धर्म ग्रंथ सनातन हिन्दू 2

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"हमारा उद्देश्य हिन्दू धर्म के अनुयायियों को एक साथ जोड़ना है। यहाँ हम धार्मिक ग्रंथों, परंपराओं, और संस्कृति की जानकारी साझा करेंगे। आइये, मिलकर हमारे धर्म की समृद्ध विरासत को समझें और सम्मान करें। जय हिन्दू धर्म!"

21/12/2024

नमस्कार दोस्तों,
इस वीडियो में हम हिंदू धर्म के एक गहन और रोचक प्रश्न का उत्तर तलाशने की कोशिश कर रहे हैं - "हिंदू धर्म में इतने सारे देवता क्यों हैं?"
स्वामी मुकुंदानंद जी के विचारों और शिक्षाओं के आधार पर, हमने इस विषय को विस्तार से समझाया है। यह वीडियो आपको हिंदू धर्म के दर्शन, अद्वैत और द्वैत के सिद्धांत, और देवताओं की विविधता के पीछे का गहरा अर्थ बताएगा।

यदि आप हिंदू धर्म, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है।
देखें, समझें, और अपने विचार हमारे साथ साझा करें।

मुख्य बिंदु:

हिंदू धर्म का अद्वैत और द्वैत दर्शन।

देवताओं की विविधता का कारण।

हर व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत आध्यात्मिकता।

सांस्कृतिक विविधता और देवताओं का महत्व।

देखें और शेयर करें!
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लोग किस नाम से सर्च कर सकते हैं:

हिंदू धर्म में इतने सारे देवता क्यों हैं?

स्वामी मुकुंदानंद के विचार।

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हिंदू धर्म और अद्वैत।

हिंदू देवताओं का अर्थ।

स्वामी मुकुंदानंद वीडियो।

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20/12/2024

"नमस्कार,
क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान विष्णु के महान अवतारों को श्राप क्यों मिला? यह वीडियो आपको पौराणिक कथाओं की गहराई में ले जाएगा और उन कहानियों को समझाएगा जो इन श्रापों के पीछे छिपी हुई हैं।
भगवान विष्णु के वराह, राम और कृष्ण अवतारों को मिले श्राप का महत्व और उनके गहरे संदेश को जानने के लिए इस वीडियो को अंत तक देखें। यह कथा आपको धर्म, कर्म और आध्यात्मिकता के गूढ़ अर्थ समझाएगी।

वीडियो में जानें:

वराह अवतार को भृगु ऋषि ने क्यों दिया श्राप?

राम और कृष्ण अवतारों से जुड़ी श्राप की कहानियां।

श्राप का वास्तविक महत्व और जीवन के लिए इसका संदेश।

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सर्च करने वाले कीवर्ड्स:

विष्णु के अवतारों को श्राप क्यों मिला

भगवान विष्णु की कथा

पौराणिक कहानियां हिंदी में

विष्णु अवतारों की गाथा

Hindu mythology stories in Hindi

श्राप का महत्व

रामायण और महाभारत की कहानियां

Vishnu avatar shrap explained

19/12/2024

"नमस्कार!
इस वीडियो में प्रस्तुत है भारतीय पौराणिक इतिहास की अद्भुत और प्रेरणादायक कथा - समुद्र मंथन। जानिए कैसे देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया और अमृत, लक्ष्मी जी, चंद्रमा सहित कई दिव्य वस्तुएं प्राप्त कीं। साथ ही इस कथा में छिपे गहरे जीवन के संदेशों को भी समझें।

वीडियो में शामिल मुख्य बिंदु:

समुद्र मंथन का उद्देश्य और महत्व

मंथन से प्रकट हुई दिव्य वस्तुएं

विष प्रकट होने पर भगवान शिव का नीलकंठ बनना

अमृत प्राप्ति के लिए देवता और असुरों का संघर्ष

भगवान विष्णु का मोहिनी रूप

यह कथा न केवल हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, बल्कि जीवन में कठिनाइयों को पार करने की प्रेरणा भी देती है।
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#समुद्र_मंथन #पौराणिक_कथा #महादेव #शिव #श्रीहरि

