS FOUNDATION*

01/08/2023
 's     Homi Bhabha Cancer Hospital Blood Centre   MPMMCC HBCH TMC Varanasi              आज मदर्स डे पर एक बेटे की तरफ स...
14/05/2023

's


Homi Bhabha Cancer Hospital Blood Centre MPMMCC HBCH TMC Varanasi



आज मदर्स डे पर एक बेटे की तरफ से हर उस मां के लिए तोहफा है जिनका बेटा कैंसर के बीमार से जूझ रहा है।
ये सच है दोस्तों नसीबदार लोगों से ही भगवान ये सब सेवाएं करवाते हैं। मैं ईश्वर का आभारी हूँ कि मुझे समय समय पर रक्तदान करने का अवसर प्रदान करता हैं। वरना मुझ जैसे सामान्य मानव की क्या हैसियत ❓
आप सब को मेरी बार बार रक्तदान करते हुए फोटो देख कर कुछ ना कुछ तो विचार जरूर आते होगें।
सब अपनी अपनी विचार और सामर्थ के अनुसार सोचते होगें। बनारस पूर्वान्चल के रक्तदान की राजधानी हैं। या यूं कह सकता हूं कि काशी पूर्वान्चल के रक्तदानीयों का तीर्थ स्थल हैं।
इसलिए यहां केंसर पीड़ितों के लिए प्लेटलेट्स की रोज बहुत जरूरत पडतीं हैं। हमारे बनारस में लगभग 500 से ऊपर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं। जिनको हर 15 दिन पर खून चाहिए।
इन सबके पीछे एक ही जवाब हैं।
खून अभी तक किसी फैक्टरी में नहीं बनता हैं।
एक्सीडेंट, ऑपरेशन और गर्भवती महिलाओं की तो बात ही छोडिये। बस मानवता के नाते मैं इन सबके लिए रक्तदान/प्लेटलेट्स दान करता हूँ और करता रहूंगा।
आपकी शुभकामनाएं आशीर्वाद मिले तो मुझे जोश आयेगा और मेरा उत्साहवर्धन होगा।
बस एक मिशन हैं। 💪
* और का यही मुहिम है*
हर घर रक्तदाता💉
घर घर रक्तदाता🩸
आप भी मेरे साथ जुड़ सकते हो। वाराणासी में निशुल्क रक्तदान और प्लेटलेट्स दान शिविर के आयोजन के लिए सम्पर्क करें। SDP और नियमित रक्तदान के लिए हमारे व्हाटस्ऐप ग्रुप से भी जुड़े।
राजेश कुमार गुप्ता ⭕➕
72 टाइम्स नॉट आउट रक्तदान
(31 बार रक्तदान +4 प्लाज्मा कोविड 19 +37 बार प्लेटलेट्स)

 #विशाल_स्वास्थ्य_कैम्प  #बहरापन  #जागरूकता  #अभियानMaddheshiya Online International Core Committee &  #मध्यदेशीय_वैश्य_...
22/02/2023

#विशाल_स्वास्थ्य_कैम्प
#बहरापन #जागरूकता #अभियान
Maddheshiya Online International Core Committee
& #मध्यदेशीय_वैश्य_महा_सभा #पंजीकरण_3026
पूर्व
अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा - उत्तर प्रदेश के जनपद #वाराणसी_शाखा के संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के संकट मोचन स्थित #सत्कृति_हॉस्पिटल के चेयरमैन एवं पूर्वान्चल के वरिष्ठ डॉक्टर Manoj Kumar Gupta जी के नेतृत्व में 26 फरवरी 2023 को प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक मात्र ₹200/- के पंजीकरण पर आप कान, नाक और गला एवं शुगर रोग का जाँच करवा सकते है।
साथ अन्य सुविधाएं
#निःशुल्क परामर्श
#निःशुल्क कोक्लियर इम्प्लांट स्क्रीनिग
#निःशुल्क शुगर जांच
#अतिरिक्त सुविधाएं
#छूट 20% दवाओं पर
25% हियरिंग एड पर
50% अन्य जांचों पर
#सर्जरी_पर_अतिरिक्त_छूट
समय पूर्व रजिस्ट्रेशन कराने पर ही ये सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल करें
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13/12/2022

