08/12/2025
🇮🇳👉 #रवाईं घाटी की प्रेमगाथा 👉 #गज्जू #मलारी 💐
👉 आज से 400 से 500 साल पहले उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के ग्राम #दोणी और #भीतरी या #बितरी गांव में एक अमर प्रेम गाथा घटित हुई थी।
👉 दोणी गांव में एक स्याना #ठाकुर सिंह रावत सौंदाण निवास करते थे, जिनके 5 बच्चे थे, इनमें 4 लड़के और एक लड़की सलारी थी। ठाकुर सिंह रावत उस समय का अमीर आदमी था जिसका बर्चस्व पूरे इलाकों में माना जाता था।
👉 भीतरी गांव में एक लड़का जिसका नाम #गज्जू था और वह बकरवाल या भेडाल या चरवाह था।
👉 अमर प्रेम कथाओं मे से एक अमर कथा गज्जू मलारी की प्रेम कथा भी है।
👉 मलारी ठाकुर सिंह रावत सौंदाण मलारी का रिश्ता बचपन मे ही तय कर देते हैं। उस दौरान शादी बहुत छोटी उम्र में ही तय हो जाती थी। मगर मलारी अपनी रिश्ते से खुश नही थी, वह बस आदर्श पुत्री बन कर अपने के पिता के दिये वचन को निभाती है।
👉 मलारी और गज्जू की पहली #मुलाकात जंगल में ही होती है, जब गज्जू अपनी भेड़ बकरियों को चराने जंगल में था और मलारी भी पत्तियां लाने जंगल गई थी।
👉 इस पहली ही मुलाकात पे गज्जू और मलारी एक दूसरे से #आकर्षित हो जाते हैं। मगर मलारी को अपने रिश्ते हुआ होने का अहसास भी रहता है।
👉 अपने पिता के दिए हुए वचन के कारण वह प्रेमलीला से दूर रहने की बहुत कोशिश करती है।
👉 लेकिन प्रेम और स्नेह के बिना जिंदगी जी रही मलारी बहुत समय तक अपने आप को रोक नहीं पाती,और गज्जू के प्रेम मोह में पड़ ही जाती है।
👉 गज्जू एक चरवाह था, घुमक्कड़ी उसका जीवन यापन और मलारी सौंदाण की पुत्री, किसकी #हिम्मत को सौंदाण की बहू बेटियों कि तरफ नजर भी डाले।
👉 एक ओर सौंदाण की पुत्री और दूसरी ओर एक बकरी वाला उस समय #जातिप्रथा भी चरम पर थी, जिसके कारण सौंदाण लोग भीतरी गांव वालों को अपने से #नीची जाति का मानते थे और उनसे रिश्ता नहीं करते थे।
👉 समाज की #मजबूरियों और #जातिबंधन मे जकड़े दोनों प्रेमी, एक दूसरे को हिम्मत और साहस देते हैं।
👉 गज्जू कहता है,”मै जानता हूं #वास्तविकता क्या है, मगर क्या करू मैं अपने आप को नहीं रोक पाया, और तुमसे प्यार कर बैठा। मै तुम्हारे पिता जी के पैरो मे अपनी टोपी रख दूंगा,वो जो कहेंगे मै कर दूंगा। मगर वो मुझे तुमसे दूर ना करें।
👉 इन्हीं मधुर मधुर बातों में दिन कट गए, धीरे धीरे मलारी की अतृप्त प्रेम पिपासा #तृप्ति के तरफ रुख करने लगी। दोनों का प्रेम परवान चढ़ने लगा।
👉 अब मै गज्जू के मोह में अधिक जा रही हूं। गज्जू से मेरा आत्मा का मिलन है। इसी प्रकार गज्जू मलारी का प्रेम परवान चढ़ता जा रहा था। मगर #नियति को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन मलारी ने गज्जू को मेला देखने बुलाया।
👉 खुद भी मेला घूमने गई लेकिन वहा एक युवक ने मलारी से दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। यह बात गज्जू को पता चली तो,उसने उस युवक की पिटाई कर दी।
👉 दुर्भावना से ग्रसित उस युवक ने गांव में सबको बता दिया कि , गज्जू मलारी की प्रेम प्रसंग चल रहा है। यह बात मलारी के पिता सौंदाण को पता चली,उसने गुस्से में आकर मलारी को घर की चार दिवारी मे #तीसरी मंजिल पर #कैद कर दिया।
👉 अब एक तरफ सौंदाण की हठधर्मता और दूसरी तरफ मलारी का अतृप्त प्रेम।
👉 उधर गज्जू भी ये उम्मीद मे बैठा रहा,की मेरी मलारी एक दिन पक्का मेरे पास आएगी।
👉 सभी के #लाख समझाने पर भी मलारी , गज्जू के प्रेम से बाहर नहीं निकल पा रही थी। उधर पिता का सख्त पहरा था, ईधर गज्जू के लिए मलारी के दिल में अगाथ प्रेम।
👉 मलारी गज्जू से मिलने के लिए पूरी तरह जिद पर उतर आई। मलारी ने प्राणों कि चिंता किए बिना अन्न जल त्याग दिया और भूखी प्यासी रहने लगी, जिस कारण उसका शरीर कमजोर होता गया और मलारी #बीमार होने लगी।
👉 जिस मकान में वह तीसरी मंजिल पर कैद थी वहां एक छोटी सी खिड़की थी, उस #खिड़की से ही वह गज्जू को देखती रहती थी क्योंकि वह भी अपनी बकरियां उनके घर के सामने #चराने लाता था जिससे उसे भी मलारी की शक्ल दिख जाए।
👉 गज्जू मलारी के सपने ही देखता रहता था उसके साथी लुदरू और बलमु उसे समझाते की सपने कभी सच नहीं होते हैं।
👉 मलारी को जब अन्न जल का त्याग किए हुए जब बहुत दिन हो जाते हैं, तो मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाती है।
👉 फिर भी उसके पिता ठाकुर सिंह रावत सौंदाण का दिल नहीं पसीजता और मलारी अपने #प्राण त्याग देती है।
👉 उधर गज्जू यह खबर सुनकर एकदम सुन हो जाता है वह कुछ बोल नहीं पाता है, और मलारी के प्रेम #वियोग में रहने लगता है।
👉 मलारी के पिता मलारी का #अंतिम संस्कार करते हैं, गज्जू भी अपनी प्रेमिका मलारी को अंतिम समय देखने को अंतिम संस्कार में जाता है।
👉 मलारी तू मर भी जाएगी तो, मै तेरे साथ ही आऊंगा, तू सदा मेरी रहेगी, मै तेरी #मूर्ति की माला बना कर अपने #गले मे धारण करूंगा।
👉 गज्जू अपनी प्रेमिका को एकटक #निहारते रहता है और रोते रहता है।
👉 इस इनकी अमर प्रेम कथा आज भी अमर है और लोग अनेक गानों से इनकी प्रेम कथा से #श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
👉 स्मरण रखें - सलारी और मलारी एक ही लड़की का नाम है।
👉 इनकी जाति रावत थी और सौंदाण ठाकुर इनको बोला जाता था।
👉 मलारी के पिता का नाम ही ठाकुर था,
पूरा नाम - सयाना ठाकुर सिंह रावत सौंदाण।