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 # # **रहस्यमयी हवेली का राज**शहर से कई किलोमीटर दूर, घने जंगलों और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच एक पुरानी हवेली खड़ी थी। हवे...
26/09/2025

# # **रहस्यमयी हवेली का राज**
शहर से कई किलोमीटर दूर, घने जंगलों और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच एक पुरानी हवेली खड़ी थी। हवेली इतनी विशाल थी कि उसकी टूटी हुई दीवारें और ऊँचे गुम्बद दूर से ही नज़र आ जाते। गाँव वाले कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं—रात के सन्नाटे में चीखने की आवाज़ें, खिड़कियों से दिखती रहस्यमयी परछाइयाँ और अपने-आप बजने वाली घंटियाँ।
किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो सूरज ढलने के बाद हवेली के आस-पास भी जाए। लोग बच्चों को डराने के लिए कहते—“अगर शरारत करोगे तो हवेली का भूत पकड़ ले जाएगा।”
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# # **राहुल की जिज्ञासा**
राहुल बीस साल का एक जिज्ञासु लड़का था। उसे बचपन से ही रहस्यमयी कहानियों में दिलचस्पी थी। जब भी कोई हवेली की डरावनी बात करता, उसके अंदर रोमांच भर जाता। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर अक्सर उसे समझाते, “पागल मत बन, वहाँ कोई जाता नहीं। जो गया, वो लौटकर नहीं आया।”
लेकिन राहुल का मन मानने वाला कहाँ था। उसने ठान लिया कि वह हवेली के रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
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# # **आधी रात की यात्रा**
एक रात, जब सब सो रहे थे, राहुल चुपचाप घर से निकला। उसके पास सिर्फ एक टॉर्च, एक मोबाइल और जेब में पेन-नोटबुक थी। अँधेरी रात में झींगुरों की आवाज़ और पेड़ों से आती ठंडी हवा उसे और भी बेचैन कर रही थी।
जंगल का रास्ता लंबा था। पत्तियों की सरसराहट और अचानक टूटती डालियाँ सुनकर कई बार उसका दिल जोर से धड़का। पर उसने कदम नहीं रोके। लगभग आधे घंटे की पैदल यात्रा के बाद वह हवेली के दरवाज़े तक पहुँच गया।
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# # **हवेली के भीतर**
हवेली का दरवाज़ा आधा टूटा हुआ था। राहुल ने हल्का धक्का दिया तो दरवाज़ा अपने-आप चरमराता हुआ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा और सीलन की गंध थी। उसने टॉर्च जलाकर देखा—चारों तरफ पुरानी पेंटिंग्स, टूटे फर्नीचर और मकड़ी के जाले।
फर्श पर कदम रखते ही उसकी आवाज़ पूरे हॉल में गूँज गई। तभी अचानक उसे सीढ़ियों से ऊपर भागती हुई परछाई दिखी। राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा, पर उसका डर उसकी जिज्ञासा से छोटा था।
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# # **कमरों का रहस्य**
वह सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर पहुँचा। पहला कमरा खोला तो उसमें एक टूटी हुई चारपाई और बिखरे हुए बर्तन पड़े थे। दूसरे कमरे में दीवार पर एक विशाल पेंटिंग थी—राजा विक्रम सिंह और उनका परिवार। पेंटिंग के नीचे लिखा था, *“सत्य छिपा है भीतर।”*
इतने में अचानक कमरे का झूला अपने-आप हिलने लगा। राहुल के हाथ-पाँव ठंडे पड़ गए। उसने टॉर्च उस ओर घुमाई तो झूला रुक गया।
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# # **गुप्त दरवाज़ा**
राहुल की नज़र अलमारी पर पड़ी। उसने ज़ोर लगाया तो अलमारी हिली और पीछे से एक गुप्त दरवाज़ा दिखाई दिया। राहुल ने दरवाज़ा खोला और नीचे उतरने लगा। सीढ़ियाँ तहखाने की ओर जाती थीं।
नीचे पहुँचते ही उसे पुराने कागज़, नक्शे और एक धूल भरी डायरी मिली। डायरी खोलते ही पहला वाक्य चमका:
*“यदि कोई यह पढ़ रहा है, तो सावधान! यह हवेली सिर्फ एक महल नहीं, बल्कि एक रहस्य की क़ैदगाह है।”*
