Sikar Churu Jhunjhanu

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11/10/2025

घूंघट में मां रोती रही, दादा समझाते रहे, पुलिस देखती रही… लेकिन प्रेमी के साथ लिव इन में रहने चली गई बेटी…See More #फॉलोवर्स

10/10/2025

सवाई माधोपुर में चांदी के कड़े के लिए बुजुर्ग महिला पैर काटने का दर्दनाक हादसा सामने आया है। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एडमिट कमला देवी (65) ने बताया कि आरोपियों ने पहले तो उसे खाना खिलाया, फिर पैर काटकर कड़े निकाल लिए।

सवाल - आपको आरोपी कहां मिले, फिर क्या-क्या हुआ?

कमला देवी- 5 अक्टूबर को आरोपी मेरे घर आया था। मैं और मेरी बहू मजदूरी करती हैं, तो हमें काम देने के लिए कह रहा था। फिर 8 अक्टूबर की सुबह हमें गंगापुर सिटी के बाइपास पर बुलाया।

सुबह 9 बजे गंगापुरसिटी के बाइपास पर पहुंच गए। करीब एक-डेढ़ घंटे बाद वो आया। आरोपी मुझसे बोला, तू मेरी घरवाली के पास बैठ जा। मैं इन दोनों को छोड़कर आता हूं। फिर मुझे काम पर छोड़ने की बजाय शाम को 8 बजे अपने कमरे पर ले गया। वहां एक महिला भी थी।

सवाल- आरोपी के घर खाना किसने बनाया?

कमला देवी - दोनों ने मुझे खाना खिलाया। फिर आरोपी बोला अभी रात हो गई है, कल सुबह तुझे घर छोड़ आऊंगा।

सवाल- आपके पैर उस कमरे में ही काटे थे क्या?

कमला देवी- नहीं, उस कमरे में घटना को अंजाम नहीं दिया था। कमरे पर पैर नहीं काटे। कमरे से मुझे पीपली की कोठी ले गया। वहां रोड से उतर कर शार्टकट रास्ते पर ले गया।

मैंने कहा तू गाड़ी को यहां क्यों लेकर आया है। उसने कहा माई टॉयलेट कर लेंगे। इस दौरान उसने मेरा गला पकड़ लिया। उसकी पत्नी भी पास ही खड़ी थी, मेरा मुंह बंद कर दिया। मैं चिल्ला भी नहीं पाई और बेहोश हो गया।

मुझे इतना ही पता है। पंजा काटने का मुझे कुछ भी नहीं पता। दोनों मेरे पैर के पंजे काटकर मुझे घास में पटक गए

सवाल- आपको कब होश आया?
कमला देवी- मुझे सुबह होश आया। मैं रेंगते हुए रास्ते में आई। सुबह दो ट्रैक्टर ट्रॉली आई। मैंने रोकने की कोशिश की। एक ड्राइवर ने मेरी मदद की। उसके बाद पहुंची पुलिस ने मुझे हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां से मुझे जयपुर भेज दिया गया।महिला सहित आरोपी गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने आरोपी रामोतार उर्फ काडू बैरवा (32) और उसकी महिला मित्र तनु को गिरफ्तार किया है। आरोपी एक महीने पहले ही सेवर जेल से छूटकर आया था। आरोपियों के खिलाफ बुजुर्ग महिला की बहू ने शिकायत दर्ज कराई थी।

आरोपी पहले भी कर चुका ऐसी वारदात
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले भी इसी प्रकार की वारदात कर चुका है। दोनों ने मजदूरी के बहाने महिला को अपने किराए के कमरे पर बुलाया और चांदी के कड़े के लिए पैर काट दिए। आरोपियों ने जिन लोगों को कड़े बेचे, उनकी भी पहचान कर ली गई है।

      मैं केबिन में लेटा मोबाइल पर रील देख रहा था। अचानक तेज आवाज आई। देखा तो पीछे एक टैंकर का केबिन आग का गोला बन गया थ...
08/10/2025

मैं केबिन में लेटा मोबाइल पर रील देख रहा था। अचानक तेज आवाज आई। देखा तो पीछे एक टैंकर का केबिन आग का गोला बन गया था। सिलेंडर से भरा ट्रक आग की चपेट में आ गया था। मैं ट्रक से कूदकर खेतों में भाग गया। 3 से 5 मिनट में दो जलते सिलेंडर मेरे ट्रक के केबिन से आकर टकराए। थोड़ी देर हो जाती तो मैं भी कोयला बन गया होता।

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पहला बयान सिविल डिफेंस के असरार अहमद, 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी हनीफ व दूसरा बयान उस ट्रक के ड्राइवर रवि का है, जो सिलेंडर वाले ट्रक के पास खड़ा था।

7 अक्टूबर की रात केमिकल टैंकर ने घरेलू गैस सिलेंडर भरे खड़े ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसा जयपुर-अजमेर एक्सप्रेस-वे पर सरावदा गांव के पास हुआ था। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पलभर में 35 हजार लीटर खतरनाक ज्वलनशील केमिकल से भरे टैंकर का केबिन आग का गोला बन गया।

कुछ ही देर में गैस सिलेंडरों ने भी आग पकड़ ली। देखते ही देखते सिलेंडर ब्लास्ट होने लगे। सिलेंडर 40 से 50 फीट तक उछलकर ब्लास्ट हुए। धमाके 3 से 4 किमी तक सुनाई दे रहे थे। बचने के लिए लोग खेतों में छिप गए तो ड्राइवरों ने उल्टी गाड़ियां दौड़ाईं।

07/10/2025

कर्ज की मार, बीवी के ताने, परिवार की चिंता, बच्चों के सपने, फिर फर्ज निभाता हूं हंसकर मर्द हूं , किससे कहूं दर्द अपने ।।

05/10/2025

शादी बस और प्लेन की तरह 😁😀😂

हालात को देखते हुए अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ रही है 😁😀😂
05/10/2025

हालात को देखते हुए अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ रही है 😁😀😂

29/09/2025

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि किस्मत हाई तौबा मचा दे।

26/09/2025

लड़का घर का वह पिलर है जिसके बिना घर ढह जाता है। #फॉलोवर्स

24/09/2025

जरा सा पैर जो फिसला ,
इल्जाम उसी चप्पल पर लगाया सबने,
महीनों तपती जमीन और कांटों से बचाया जिसने।।

23/09/2025

चाँदनी रात में ख्वाब बुनते रहे,
तेरे जज़्बात में हम सुलगते रहे।

तेरी यादों के मौसम मिलते रहे,
दिल के वीराने में फूल खिलते रहे।

तू जो चाहत की शबनम में घुलता रहा,
हम भी उम्मीद की लहर में चलता रहा।

तेरी आँखों से जो रोशनी मिल गई,
हम अँधेरों में भी खुद को सजाते गए।

हर दुआ में तेरा नाम ही रह गया,
हम तो बस तेरे होकर भी डर गए।

रोज पत्नियों के हाथों मारे जा रहे हैं,
अब शादी से विश्वाश उठता जा रहा है ।

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