सर्च कीजिए:

समुद्र मंथन की कहानी

Samudra Manthan Full Story in Hindi

समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथाएं

समुद्र मंथन के रहस्य

देवता और असुरों की कथा

भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की कहानी

हिंदू धर्म की रोचक कथाएं"

19/12/2024

"नमस्कार दोस्तों,
इस वीडियो में हम गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा के सफर का काला सच जानेंगे। यमलोक, नरक, पुनर्जन्म और कर्मों का लेखा-जोखा जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है। जानिए कैसे हमारे कर्म मृत्यु के बाद हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं और हमें अच्छे कर्मों की प्रेरणा देते हैं।
यह वीडियो आपको जीवन और मृत्यु के गहरे रहस्यों को समझने में मदद करेगा।

वीडियो में शामिल प्रमुख बातें:

आत्मा का सफर और यमलोक का मार्ग

यमराज का न्याय और कर्मों का हिसाब

नरक की यातनाएं और पुनर्जन्म का चक्र

परिवार का कर्तव्य और आत्मा की शांति

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आपके सवाल:
मृत्यु के बाद क्या होता है?
क्या आत्मा अमर होती है?
गरुड़ पुराण में मृत्यु का क्या वर्णन है?
यमराज के दरबार में आत्मा का क्या होता है?

#मौतकेबाद #गरुड़पुराण #यमराज #कर्मऔरफल #नरक #पुनर्जन्म #आत्माका_सफर

आशा है यह वीडियो आपके जीवन को नई दिशा देने में मदद करेगा। धन्यवाद!"

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"मौत के बाद क्या होता है"

"गरुड़ पुराण में मृत्यु का वर्णन"

"मृत्यु के बाद आत्मा का सफर"

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"कर्मों का लेखा-जोखा गरुड़ पुराण"

"Afterlife in Garud Puran"

"Garud Puran secrets in Hindi"

"Death and afterlife explained"

**शिव कथा:**एक बार की बात है, हिमालय पर स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव तपस्या में लीन थे। उनके भव्य और दयालु रूप ने समस्...
28/07/2024

**शिव कथा:**

एक बार की बात है, हिमालय पर स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव तपस्या में लीन थे। उनके भव्य और दयालु रूप ने समस्त ब्रह्माण्ड को मोहित कर रखा था। एक दिन, देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे उनकी मदद करें, क्योंकि राक्षसों ने संसार को संकट में डाल दिया था। भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना सुनी और उनके कहने पर महादेव ने एक शक्तिशाली तांडव नृत्य किया जिससे राक्षसों की शक्ति समाप्त हो गई और संसार में शांति वापस आ गई। इस प्रकार, शिव की कृपा और शक्ति से संसार को संकट से मुक्ति मिली। भगवान शिव के इस दयालु और बलशाली स्वरूप को देखकर सभी देवता उनके प्रति आभार प्रकट करने लगे। शिव का यह कथा हमें सिखाती है कि सच्चे भक्ति और तपस्या से जीवन में हर कठिनाई का सामना किया जा सकता है।

** #शिवकथा #महादेव #शिवभक्ति #धार्मिककहानी #हिंदूमान्यता**

हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि भगवान सर्वव्यापी हैं और हर जगह उपस्थित हैं। इस धर्म के अनुसार, ईश्वर की उपस्थिति को प्रक...
20/07/2024

हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि भगवान सर्वव्यापी हैं और हर जगह उपस्थित हैं। इस धर्म के अनुसार, ईश्वर की उपस्थिति को प्रकृति, जीव-जंतुओं, और यहां तक कि निर्जीव वस्तुओं में भी महसूस किया जा सकता है। वेदों और पुराणों में कहा गया है कि भगवान न केवल इस ब्रह्मांड के रचयिता हैं, बल्कि वे इसे संचालित और संरक्षित भी करते हैं।

