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05/08/2024

POV:-
किसान:-महाराज किसानों के लिए कुछ कीजिए आजकल मार्केट मैं सारे दाम गिरे हुए है है
Le rahul : POV:-
यह मिर्च का रेट क्या चल रहा है ?
Kisan:- 10Rs है महाराज

राहुल 😃 :- माँ आप तो कह रही थी 100 rupaye है ??

मां :- अरे बालकबुद्धि वह लाल मिर्च है

राहुल किसान से :- अरे तो तुम लाल मिर्च क्यों नहीं उगाते
किसान बेहोश 🤣🤣

Note :- चमचे राहुल को कृपा राहुल गांधी जी बिलकुल ना समझे 🙏🙏

03/08/2024

पता नहीं लोग क्या सोचते है और क्या कहते है।
कहने लगे है कि "महादेव नाराज़ है" तभी ये आपदा आई
या महादेव के स्थान पर गंदगी डाली तब वो क्रोधित हो गए।

सीधा सीधा उन पर इल्जाम सा लगा रहे है कि उन्होंने उन मासूमों की जान ली है जिनका इससे कुछ लेना देना नहीं था।
क्या "भोले" ऐसा सोच भी सकते है या इतने क्रोधित हो गए कि किसी और के किए की सज़ा निर्दोषों को देने लगे है।

सोच समझ के लिखा करें
अपनी उंगलियां देखो कि ईशारा किस ओर कर रही है

हमसे सिर्फ़ प्रकृति और ये धरती क्रोधित है
ये बात जान लीजिए।
🙏🙏

28/06/2024

हिमाचल प्रदेश में पेंशनर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्थिति ये है कि आने वाले समय में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों की जगह पेंशनर्स की संख्या अधिक हो जाएगी. आंकड़ों के अनुसार इस वित्त वर्ष में पेंशनर्स की संख्या 1,89,466 है. ये अगले वित्त वर्ष यानी 2025-26 में बढ़कर 199931 हो जाएगी. इसी प्रकार वर्ष 2026-27 में ये संख्या 208896 होगी. फिर वर्ष 2027-28 में पेंशनर्स की संख्या 217115 होगी. इसके बाद ये संख्या वित्त वर्ष 2028-29 में 224513 हो जाएगी और फिर 2029-30 में पेंशनर्स 238827 हो जाएंगे. इस प्रकार पांच साल में पेंशन पर ही सरकार को 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने होंगे. ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद से पेंशन पर खर्च बढ़ रहा है. ये एक वित्त वर्ष में 13 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया है. ये बात अलग है कि सरकारी कर्मचारी अब कम हो रहे हैं. कारण ये है कि नियमित भर्ती निरंतर नहीं हो रही है और कई फंक्शनल पद भरे नहीं जा रहे हैं.

वर्ष 2024 के बजट का ये है हाल

इस वित्त वर्ष के बजट के अनुसार सौ रुपए में से वेतन पर 25 फीसदी खर्च हो रहा है. पेंशन का खर्च 17 रुपए है. इस प्रकार वेतन व पेंशन पर ही सरकार को सौ रुपए में से 42 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 58444 करोड़ का बजट पेश किया था. अनुपूरक बजट के बाद ये आंकड़ा साठ हजार करोड़ से अधिक हो गया था. आलम ये है कि फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा प्रदेश की जीडीपी का 4.75 फीसदी होने का अनुमान है. ये घाटा 10784 करोड़ रुपए के करीब अनुमानित है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसी कारण वित्त आयोग से उदार आर्थिक सहायता की सिफारिशों का आग्रह किया है. पूर्व वित्त सचिव केआर भारती भी मानते हैं कि राज्य की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है. आने वाले समय के लिए कुछ गंभीर उपाय करने होंगे.

23/06/2024

हमारा विनाश कब शुरू हुआ?
1.हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया!

2. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया!

3. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया!

4. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!

5. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!

6. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!

7. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं!

8. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!

9. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी ।

10. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाया था।

11. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।

12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।

13. लोग घर मे तो काम नही करते पर जिम जाकर हार्टअटैक से मर रहे है क्योंकि बॉडी को दिखाना भी है जिसके लिए अलग अलग प्रकार के दवाई और पावडर का सेवन कर रहे जो धीरे-धीरे हार्ट अटैक और किडनी डैमेज का कारण बनता जा रहा है।

14. पहले के जमाने में लोग स्वस्थ इसलिए रहते थे क्योंकि प्रकृति के हिसाब से चलते थे सुबह दोपहर शाम रात का काम प्रकृति के हिसाब से करते थे अब सुबह उठते नहीं और रात को सोते नहीं जिससे पूरा सिस्टम ही खत्म हो गया है जो धीरे-धीरे बीमारियों का जड़ बन रहा है

15. आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों में भोजन का समय सूर्यास्त से पहले बताया गया है पर आजकल 11:00 बजे 12:00 बजे रात को भोजन किया जाता है जिससे पेट तो निकल ही रहे हैं शरीर पचा नहीं पता और धीरे-धीरे बीमारियों का घर बनते जा रहे हैं

नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं। आज लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!!

15/06/2024

गर्व से कहो
मैं भी अंधभगत 🚩🚩

06/06/2024

हमारा समर्थन तो हमेशा हिंदुत्व को ही जाएगा , क्योंकि हमारा वक्त खराब हो सकता हैं। रक्त नहीं ✅

जय श्री राम ❤️

17/05/2024

झाड़ू मैं माँ लक्ष्मी जी का वास होता है।केजरीवाल ने निशान रख लिया 🤣
भूल गया वह कमल के फ़ुल पर विराजती है 🤣

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