*आदरणीय स्वजतीय भाइयों एवं बहनों को सादर चरण स्पर्श 🙏*

*धर्म किये धन ना घटे, नदी न घट्ट नीर।*
*अपनी आखों देखिले, यों कथि कहहिं कबीर।*

*भावार्थ: धर्म परोपकार, दान सेवा करने से धन नहीं घटना, देखो नदी सदैव बहती रहती है, परन्तु उसका जल घटना नहीं। धर्म करके स्वयं देख लो।*

जैसा कि सर्व विदित है कि 24 - 25 दिसम्बर को हमारे सन्गठन ABMVS द्वारा मध्यप्रदेश के भोपाल में कुलगुरु बाबा गणिनाथ गोविंद जी का भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। उस मंदिर में बाबा की मूर्ति स्थापना के लिए पलवैया धाम से भगत लोग आ रहे है। बाबा की मूर्ति वाराणसी से बन कर जा रही है।
मगर अभी भी वहां आर्थिक सहयोग की जरूरत है। *आप को बताना चाहूंगा कि साउथ एशिया का सबसे बड़ा विश्व विद्यालय वाराणसी में सर सुंदरलाल BHU की स्थापना करने वाले पण्डित मदन मोहन मालवीय जी ने एक रुपये की चंदे से आरम्भ किया था। मगर देखते ही देखते दान दाताओं की लाइन लग गई और आज BHU भारत ही नही अपितु साउथ एशिया की सबसे बड़ी धरोहर शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में बन गई।*

अब बात आती है कि दान/सहयोग किस रूप में दिया जाय ?

*बहुत ही सिंपल है। उस कार्यक्रम में मन्दिर निर्माण में सहयोग इकट्ठा करने के लिए एक स्मारिका/पत्रिका जो की समाज का आईना/दर्पण होता है। उसके माध्यम से हम मन्दिर निर्माण में सहयोग भेज सकते है।*

उदाहरण - 1 हमारे घर मे बेटे और बेटियों की शादी करनी है। यह उसके लिए सबसे बढ़िया माध्यम होता है की हम अपने परिवार की फैमिली फोटो प्रकाशित करवाते है। इससे रिश्ते जल्दी तय होते है।

उदाहरण - 2 हम अपने प्रतिष्ठान/व्यपार का भी प्रचार प्रसार इस माध्यम से कर सकते है। इसका फ़ायदा यह होता है कि दूसरे प्रदेश में रहने वाला स्वजतीय भी आप ही काम अगर छोटे स्तर पर कर रहा है तो उसे आप बड़ा करने का टिप्स और अपना व्यपार बढ़ाने का सुगम अवसर पा सकते है।

उदाहरण 3 अगर आप राजनैतिक व्यक्ति है। या आप अपने क्षेत्र के मानिंद है। तो भी स्मारिका में अपना सहयोग भेज कर मन्दिर निर्माण कार्य ने मदद कर सकते है।

उदाहरण - 4 अगर आप किसी राजकीय या राष्ट्रीय सरकारी पद पर है तो समाज के लिए एक प्रेरक प्रसंग लिख कर भेजते हुए अपना सहयोग मन्दिर निर्माण के लिए भेज सकते है।

उदाहरण - 5 अगर आप नगर पालिका/नगर निगम/नगर पंचायत के अध्यक्ष/पार्षद/सभासद/सदस्य है तो अपना कार्यकाल के बारे में अभी तक आप ने उस पद पर रहते हुए क्या क्या उत्थान किया है इसकी जानकारी भेजते हुए भी मन्दिर निर्माण में अपना आर्थिक सहयोग भेज सकते है।

आप सभी से सहयोग के आकांक्षी :-

*राजेश कुमार गुप्ता*

राष्ट्रीय कार्यलय मंत्री
राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष
2013 - 2017
अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा
संस्थापक
MOICC

*आप के द्वरा दिया गया 1 ईंट और 10 रुपया भी स्वीकार है।*
आर्थिक सहयोग हेतु विवरण
🕉️ *विज्ञापन/आर्थिक सहयोग हेतू एकाउंट डिटेल्स*
A/c name: Akhil Bhartiya Madhyadeshiy Vaishya Sabha, Madhya Pradesh
A/c no. : 881510110013679
IFSC code: BKID0008815
Brach. : Manglia, Indore - 453771 (M. P.)