डायरी के पन्नों में लिखा था कि राजा विक्रम सिंह के पास *नवरत्न मणि* नामक हीरा था, जो जिसे भी मिलता, उसकी किस्मत बदल देता। पर उस हीरे के पीछे कई चोर और दुश्मन पड़े थे। एक रात वह हीरा गायब हो गया और उसी के बाद राजा रहस्यमय तरीके से लापता हो गए।
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# # **डरावनी मुलाक़ात**
अचानक तहखाने का दरवाज़ा ज़ोर की आवाज़ से बंद हो गया। राहुल घबरा गया। तभी पीछे से धीमी आवाज़ आई—“यहाँ आकर तूने बड़ी गलती की है।”
उसने टॉर्च घुमाई तो सामने एक परछाई खड़ी थी। परछाई धीरे-धीरे पास आई और अब साफ़ दिखा—वह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
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# # **बूढ़े चौकीदार का सच**
बूढ़े आदमी ने कहा, “मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले राजा ने हीरे को यहाँ छिपाया था। चोरों ने हमला किया, राजा ने बचाने की कोशिश की पर वे खुद इसी तहखाने में क़ैद हो गए। लोग सोचते हैं कि यह हवेली भूतहा है, पर असल में ये सिर्फ अफवाहें थीं ताकि कोई हीरे तक न पहुँचे।”
फिर उसने दीवार के कोने में छिपी तिजोरी दिखाई। चाबी निकालकर तिजोरी खोली तो उसमें छोटा-सा डिब्बा था। जब डिब्बा खोला, तो उसमें से चमकदार *नवरत्न मणि* निकला।
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# # **सच्चाई सामने**
“यह हीरा अब किसे मिलेगा?” राहुल ने पूछा।
बूढ़ा बोला, “इसे सही हाथों में जाना चाहिए। लालच ने ही इस हवेली को सुनसान बना दिया। अब यह जनता की अमानत है।”
राहुल ने अगली सुबह पुलिस को सूचना दी। सरकार ने उस हीरे को संग्रहालय में सुरक्षित रख लिया।
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# # **अंतिम संदेश**
राहुल जब हवेली से निकला तो उसने पीछे मुड़कर देखा। हवेली अब भी खंडहर थी, पर अब उसके लिए वह डरावनी नहीं, बल्कि इतिहास और साहस की गवाही थी।
राहुल ने सबको साबित कर दिया कि—
**डर अक्सर हमारे दिमाग़ का वहम होता है, और सच्चाई को जानने के लिए हिम्मत चाहिए।**

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:--- # # # **रहस्यमयी हवेली का राज**शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंड...
24/09/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:
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# # # **रहस्यमयी हवेली का राज**
शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंडहर जैसी हवेली खड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं। कुछ ने वहाँ से डरावनी आवाज़ें सुनी थीं, तो कुछ ने दावा किया था कि उन्होंने हवेली की खिड़कियों से परछाइयाँ देखी थीं।
# # # **राहुल और उसकी जिज्ञासा**
राहुल को रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने का बहुत शौक था। जब उसने हवेली के बारे में सुना, तो उसकी उत्सुकता बढ़ गई। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की कि वहाँ जाना खतरे से खाली नहीं है, पर राहुल ने ठान लिया था कि वह इस रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
एक दिन, बिना किसी को बताए, राहुल ने हवेली में जाने की योजना बनाई। आधी रात को, एक टॉर्च और मोबाइल लेकर वह जंगल की तरफ निकल पड़ा।
# # # **हवेली के अंदर**
हवेली के पास पहुँचते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। चारों ओर अजीब-सा सन्नाटा था। दरवाजा हल्के से धक्का देते ही चरमराने की आवाज़ के साथ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा था। उसने टॉर्च जलाकर इधर-उधर देखा।
हॉल में पुरानी पेंटिंग्स टंगी थीं, जिन पर धूल जमी थी। दीवारों पर मकड़ी के जाले थे और फर्श पर टूटी हुई लकड़ियाँ बिखरी थीं। अचानक, उसे एक हल्की सरसराहट सुनाई दी। वह चौंका, लेकिन खुद को संभालते हुए आगे बढ़ा।
