08/07/2025
🕯️ धराली जल प्रलय: एक पूरा परिवार… जो अब बस यादों में रह गया है
उत्तरकाशी की धरती इन दिनों सिर्फ पत्थरों से नहीं, बल्कि आँसुओं से भी भीगी हुई है।
धराली गांव की वो शांत सुबह शायद किसी ने नहीं सोची थी, जो शाम होते-होते एक भयावह त्रासदी में बदल जाएगी।
38 वर्षीय मुकेश पंवार, अपनी पत्नी विजैता और तीन साल के मासूम बेटे मिट्ठू के साथ गांव आए थे—न किसी तीर्थ, न किसी इलाज, बस दो वजहों से—मेले की रौनक और परिवार की खुशी।
उनके बड़े भाई सुशील पंवार को क्षेत्र पंचायत सदस्य बनने की खुशी थी, और साथ ही गांव में हारदूध मेला चल रहा था।
पूरा परिवार उत्सव के रंग में डूबा था… लेकिन प्रकृति ने कुछ और ही लिखा था।
3 अगस्त की उस शाम को जब बादल फटा और पानी का सैलाब आया, तो मुकेश, विजैता और छोटा मिट्ठू… तीनों इस त्रासदी की धारा में बह गए।
मुकेश का होटल भी जलप्रलय में समा गया।
घर वाले वीडियो देख रहे थे, कॉल कर रहे थे, घंटी बज रही थी… और फिर… फोन बंद हो गया।
💔 "बेटा मिट्ठू आज भी पूछता है — मम्मी-पापा कब आएंगे?"
मुकेश का 6 साल का बड़ा बेटा अदिक्ष, जो अभी LKG में पढ़ता है, कुछ नहीं जानता।
उसे आज भी लगता है कि मम्मी-पापा और छोटा भाई किसी काम से बाहर गए हैं और लौट आएंगे।
कौन बताए इस नन्हे मन को, कि जिनकी आवाज़ में उसे लोरी सुननी थी, अब वो सिर्फ यादों में रह गए हैं।
🫂 मुख्यमंत्री से मिले परिजन, छलके आंसू…
बुधवार को जब मुकेश और विजैता के परिजन उत्तरकाशी पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले,
तो विजैता के चाचा बुद्धि सिंह चौहान की आंखों से आंसू झरने लगे।
मुख्यमंत्री ने उन्हें गले लगाया और कहा –
"सरकार पीड़ितों के साथ है। जल्द ही लापता लोगों का पता लगाया जाएगा।"
🙏 बस एक उम्मीद बाकी है…
धराली में तबाही ने न जाने कितने घरों को उजाड़ दिया, लेकिन मुकेश का परिवार — जो दो खुशियों के जश्न में गांव आया था — अब बस एक दुआ और एक तस्वीर बनकर रह गया है।
#उत्तरकाशी_आपदा
#धराली_आपदा
#रेस्क्यू_टीम
#प्रार्थना_उत्तराखंड_के_लिए
#भावुक_कहानी