    आज Homi Bhabha Cancer Hospital Blood Centre  में अपना  #63वां  #डोनेशन  #एफ़रेसिस   एक कैंसर के मरीज के लिए किया।बाबा...
10/12/2022


आज Homi Bhabha Cancer Hospital Blood Centre में अपना #63वां #डोनेशन #एफ़रेसिस एक कैंसर के मरीज के लिए किया।
बाबा काशी विश्वनाथ जी उस मरीज के ऊपर अपनी कृपा बरसातें रहे।


 ानी_बचाते_है।
02/12/2022

ानी_बचाते_है।

*अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा*      *"आवश्यक सूचनार्थ"*                               *अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभ...
17/11/2022

*अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा*

*"आवश्यक सूचनार्थ"*

*अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा के राष्ट्रीय अधिवेशन देवघर, झारखंड में 10 अप्रैल 2021 को विधिवत चुने गए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार गुप्ता की राष्ट्रीय समिति में दूसरी धारा के स्वघोषित अध्यक्ष श्री मनोज मद्देशिया को विलय कराने के उद्देश्य से अपने राष्ट्रीय समिति के संरक्षक श्री प्रेमचन्द साव द्वारा दिनांक 6-11-2022 को सिलीगुड़ी में एकीकरण का प्रयास किया गया, जिसके बाद की समुचित स्थितियों/परिस्थितियों के आकलन के लिए दिनांक: 16 नवम्बर 2022 को समिति के संरक्षकगण/पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।*

*बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों के बीच परिस्थितियों के आकलन एवं विश्लेषण में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा की दूसरी धारा में समरसता का अभाव, अन्तर्द्वन्द्व, अविश्वास, अंतर्विरोध, अस्पष्ट कार्य शैली, त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया एवं अहंकारी व्यक्तित्व ने समन्वय एवं एकीकरण को प्रयास को नष्ट कर दिया।*

*बैठक में सभी ने एक मत से दूसरी धारा द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित अनावश्यक चित्रों/सन्देशों की घोर निंदा की। बैठक में किसी भी पदाधिकारी द्वारा समन्वय/एकीकरण के समर्थन में विचार तक व्यक्त नहीं किया गया जिससे हमारा संगठन और मजबूती के साथ उभर कर सामने आया है।*

*एक संगठन के दो कमेटी के कुत्सित प्रयास के अंतर्गत स्वयमेव बनाई गई दूसरी धारा के अस्तित्व को सिरे से खारिज किया गया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हम 6 नवम्बर 2022 के पूर्व की स्थिति के अनुसार समाज में और सजगता के साथ सेवा भावना एवं समर्पण के दृष्टिकोण को परिभाषित करेगें।*

*डॉ. विजय कुमार गुप्ता,*
*राष्ट्रीय अध्यक्ष, अ.भा.म.वैश्य सभा*

*प्रफुल्ल गुप्ता,*
*राष्ट्रीय महामंत्री,अ.भा.म.वैश्य सभा*

*सुरेश कुमार गुप्ता,*
*राष्ट्रीय महामंत्री, (संगठन) अ.भा.म.वैश्य सभा*

*संजय गुप्ता*
*राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, अ.भा.म.वैश्य सभा*

*उमेश कुमार गुप्ता,*
*राष्ट्रीय प्रवक्ता, अ.भा.म.वैश्य सभा*

*गुवाहाटी,*
*17 नवम्बर 2022*

महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की जीवनीआप का जन्‍म काशी के एक सुप्रसिद्ध वैश्‍य परिवार में 30 जनवरी सन् 1889 ई. में हुआा था। का...
10/11/2022

महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की जीवनी
आप का जन्‍म काशी के एक सुप्रसिद्ध वैश्‍य परिवार में 30 जनवरी सन् 1889 ई. में हुआा था। काशी में इनका परिवार ‘सुँघनी साहू’ के नाम से प्रसिद्ध था। इसका कारण यह था कि इनके यहाँ तम्‍बाकू का व्‍यापार होता था। प्रसाद जी के पितामह का नाम शिवरत्‍न साहू और पिता का नाम देवीप्रसाद था। प्रसाद जी के पितामह शिव के परम भक्‍त और दयालु थे। इनके पिता भी अत्‍यधिक उदार और साहित्‍य-प्रेमी थे।

प्रसाद जी का बाल्‍यकाल सुख के साथ व्‍यतीत हुआ। इन्‍होंने बाल्‍यावस्‍था में ही अपनी माता के साथ धाराक्षेत्र,ओंकारेश्वर, पुष्‍कर, उज्‍जैन और ब्रज आदि तीर्थों की यात्रा की। अमरकण्‍टक पर्वत श्रेणियों के बीच , नर्मदा में नाव के द्वारा भी इन्‍होंने यात्रा की। यात्रा से लौटने के पश्‍चात् प्रसाद जी के पिता का स्‍वर्गवास हो गया। पिता की मृत्‍यु के चार वर्ष पश्‍चात् इनकी माता भी इन्‍हें संसार में अकेला छोड़कर चल बसीं।

प्रसाद जी के पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्‍ध उनके बड़े भाई शम्‍भूरत्‍न जी ने किया। सर्वप्रथम प्रसाद जी का नाम ‘क्‍वीन्‍स कॉलेज’ में लिखवाया गया, लेकिन स्‍कूल की पढ़ाई में इनका मन न लगा, इसलिए इनकी शिक्षा का प्रबन्‍ध घर पर ही किया गया। घर पर ही वे योग्‍य शिक्षकों से अंग्रेजी और संस्‍कृत का अध्‍ययन करने लगे। प्रसाद जी को प्रारंभ से ही साहित्‍य के प्रति अनुराग था। वे प्राय: साहित्यिक पुस्‍तकें पढ़ा करते थे और अवसर मिलने पर कविता भी किया करते थे। पहले तो इनके भाई इनकी काव्‍य-रचना में बाधा डालते रहे, परन्‍तु जब इन्‍होंने देखा कि प्रसाद जी का मन काव्‍य-रचना में अधिक लगता है, तब इन्‍होंने इसकी पूरी स्वतंत्रता इन्‍हें दे दी। प्रसाद जी के हदय को गहरा आघात लगा। इनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई तथा व्‍यापार भी समाप्‍त हो गया। पिता जी ने सम्‍पत्ति बेच दी। इससे ऋण के भार से इन्‍हें मुक्ति भी मिल गई, परन्‍तु इनका जीवन संघर्षों और झंझावातों में ही चक्‍कर खाता रहा ।

यद्यपि प्रसाद जी बड़े संयमी थे, किन्‍तु संघर्ष और चिन्‍ताओं के कारण इनका स्‍वास्‍थ्‍य खराब हो गया। इन्‍हें यक्ष्‍मा रोग ने धर दबोचा। इस रोग से मुक्ति पाने के लिए इन्‍होंने पूरी कोशिश की, किन्‍तु सन् 1937 ई. की 15 नम्‍बर को रोग ने इनके शरीर पर अपना पूर्ण अधिकार कर लिया और वे सदा के लिए इस संसार से विदा हो गए।

कृतियाँ

काव्‍य- आँसू , कामायनी, चित्राधर, लहर, झरना
कहानी- आँधी, इन्‍द्रजाल , छाया, प्रतिध्‍वनि (प्रसाद जी की अंतिम कहानी ‘सालवती‘ है।)
उपन्‍यास- तितली, कंकाल, इरावती
नाटक- सज्‍जन, कल्‍याणी-परिणय, चन्‍द्रगुप्‍त, स्कन्दगुप्त, अजातशत्रु, प्रायश्चित, जनमेजय का नागयज्ञ, विशाख, ध्रुवस्‍वामिनी
निबन्‍ध- काव्‍यकला एवं अन्‍य निबन्‍ध