# # # **रहस्यमयी परछाई**
राहुल धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने लगा। तभी उसे एक परछाई दिखी जो तेजी से एक कमरे में चली गई। राहुल की धड़कन तेज हो गई, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। वह उस कमरे की ओर बढ़ा और दरवाजा खोला।
कमरे में एक पुरानी अलमारी थी, एक टूटा हुआ झूला और दीवार पर एक पुरानी तस्वीर टंगी थी। तस्वीर में एक परिवार था—एक आदमी, एक औरत और एक बच्चा। अचानक, हवा का एक झोंका आया और तस्वीर ज़मीन पर गिर गई।
राहुल ने अलमारी खोलने की कोशिश की, लेकिन वह जाम थी। तभी उसे पीछे से किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। उसने तुरंत मुड़कर देखा, पर वहाँ कोई नहीं था।
# # # **छुपा हुआ दरवाजा**
राहुल अलमारी के पास गया और ज़ोर से धक्का दिया। तभी अलमारी के पीछे एक गुप्त दरवाजा दिखा। राहुल ने उसे खोला और अंदर झाँका।
कमरा एक तहखाने में खुलता था। वहाँ कुछ पुराने सामान रखे थे और एक मेज पर ढेर सारे कागज़ फैले थे। एक डायरी पड़ी थी, जिस पर धूल की मोटी परत जमी थी।
राहुल ने उसे उठाया और पहला पन्ना खोला। लिखा था:
*"यदि कोई यह डायरी पढ़ रहा है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि इस हवेली में कुछ रहस्य छुपे हैं। मैं इसे उजागर करना चाहता था, पर शायद अब मैं यह कभी नहीं कर पाऊँगा।"*
राहुल ने पन्ने पलटने शुरू किए। डायरी के अनुसार, यह हवेली कभी राजा विक्रम सिंह की थी। उनके पास एक बहुमूल्य हीरा था, जिसे ‘नवरत्न मणि’ कहा जाता था। कहा जाता था कि वह हीरा इतना शक्तिशाली था कि जो भी उसे छूता, उसकी किस्मत बदल जाती। लेकिन एक दिन वह हीरा रहस्यमय तरीके से गायब हो गया, और उसी के बाद राजा भी लापता हो गए।
# # # **भूत या कोई और?**
राहुल जब डायरी पढ़ रहा था, तभी अचानक किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। वह तेजी से मुड़ा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। अचानक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया। राहुल ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, पर वह अंदर से लॉक हो चुका था।
तभी एक धीमी आवाज़ आई, "तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था!"
राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने टॉर्च चारों ओर घुमाई। तभी एक छाया उसके सामने आई। वह डर के मारे पीछे हट गया।
"क-कौन हो तुम?" राहुल ने डरते हुए पूछा।
परछाई धीरे-धीरे पास आई, और अब राहुल को स्पष्ट दिखा—यह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
# # # **राज़ का पर्दाफाश**
बूढ़े आदमी ने धीरे से कहा, "मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले, राजा विक्रम सिंह ने इस हीरे को बचाने के लिए इसे तहखाने में छिपा दिया था। लेकिन कुछ चोर इसे चुराने आ गए। राजा ने उन्हें रोकने की कोशिश की, पर वह खुद ही इस तहखाने में फँस गए। तभी से यह हवेली सुनसान पड़ी है।"
"लेकिन लोग कहते हैं कि यहाँ भूत हैं?" राहुल ने पूछा।
बूढ़ा हँसा, "यह सिर्फ अफवाहें हैं। लोगों को डराने के लिए ही ये कहानियाँ फैलाई गई हैं, ताकि कोई इस हीरे तक न पहुँचे।"
राहुल ने चारों ओर देखा। उसे एक पुरानी तिजोरी दिखी। बूढ़े आदमी ने एक चाबी निकाली और तिजोरी खोली। अंदर एक छोटा-सा डिब्बा रखा था। जब बूढ़े ने उसे खोला, तो अंदर चमचमाता हुआ 'नवरत्न मणि' रखा था।
"अब यह क्या होगा?" राहुल ने पूछा।
"इसे सरकार को सौंपा जाएगा, ताकि यह सही हाथों में रहे," बूढ़े ने कहा।
राहुल मुस्कुराया। उसने हवेली के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया था। अगली सुबह, उसने पुलिस को सूचना दी, और 'नवरत्न मणि' को संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया।
राहुल ने साबित कर दिया कि कभी-कभी डर सिर्फ मन का वहम होता है, और हिम्मत से हर रहस्य सुलझाया जा सकता है।

चचेरेभाई की लण्ड देखकर चुद दी  8मैं रिया फिर से हाजिर हूँ तो अपने सातवे भाग में पढ़ा की मैं , नेहा और सबनम ने मोना को उसक...
