05/07/2025
🌀🍀 खुद को हटा लेना हार नहीं होता,
यह आत्मसम्मान की सबसे सुंदर भाषा है।
कभी सोचा था रिश्ते टूटना मतलब
ज़िंदगी का कोई हिस्सा खो देना।
इसलिए चुपचाप सहती रही,
महत्व न मिलने पर भी साथ बनी रही,
उम्मीद करती रही कि
शायद एक दिन वो मेरी क़ीमत समझेंगे।🍂
मगर वक़्त ने सिखा दिया जहाँ तुम्हारी गैर-मौजूदगी से
किसी को फर्क न पड़े,
वहाँ तुम्हारी मौजूदगी भी बेअर्थ है।
अब जान गई हूँ हर जंग जीतनी नहीं होती,
कभी-कभी खुद को चुपचाप हटा लेना
ही सबसे बड़ा साहस है।🍂
रिश्ते कभी-कभी प्रेम से नहीं,आदत से बंधे होते हैं।
तुमने उन्हें वक़्त दिया, खुद को भुलाया,
और उन्होंने तुम्हें भुला दिया।
अब किसी की बेरुख़ी पर रुकती नहीं, चुपचाप चल पड़ती हूँ
क्योंकि बिना सम्मान के साथ रहना
मेरे आत्मसम्मान के ख़िलाफ़ है।🍂
लोग कहते हैं चले आना कमजोरी है।
उन्हें क्या पता कितनी रातें जागकर
कितनी बार खुद को खोकर
यह शक्ति जुटाई जाती है।💪
आज अगर किसी को छोड़ती हूँ, तो वह मेरी हार नहीं
मेरे खुद से प्रेम की सबसे गहरी अभिव्यक्ति है।🍂
अब मुझे मालूम है
जो खुद से प्यार करता है,💕
वह किसी की उपेक्षा का मोहताज नहीं रहता।🍂