03/22/2025
प्यार, विश्वास और एक खूनी खेल
मेरठ की तंग गलियों में बसी एक शांत कॉलोनी में, एक ऐसा राज दफन था, जिसे जानकर पूरा शहर दहल गया। यह कहानी है एक प्रेम त्रिकोण की, जिसमें प्यार, विश्वासघात और खून की साजिश ने सब कुछ बदल दिया।
शुरुआत
साक्षी और आर्यन की शादी को पाँच साल हो चुके थे। दोनों की जोड़ी मिसाल मानी जाती थी—एक खुशहाल जिंदगी, समाज में इज्जत और प्यार से भरा रिश्ता। लेकिन इस कहानी में एक तीसरा किरदार भी था—विवेक। विवेक, जो कभी आर्यन का सबसे अच्छा दोस्त था, अब उसकी पत्नी साक्षी के बेहद करीब आ चुका था।
प्यार या धोखा?
आर्यन को शक था कि साक्षी और विवेक के बीच कुछ चल रहा है, मगर उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं था। साक्षी हर बार बड़ी सफाई से बात टाल देती। लेकिन एक दिन, आर्यन को अपनी पत्नी के फोन में कुछ ऐसे मैसेज मिले, जो उसके सारे शक को यकीन में बदलने के लिए काफी थे।
एक खौफनाक प्लान
साक्षी और विवेक को पता था कि अगर आर्यन ने सबको सच बता दिया, तो उनकी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। इसलिए उन्होंने एक भयानक योजना बनाई। एक रात, जब आर्यन ऑफिस से लौटा, तो उसे उसके पसंदीदा कॉफी में नींद की गोली दी गई। जब वह बेहोश हो गया, तो दोनों ने मिलकर उसे मार डाला।
खून के दाग और जुर्म की कहानी
हत्या के बाद, साक्षी और विवेक ने आर्यन के शरीर के टुकड़े किए और उन्हें एक ड्रम में डालकर तेजाब में गला दिया। सबूत मिटाने के लिए उन्होंने ड्रम को पास की झील में फेंक दिया। लेकिन जुर्म कितना भी होशियारी से किया जाए, सच छुप नहीं सकता।
पुलिस की एंट्री
आर्यन के लापता होने की रिपोर्ट उसके भाई ने लिखवाई। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की, तो कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज ने सारी सच्चाई खोल दी। विवेक और साक्षी ने जितनी चालाकी से अपराध किया था, उतनी ही आसानी से पकड़ भी लिए गए।
अंजाम
कोर्ट में साक्षी और विवेक पर हत्या का आरोप साबित हो गया और उन्हें उम्रकैद की सजा मिली। प्यार के नाम पर रची गई यह साजिश आखिरकार बेनकाब हो गई, और मेरठ की इस घटना ने सबको याद दिला दिया कि धोखा और लालच का अंत हमेशा बुरा ही होता है।