24/09/2025

चचेरेभाई की लण्ड देखकर चुद दी 8
मैं रिया फिर से हाजिर हूँ तो अपने सातवे भाग में पढ़ा की मैं , नेहा और सबनम ने मोना को उसकी लेने के लिए मेरे घर बुला ली अब आगे
मैंने रात में अनिल को फोन की और उसे सारी बात समझा दी हाँ की आज 12 बजे दोपहर तक मेरे घर आ जाये मैं और मोना उसे वही मिलूंगी और अनिल हम दोनों को एक साथ चोदने को राजी हो गया
अगले दिन मेरी मम्मी ने जाते वक्त मुझे बुला के बोली की
मम्मी - रिया बेटी ती घर पर ही रहना कही ऐसा ना हो की हम लोग के जाते ही तू अपनी आवारा सहेलियों के साथ घूमने चली जा और घर पर कुछ नया ही कांड हो जाये... समझी तू मैं और तेरे पापा कल दोपहर तक ही घर आ पाएंगे
मैं - ओह्ह मम्मी आप टेंशन फ्री हो के जाओ मैं कही नहीं जाउंगी
मम्मी - ओके तू अपना ख्याल रखना
फिर मम्मी और पापा चले गए तो मैं नेहा को कॉल की
नेहा - हैल्लो जान
मैं - जान की बच्ची कहाँ है तू
नेहा - बस 5 मिनट में अति हूँ
फिर मैंने मोना को कॉल की तो उसने भी 5 मिनट में आने को बोल दी तभी सबनम भी आ गईं तो मैं
मैं - क्यों कुतिया सब सेट कर के आई हो ना
सबनम - हाँ मेरी जान सब सेट है
तभी कलबेल बाजी तो मैं जा के गेट खोली तो मोना और नेहा थी मैंने दोनों को अंदर कर के गेट बंद की और हॉल में आ गईं
सबनम - आ गईं मेरी दोनों कुतिया
मोना -हाँ साली तू बुलाये और मैं ना आऊं ऐसा भला हो सकता है
नेहा - और साली आज तू और रिया हम दोनों की कुतिया है समझी मेरी जान
मैं - फिर तो तुम दोनों अपनी कुतिया की सारी बात मानोगी
मोना - हाँ मेरी रानी
मैं - ओके तो फिर आओ सब मिल के
मजे करते है
सब ने रखा सुर में हाँ हाँ हाँ बोली
मैं चलो सब नँगी हो जाओ और मैं भी अपने कपड़े निकलने लगी तो मोना नेहा और सबनम भी मेरे साथ ही नँगी हो गईं
नेहा - रिया साली जा 4 बट प्लग ले आ
मैं - अभी लाई यार और मैं फट से अपनी अलमारी से 4 बटप्लग निकाल लाई.. फिर मेरी गांड में मोना ने ब्लु वाली प्लग बड़ी बेरहमी से घुसा दी तो नहा ने रेड वाली प्लग मोना की गांड में घुसा दी फिर मने सिलवर वाली प्लग सबनम की गांड में डाल दी तो सबनम ने येल्लो वाली प्लग नेहा की गांड में घुसेर दी
मैं - सबनम यार एक केक मंगवा ले
सबनम - ओके मेरी जान और सबनम ने अपनी फोन निकाल के कॉल की और फिर बोली बस कुछ देर में केक आ जायेगा
फिर हम सब ने मस्ती चालू कर दी और करीब आधे घंटे बाद मेरी फोन पर अंकल का फोन आ गया
अंकल - हैल्लो मैंम मैं आपकी केक ले के गेट पर हूँ सो प्लीज गेट पे आओ आप
मैं - ओके मैं बस 2 मिनट में आती हूँ
मोना जा केक ले आ
मोना - मैं कैसे जाऊ इस तरह
नेहा - साली जाएगी तो तू ही वो भी इसी तरह बिलकुल नँगी समझी
मोना - ये तू कैसी बात कर रही है यार और तू क्यों नहीं जा के केक ले आ रही है हरामजादी
मैं अरे यार तुम दोनों लड़ना बंद करो प्लीज और हाँ केक तो मोना तू ही ले आएगी समझी
मोना - रिया प्लीज यार
मैं - अच्छा ले तू मेरी शार्ट पहन ले
मोना - थैंक्स यार और मोना ने मेरी शर्ट पहन ली पर शर्ट के ऊपर से 3 बटम गायब थे सो वो मुँह बना ली
सबनम - कुतिया बहुत हुआ तेरा नखरा अब चुप से जा और केक ले आ और हाँ उस डिलीवरी वाले को अपनी गांड की प्लग दिखाना मत भूलना समझी साली
