28/09/2025
Umiya mata
देवी अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 – 13 अगस्त 1795) मालवा साम्राज्य की एक असाधारण शासक थीं, जिनका शासनकाल आज भी एक आदर्श, न्यायपूर्ण और जनकल्याणकारी शासन के रूप में याद किया जाता है। उन्हें 'लोकमाता' और 'दार्शनिक रानी' (Philosopher Queen) के नाम से भी जाना जाता है।
उनका जीवन और शासनकाल भारतीय इतिहास की सबसे उज्ज्वल अवधियों में से एक है।
प्रमुख उपलब्धियाँ और शासन
1. कुशल प्रशासन और सैन्य नेतृत्व
* शासनावधि: उन्होंने 1767 से 1795 तक, लगभग 30 वर्षों तक मालवा (राजधानी महेश्वर) पर शासन किया।
* न्याय: वह अपने निष्पक्ष और त्वरित न्याय के लिए प्रसिद्ध थीं। वह प्रतिदिन जनता के लिए दरबार लगाती थीं और सीधे लोगों की शिकायतें सुनती थीं, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति को भी न्याय मिल सके।
* सैन्य कौशल: अपने पति और ससुर के निधन के बाद, उन्होंने स्वयं राज्य की बागडोर संभाली। उन्होंने युद्धों में सेना का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया और कई बाहरी आक्रमणों से अपने राज्य की सफलतापूर्वक रक्षा की।
2. संस्कृति और धर्म का संरक्षण
अहिल्याबाई होलकर का सबसे बड़ा योगदान भारत भर के तीर्थस्थलों और मंदिरों के जीर्णोद्धार और निर्माण में है। उनका मानना था कि उनकी संपत्ति जनता के लिए है, जिसका उपयोग धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए।
* काशी विश्वनाथ मंदिर: उन्होंने 1780 में मुगलों द्वारा नष्ट किए गए मूल काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।
* बारह ज्योतिर्लिंगों का जीर्णोद्धार: उन्होंने सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, ओंकारेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, केदारनाथ, बद्रीनाथ और रामेश्वरम सहित पूरे भारत में प्रमुख ज्योतिर्लिंगों और अन्य तीर्थस्थलों के मंदिरों, घाटों, कुओं और धर्मशालाओं का निर्माण और नवीनीकरण कराया।
* सार्वजनिक सुविधाएँ: उन्होंने यात्रियों की सुविधा के लिए देश भर में सड़कें, कुएँ, और विश्राम गृह (धर्मशालाएँ) बनवाए।
3. आर्थिक और सामाजिक विकास
* उद्योग: उन्होंने अपनी राजधानी महेश्वर को एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया। उन्होंने वहाँ एक वस्त्र उद्योग की स्थापना की, जो आज भी अपनी विश्व-प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ियों के लिए जाना जाता है।
* सामाजिक सुधार: उन्होंने महिलाओं के संपत्ति के अधिकार, शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह जैसे सामाजिक सुधारों का समर्थन किया। उन्होंने अपने राज्य में किसानों और व्यापारियों को शांति और सुरक्षा प्रदान की।
विरासत
अहिल्याबाई होलकर का शासन शांति, समृद्धि और धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। उनकी तुलना रूस की कैथरीन द ग्रेट और इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम जैसी महान शासकों से की जाती है।
आज भी, भारत सरकार उनके सम्मान में डाक टिकट जारी कर चुकी है, और इंदौर के घरेलू हवाई अड्डे का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है। उनका जीवन एक महिला शासक के शौर्य, प्रशासनिक क्षमता और अटूट धर्मनिष्ठा का प्रतीक है।