भगवान को कई रूपों और अवतारों में पूजा जाता है, जैसे कि ब्रह्मा (सृजनकर्ता), विष्णु (संरक्षक), और शिव (विनाशक)। इसके अलावा, देवी-देवताओं के विभिन्न रूप, जैसे देवी दुर्गा, लक्ष्मी, और सरस्वती भी महत्वपूर्ण हैं। भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण को विष्णु के अवतार के रूप में मान्यता दी जाती है।

भगवद गीता में भगवान कृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि भगवान हर जीव के हृदय में निवास करते हैं और सभी प्राणियों के भीतर विद्यमान हैं। उपनिषदों में भी यह उल्लेख है कि भगवान को बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि अपने भीतर खोजा जाना चाहिए।

इस प्रकार, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान हर जगह हैं और उनकी उपस्थिति को अनुभव करने के लिए हमें अपने आंतरिक स्व को जागरूक करना होगा।

#हिंदू_धर्म #भगवान #आध्यात्मिकता #वेद #पुराण #भगवदगीता #उपनिषद #भक्ति #दिव्यता #सर्वव्यापी

*इस्लामिक जेहाद।*जेहाद अचानक नहीं होता, यह बहुत धीरे- धीरे होने वाली प्रक्रिया है जिसमें पहले काफिरो (हिन्दुओ) की ताकत क...
20/07/2024

*इस्लामिक जेहाद।*
जेहाद अचानक नहीं होता, यह बहुत धीरे- धीरे होने वाली प्रक्रिया है जिसमें पहले काफिरो (हिन्दुओ) की ताकत को परखा जाता है और उनकी ताकत के हिसाब से तैयारी की जाती है।

जेहाद के पहले हर स्तर पर हिंदुओं को मानसिक रूप से तोड़ा जाता है। जेहाद चरण दर चरण चलने वाली प्रक्रिया है।

*🫵🏻पहला चरण-* आपके क्षेत्र में कबाड़ी फेरीवाले आने शुरू होंगे जो आपकी आर्थिक स्थिति परखेंगे आपके घरों की महिलाओं की क्षमता परखेंगे

*🫵🏻दूसरा चरण-* आप के क्षेत्र में चादर फैला कर मांगने वाले लोभान छोड़ने वाले या सूफी गीत गा कर मांगने वाले आने लगेंगे ये दुआएं दे कर भीख मांगेंगे और तलाशेंगे कि कितने परेशान हिन्दू उनके जाल में फंस सकते है।

*🫵🏻तीसरा चरण-* वो आपके क्षेत्र में ऐसी दुकान खोलेंगे या ऐसा कार्य करेंगे जिससे महिलाओं से उनका संपर्क बढ़ सके और लव जेहाद को बढ़ाया जा सके और महिलाओं को माध्यम बनाकर उनके पिता, भाई व पति से तालमेल बनाया जा सके व उनके दिमाग को पढ़ा जा सके।

*🫵🏻चौथा चरण-* आपके क्षेत्र में रोड पर कब्जा करके दुकान खोलेंगे और कम कीमत में काम करेंगे, जिससे हिन्दुओ को छोड़ कर आप उनके पास काम करवाने जाने लगें, उनकी दुकानों पर आवारा लड़को का जमावड़ा होने लगेगा।

*🫵🏻पाचवां चरण-* हिन्दुओ की दुकानों व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर कम वेतन में नौकरी करना शुरू करेंगे।

*🫵🏻छठा चरण-* ये आपके क्षेत्र में हलाल के मांस की दुकान खोलेंगे।

*🫵🏻सातवां चरणजेड* हिन्दू बहुल क्षेत्र में महंगे दामों पर मकान खरीदेंगे या किराया पर लेंगे।

*🫵🏻आठवां चरण-* हिन्दू लड़को से दोस्ती करेंगे, जिससे वो हिन्दू लड़कियों से परिचय कर सकें और किसी न किसी बहाने आपके घर आ जा सकें।

*🫵🏻नौवां चरण-* आपके क्षेत्र में मज़ार बनाएंगे और उसके चमत्कारों का प्रचार करेंगे जिससे मूर्ख हिन्दू वहां जाना शुरू करें।

*🫵🏻दसवां चरण-* अब जिहाद का असर दिखने के लिए तैयार है अब वो इस्लामिक धार्मिक आयोजन करेंगे और इस तरह से करेंगे कि हिन्दुओ को उससे समस्या हो।

