06/09/2025
सियासी अड्डा की कलम से हक़ की पुकार सवाल ये है कि आज भी मुसलमानों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है क्यों हमारी क़ौम को उत्पात जैसे गंदे और भड़काऊ शब्दों से जोड़ा जा रहा है ये पोस्ट किसी आम आदमी का नहीं बल्कि संजय कुमार जायसवाल जैसे व्यक्ति का है जिसने खुलेआम मुसलमानों की इज़्ज़त साख़ और भाईचारे पर हमला बोला है
भाईजान उत्पात मचाते हैं ये अल्फ़ाज़ सिर्फ़ नफ़रत नहीं बल्कि आग लगाने की कोशिश है
ये अल्फ़ाज़ सिर्फ़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि मुल्क की गंगा-जमुनी तहज़ीब और संविधान के ख़िलाफ़ हैं मुसलमानों ने हमेशा मोहब्बत अमन और इंसानियत का पैग़ाम दिया है हमारी पहचान कभी उत्पात नहीं रही हमारी पहचान क़ुरआन की तालीमात नबी-ए-करीम ﷺ की सीरत और गंगा-जमुनी तहज़ीब रही है लेकिन अफ़सोस कुछ नफ़रत के सौदागर अपने सियासी फ़ायदे के लिए हमें बदनाम कर रहे हैं याद रखो मुसलमानों को उत्पाती कहने वाले दरअसल पूरे समाज को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे लोग मुल्क में अमन-चैन बिगाड़ने वाले असली गुनहगार हैं इस तरह की पोस्ट से नफ़रत फैलाकर ये लोग आने वाली पीढ़ियों के ज़हन में ज़हर घोलना चाहते हैं हम सियासी अड्डा की तरफ़ से सरकार से माँग करते हैं कि संजय कुमार जायसवाल को फ़ौरन गिरफ़्तार किया जाए और उस पर IPC की धारा 153A (धर्म के आधार पर नफ़रत फैलाना), 295A (धार्मिक भावनाएँ आहत करना) और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाला बयान) के तहत मुक़दमा दर्ज किया जाए क्योंकि अगर ऐसे लोगों को खुला छोड़ दिया गया तो कल वही ज़हर दंगे और खून-खराबे की शक्ल लेगा
क़ौम की ख़ामोशी को कभी कमज़ोरी मत समझो अगर हमारी इज़्ज़त पर हमला होगा तो हम कलम से आवाज़ से और कानून के दायरे में रहकर लड़ेंगे सियासी अड्डा जहाँ हक़ की आवाज़ बुलंद होती है वहाँ नफ़रत की साज़िशें दम तोड़ देती हैं