09/16/2025
उत्तराखंड का ये कोरियोग्राफर जो कभी घर-घर जाकर डांस सिखाता था, आज बॉडीगार्ड लेकर चलता है!
एक टाइम था जब उत्तराखंड के गाने उत्तराखंड तक ही सीमित थे, लेकिन आज न सिर्फ गाने वर्ल्डवाइड हिट हो रहे हैं बल्कि गानों पर किया गया डांस स्टेप भी हिट हो रहा है... मैं समझता हूँ कई बार तो डांस स्टेप्स के चक्करों में गाना हिट हो जा रहा है और ऐसा संभव हुआ है नई पीढ़ी के पहाड़ी कोरियोग्राफर्स की बदौलत।
मगर दिक्कत ये है कि आज भी उत्तराखंड की म्यूजिक इंडस्ट्री में कोरियोग्राफी को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया जाता, इसका कारण प्रोड्यूसर्स के पास लिमिटेड बजट का होना होता है, जिस कारण यहां कोरियोग्राफर का सर्वाइव करना अपने आप में चुनौती है। यही कारण है कि आज गिने चुने कोरियोग्राफर ही अपने हुनर की बदौलत ठीक-ठाक काम कर पा रहे हैं।
इन्हीं में से एक हैं अंकित कुमार जिनके डांस स्टेप्स ने बीते कुछ सालों में एक अलग छाप छोड़ी है और पहाड़ी गानों में आधुनिकता का छौंका लगाते हुए कुमाऊनी गीतों की क्वालिटी को उठाया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि प्रवासी उत्तराखंडी युवा भी नए कुमाऊनी-गढ़वाली गीतों से जुड़ गया।
मगर अंकित कुमार की यहां तक पहुंचने की राह बिल्कुल भी आसान नहीं रही है। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के चौसाल गांव के एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे अंकित को अपने हुनर को आजमाने के लिए हमेशा आर्थिक दिक्कतों से जूझना पड़ा।
शिक्षा की बात करें तो इन्होंने बारहवीं की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज गरखा से की और ये स्कूल टॉपर भी रहे। इसके बाद ग्रेजुएशन इन्होंने अल्मोड़ा से किया। अल्मोड़ा रहते हुए इन्होंने मार्शल आर्ट ताइक्वांडो ज्वाइन किया और डांस से पहले इन्होंने इस क्षेत्र में अच्छा काम किया। आपको जानकर खुशी होगी कि ताइक्वांडो में अंकित ने राष्ट्रीय स्तर पर ब्लैक बेल्ट जीता, उत्तराखंड का नाम रोशन किया।
इसके बाद करीब चार-पाँच साल तक ताइक्वांडो में सक्रिय रहते हुए अंकित ने महिला सशक्तिकरण और आत्मरक्षा को बढ़ावा देने का काम किया तथा सरकारी विद्यालयों की छात्राओं को ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया।
इसी बीच डांस में भी इनकी रुचि बढ़ी जिसे देखते हुए कॉलेज के दिनों में दोस्तों ने इन्हें इस फील्ड में आगे बढ़ने की सलाह दी। बतौर डांसर अंकित को पहला बड़ा मंचीय कार्यक्रम उत्तरायणी कौतिक (बागेश्वर) में मिला, जहाँ वे उत्तराखंड के चर्चित लोकगायक स्व. पप्पू कार्की जी के साथ बैकग्राउंड डांसर बने।
अंकित बताते हैं कि यही वो मंच था जहां पर उन्होंने पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध डांसर विक्रम सिंह को देखा और उनसे प्रेरित होकर निश्चय किया कि वे भी अपनी प्रतिभा को बड़े स्तर पर पहुँचाएँगे। इसके बाद ये प्रॉपर डांसर बनने की प्रोसेस में घुस गए, बहुत मेहनत की, खर्चा चलाने के लिए घर-घर जाकर भी बच्चों को डांस सिखाया।
आज अंकित उत्तराखंड के अलावा हरियाणा फिल्म इंडस्ट्री, बॉलीवुड और पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के कई एल्बमों में अपनी कोरियोग्राफी कर चुके हैं।
पूरी दुनिया में ट्रेंड करने वाले कुमाऊनी गीत "गुलाबी शरारा" ने बतौर कोरियोग्राफर इन्हें नई पहचान दी। उसके बाद इनके पास लगातार काम आया और ये एक से बढ़कर एक हिट्स देते गए।
अंकित कहते हैं कि "हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर नशा करना ही है, तो कला का नशा करो। मेहनत करो, फल की चिंता मत करो।"
मुझे खुशी है कि महज 27 वर्ष की उम्र में अंकित एक अच्छे मुकाम पर हैं और मैं प्रार्थना करता हूँ कि भाई बहुत काम करें, उत्तराखंड ही नहीं बॉलीवुड में भी अपनी धाक जमाएं।
अंकित कुमार की कोरियोग्राफ़ी और Gaon Wala की यह पोस्ट आपको कैसा लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
धन्यवाद 🙏