*🫵🏻ग्यारहवां चरण-* आपके धार्मिक आयोजनों का विरोध करने लगेंगे।

*🫵🏻बारहवां चरण-* वो हर तरह से अपना अधिकार जताएंगे और सदैव मौके की तलाश में होंगे कि कब हिंदुओं को अपमानित करते हुए इन पर हमला किया जाए।
*अब आप स्वयं इन लक्षणों को पहचाने और यह तय करें कि, आप जिहाद के किस चरण में हैं।*

इसलिए इस पोस्ट को शेयर करते हुए खुद भी जागिए और पूरे हिंदू समाज को एक सूत्र में बांधते हुए जगाने का कार्य कीजिए

*जय जय श्री राम*

हिंदू धर्म में बड़ों का परणाम (प्रणाम) करना एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसे संस्कार, शिष्टाचार और धार्मिकता का प...
20/07/2024

हिंदू धर्म में बड़ों का परणाम (प्रणाम) करना एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसे संस्कार, शिष्टाचार और धार्मिकता का प्रतीक माना जाता है। परणाम का अर्थ है आदर और सम्मान प्रकट करना। हिंदू धर्म में, यह मान्यता है कि बड़ों के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। बड़ों के चरण स्पर्श करने से हमें उनके अनुभवों और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।

प्रणाम करने से हमारे भीतर नम्रता और विनम्रता का विकास होता है। यह संस्कार हमें यह सिखाता है कि हम अपने से बड़े और वरिष्ठ लोगों का सम्मान करें, चाहे वे हमारे माता-पिता हों, शिक्षक हों, या समाज के अन्य वरिष्ठ सदस्य। हिंदू धर्म के ग्रंथों में भी यह बताया गया है कि गुरु, माता-पिता और आचार्य का सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है।

प्रणाम करने से हम सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते हैं। यह भी माना जाता है कि जब हम बड़ों को प्रणाम करते हैं, तो हमारी सभी नकारात्मक भावनाएँ दूर हो जाती हैं और हम सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं।

इस प्रकार, बड़ों का परणाम करने का संस्कार हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे अपने जीवन में अपनाकर हम अपनी आध्यात्मिक और सामाजिक उन्नति कर सकते हैं।

#हिंदू_संस्कार #प्रणाम #आदर #संस्कार #विनम्रता #सकारात्मकता #आशीर्वाद #धार्मिकता

राम सेतु, जिसे आदम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह ...
18/07/2024

राम सेतु, जिसे आदम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह सेतु भगवान राम और उनकी वानर सेना द्वारा श्रीलंका तक पहुँचने के लिए बनाया गया था ताकि वे रावण से युद्ध कर सकें और माता सीता को मुक्त करा सकें।

हाल के वर्षों में, नासा ने सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से इस सेतु के अस्तित्व की पुष्टि की है। नासा की तस्वीरों में देखा गया है कि भारत और श्रीलंका के बीच पानी में पत्थरों की एक श्रृंखला है, जो रामायण में वर्णित राम सेतु की तरह दिखती है।

नासा के इस अध्ययन ने हिंदू धर्म के अनुयायियों के विश्वास को और भी मजबूती प्रदान की है कि राम सेतु एक वास्तविक ऐतिहासिक स्थल है। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस सेतु के निर्माण और उसके समयकाल को लेकर अभी भी अध्ययन और बहस जारी है, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से यह सेतु अनमोल है और भगवान राम की महानता का प्रतीक है।

राम सेतु का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भारतीय संस्कृति और धरोहर का अभिन्न हिस्सा है और नासा की पुष्टि से इसे और भी मान्यता मिली है।

राम का अवतार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय है। भगवान विष्णु ने त्रेता युग में धरती पर राक्षस राज रावण के अत...
18/07/2024

राम का अवतार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय है। भगवान विष्णु ने त्रेता युग में धरती पर राक्षस राज रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए राम का अवतार लिया। रावण ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर धरती पर आतंक मचा रखा था, और देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे पृथ्वी पर अवतार लेकर इस संकट का समाधान करें।