भाषा-शैली

जिस प्रकार प्रसाद जी के साहित्‍य में विविधता है, उसी प्रकार उनकी भाषा ने भी कई स्‍वरूप धारण किए है। इनकी भाषा का स्‍वरूप विषयों के अनुसार ही गठित हुआ है। प्रसाद जी ने अपनी भाषा का श्रृंगार संस्‍कृत के तत्‍सम शब्‍दों से किया है। भावमयता इनकी भाषा शैली प्रधान विशेषता है। भावों ओर विचारों के अनुकूल शब्‍द इनकी भाषा में सहज रूप से आ गए है। प्रसाद जी की भाषा में मुहावरों और लोकोक्तियों के प्रयोग नहीं के बराबर है।/ विदेशी शब्‍दों के प्रयोग भी इनकी भाषा में नहीं मिलते।

शैली- प्रसाद जी की शैली को पाँच भागों में विभक्‍त है

विचारात्‍मक शैली
अनुसन्‍धानात्‍मक शैली
इतिवृत्‍तात्‍मक शैली
चित्रात्‍मक शैली
भावात्मक शैली
हिन्‍दी साहित्‍य में स्‍थान

बॉंग्‍ला-साहित्‍य में जो स्‍थान रवीनद्रनाथ ठाकुर का है, रूसी-साहित्‍य में जो स्‍थान तुर्गनेव का है, हिन्‍दी साहित्‍य में वही स्‍थान प्रसाद जी का है। रवीन्‍द्रनाथ ठाकुर और तुर्गनेव की भॉंति प्रसाद जी ने साहित्‍य के विभिनन क्षेत्राों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। प्रसाद जी कवि भी थे और नाटककार भी, उपन्‍यासकार भी थे और कहानीकार भी। इसमें सन्‍देह नहीं कि जब तक हिन्‍दी-साहित्‍य का अस्तित्‍व रहेगा, प्रसाद जी के नाम को विस्‍मृत किया जाना संभव नहीं हो सकेगा।

इस पोस्ट में हमने जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad Jeevan Parichay) जी का जीवन परिचय के बारे में जाना । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं।

साभार :- गूगल

07/11/2022

#स्वस्थ्य समाज की संरचना करने के लिए पहले देना सीखना पड़ता है। व्यपार, परिवार और मित्रों को परे रख कर समपर्ण, सहानुभूति, सहनशीलता और संगति अगर यह पवित्र है तो आप का व्यपार, परिवार और मित्रों का आगद्घ प्रेम बाबा काशी विश्वनाथ जी किसी न किसी रूप में आप को वापस जरूर करते है।
#याद रखिये जो आज आपका है, कल किसी और का होगा, अतीत में किसी और का था। इसलिए जज नही कटघरे में खड़े रह कर एक आम इंसान की तरह सोचिए। बात करना बहुत आसान है, मगर उसे चरितार्थ करना काफी कठिन है। उदाहरण स्वरूप पीढ़ियों से हम कानूनी लड़ाई जायजाद के लिए करते चले आ रहे है। मगर मंच पर बैठकर हम भाई चारा की सिख देते है। अपने जिले और प्रदेश खुद एक दूसरे से वैमनस्यता रखते है। लेकिन मंच पर हम यह सबक का पाठ सबको पढ़ाते है कि वह भी समाज के है साथ ले कर चलना चाहिए।
अरे भाई शुरुआत करने है तो पहले अपने अंदर के अंतः मन को झांकिए.... अगर वहाँ लगे कि हम अपने नजरो में तो बिल्कुल गिरे हुए है....तो समझो कि सबसे पहले खुद को सही करने की आवश्यकता है।
मैं भी कहा और क्या लिख रहा हूँ..... बस इतना जानलो की बाबा की लाठी बेआवाज होती है।

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