17/01/2023
फेकू जीतेगा या पप्पू : 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत होना तय , बीजेपी के इस दावे पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया...
भारत एक ऐसा देश है जहां एक आम आदमी की जिंदगी सियासत से काफी ज्यादा जुड़ी होती है। इस मुल्क में हर 4-6 महीने पर कोई न कोई बड़ा चुनाव होता ही रहता है। अब 2023 की बात करें तो देश के 09 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। और इन राज्यों में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना और संभव हुआ तो जम्मू एवं कश्मीर शामिल है।
अब बात करे कि तो बीजेपी ने दावा किया है कि इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत होना तय है। बीजेपी के इस दावे पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा के तहत कई राज्यों से गुजरा हूं, इस दौरान लोगों में बीजेपी के खिलाफ काफी रोष देखने को मिला है, ऐसे में विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका लगने वाला है।
दरासल बता दें कि राहुल गांधी ने मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा के तहत पंजाब के होशियारपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान बीजेपी की 9 राज्यों में जीत के दावे से जुड़े एक सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, बीजेपी यह तो नहीं कहेगी कि हम सारे चुनाव हारेंगे। जो देश में माहौल तैयार हो रहा है, जो देश में आर्थिक स्थिति है, बेरोजगारी है, महंगाई है, उससे बीजेपी को बड़ी चोट लगेगी। यह बिल्कुल साफ है।
दोस्तो बता दू की राहुल गांधी ने आगे कहा, मैं कई राज्यों में निकला हूं, यह साफ है कि बीजेपी के खिलाफ काफी गुस्सा है। दरअसल बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत सोमवार से राजधानी दिल्ली में शुरू हो गई है। बैठक के पहले दिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दावा किया है कि इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत पक्की है।
दरासल वहीं वरुण गांधी को लेकर राहुल गांधी से पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, वह भाजपा में हैं अगर वो यहां चलेंगे तो उन्हें दिक्कत होगी क्योंकि हमारी विचारधारा अलग है। मैं RSS के दफ़्तर में नहीं जा सकता... वरुण ने उस(भाजपा की) विचारधारा को अपनाया है और मैं उसे स्वीकार नहीं कर सकता।'
राहुल गांधी ने कहा, भारत की सभी संस्थाओं को RSS और BJP कंट्रोल कर रही है। सभी संस्थाओं पर उनका दवाब है। चुनाव आयोग, नौकरशाही, न्यायपालिका पर उन्होंने कब्जा कर रखा है। जो पहले राजनीतिक लड़ाई होती थी वैसी लड़ाई नहीं है। अब लड़ाई भारत की संस्थाओं और विपक्ष के बीच है।