राम अवतार के माध्यम से भगवान विष्णु ने मानव जीवन के आदर्शों, कर्तव्यों, और मूल्यों को प्रस्तुत किया। राम ने अपने जीवन में एक आदर्श पुत्र, भाई, पति, और राजा का धर्म निभाया। उन्होंने सत्य, धर्म, और न्याय की राह पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन किया और अंततः रावण का वध करके धरती को उसके आतंक से मुक्त किया।

राम का जीवन और उनके कार्य, रामायण में वर्णित हैं, जो हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। राम ने अपने आचरण और गुणों से यह संदेश दिया कि कैसे एक व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म और सत्य का पालन करना चाहिए, और कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करना चाहिए।

हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को त्रिदेव कहा जाता है, और ये तीनों देवता सृष्टि, पालन और संहार के प्रतीक म...
18/07/2024

हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को त्रिदेव कहा जाता है, और ये तीनों देवता सृष्टि, पालन और संहार के प्रतीक माने जाते हैं। ब्रह्मा सृष्टि के देवता हैं, जिन्होंने संसार की रचना की। विष्णु पालनहार हैं, जो संसार की रक्षा और पोषण करते हैं। महेश (शिव) संहारक हैं, जो संसार की नाश की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं।

त्रिदेवों में से कौन बड़ा है, इसका निर्णय करना कठिन है क्योंकि तीनों का अपना-अपना महत्व और भूमिका है। ब्रह्मा बिना विष्णु और शिव के सृष्टि का निर्माण नहीं कर सकते, विष्णु बिना ब्रह्मा और शिव के संसार की रक्षा नहीं कर सकते, और शिव बिना ब्रह्मा और विष्णु के संहार नहीं कर सकते। तीनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और त्रिदेव की ये तिकड़ी ही संसार की संतुलित व्यवस्था बनाए रखती है।

हिंदू धर्म में इसे इस प्रकार समझाया गया है कि तीनों देवताओं का महत्व समान है और वे एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए, त्रिदेवों में कोई एक बड़ा नहीं है, बल्कि तीनों का अपना-अपना महत्व और स्थान है।

#त्रिदेव #हिंदूधर्म #ब्रह्मा #विष्णु #महेश #शिव #धार्मिकज्ञान #सृष्टि #पालनहार #संहारक

महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु की मृत्यु एक महत्वपूर्ण और दिल दहला देने वाली घटना है। अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र...
17/07/2024

महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु की मृत्यु एक महत्वपूर्ण और दिल दहला देने वाली घटना है। अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र थे, और उनकी वीरता और साहस की कहानियां महाभारत में प्रमुखता से वर्णित हैं। केवल 16 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने युद्ध में अद्वितीय पराक्रम दिखाया।

अभिमन्यु की मृत्यु का कारण उनकी चक्रव्यूह को भेदने की अर्ध-पूर्ण शिक्षा थी। जब सुभद्रा गर्भवती थीं, तब अर्जुन ने उन्हें चक्रव्यूह तोड़ने की कला सिखाई थी। लेकिन सुभद्रा को नींद आ गई और इसलिए अभिमन्यु ने केवल चक्रव्यूह में प्रवेश करने का तरीका ही सीखा, परंतु बाहर निकलने का तरीका नहीं जान पाया।

महाभारत युद्ध के 13वें दिन, कौरवों ने चक्रव्यूह की रचना की। पांडव पक्ष में केवल अर्जुन और कृष्ण ही चक्रव्यूह को पूरी तरह से भेदना जानते थे, लेकिन वे उस समय युद्ध के दूसरे मोर्चे पर थे। तब अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में प्रवेश किया और अकेले ही कई योद्धाओं का सामना किया। दुर्भाग्यवश, चक्रव्यूह में फंसने के बाद, जयद्रथ ने पांडवों को अंदर जाने से रोका। अंततः, कौरवों के महारथियों ने मिलकर अभिमन्यु को मार डाला।

अभिमन्यु की वीरता और बलिदान भारतीय संस्कृति में एक प्रेरणादायक कथा है।

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