
04/08/2025
1943 में, जब गढ़वाल की सड़कें दुर्गम थीं, गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (GMOU) ने कोटद्वार से सतपुली तक अपनी पहली बस सेवा शुरू की। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि एक ऐसे सफर की शुरुआत थी जिसने पहाड़ी जीवन को एक नई दिशा दी। जिस दौर में सड़कों का अभाव था, GMOU ने उन कठिन रास्तों पर अपनी पहुँच स्थापित की और दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ा।
शीघ्र ही, GMOU ने गढ़वाल के परिवहन क्षेत्र में एक भरोसेमंद नाम के रूप में अपनी पहचान बना ली। 1960 के दशक तक, यह गढ़वाल के परिवहन का पर्याय बन चुकी थी और इसने पहाड़ी जीवन की जीवनरेखा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज भले ही उत्तराखंड रोडवेज और कई अन्य निजी परिवहन सेवाएं मौजूद हैं, लेकिन GMOU की विरासत और इसका योगदान आज भी गढ़वाल के लोगों के मन में जीवित है। यह संस्था निरंतर अपनी सेवाओं के माध्यम से इस क्षेत्र की जीवनरेखा बनी हुई है।