मैं - मोना अब तू जा नहीं तो ये शर्ट भी निकाल लुंगी
मोना - ओके रिया डार्लिंग जा रही हूँ मैं तू गुस्सा क्यों होती है
मैं गुस्से में जा हरामजादी और नेहा जो जो बोलेगी तू करेगी नहीं तो ये देख तेरी चुदाई वाली वीडियो मैं तेरे पापा को सेंड कर रही हूँ..... मोना ने मेरी मोबाइल में देखी और डर से कांप गईं और शर्माती हुई मेने गेट की कुण्डी खोली तो सामने चाचाजान केक ले के खड़े थे और मोना को भूखी नजरो से तार रहे थे
अंकल - बेटी तुमने अपना जींस पहनना भूल गईं हो शायद
मोना अपनी शर्ट को निचे खींचते हुए बोली उससे आपको क्या आप केक देने आये हो सो केक दे के जाओ
अंकल - वो तो ठीक है पर केक के पैसे तो दो पहले
तभी सबनम बिच में बोल परी पैसे मैं देती हूँ मोना ये ले तू पैसे और इनके मुँह पर मार के केक ले के चल यहाँ से तू और पैसे मोना की हाथ में देने की बजाये उसने जमीन पर गिरा दी और बोली सॉरी यार तू निचे से उठा ले और इनके मुँह पर दे मार
और फिर मोना पैसे उठाने के लिए जैसे ही निचे झुकी की उसकी नँगी गांड में बटप्लग पीछे से अंकल को दिखने लगी और अंकल ने झट से केक जमीन पर रखी और आ के मोना के गांड से प्लग निकाल के फिर से घप्प से उसकी गांड में डाल दी
मोना - अंकल प्लीज ये आप क्या कर रहे हो ये लो अपने पैसे और जाओ यहाँ से
अंकल - ऐसे कैसे जाऊ साली आज तो तुझे चोद के ही जाऊंगा
तभी मैं आ के बोली तो अंदर आओ अंकल और चोद दो साली मोना को
मोना - नहीं रिया यार प्लीज मैं अनिल के सिवा किसी से नहीं चुदने वाली हूँ
मैं - तू चिंता क्यों कर रही है साली तेरा अनिल भी आने ही वाला है और तू उसके सामने अंकल से चुदने की भीख मांगेगी साली
मोना - नहीं अनिल मेरे साथ ऐसा कभी नहीं करेगा तू झूठ बोल रही है साली
तभी नेहा ने आ के मोना की गांड पर थप्पड़ मार की बोली बस तू देखती जा मोना डार्लिंग ये अंकल कोई डिलवरी वाले नहीं है ये तो शबनम के चाचा है
फिर अंकल आओ नेहा ने मिल के मोना की शर्ट फार के पूरी नंगी कर दी तभी अंकल के दूसरे वाले दोस्त भी आ गए और फिर सब ने मिल के मोना की लेनी सुरु कर दी अंकल मोना की चुत पर टूट परे तो दूसरे अंकल साली की चूचियाँ संभाल ली फिर कुछ ही देर में मोना भी साथ देने लगी

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:--- # # # **रहस्यमयी हवेली का राज**शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंड...
24/09/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:
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# # # **रहस्यमयी हवेली का राज**
शहर से दूर, घने जंगलों के बीच एक पुरानी, खंडहर जैसी हवेली खड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं। कुछ ने वहाँ से डरावनी आवाज़ें सुनी थीं, तो कुछ ने दावा किया था कि उन्होंने हवेली की खिड़कियों से परछाइयाँ देखी थीं।
# # # **राहुल और उसकी जिज्ञासा**
राहुल को रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने का बहुत शौक था। जब उसने हवेली के बारे में सुना, तो उसकी उत्सुकता बढ़ गई। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की कि वहाँ जाना खतरे से खाली नहीं है, पर राहुल ने ठान लिया था कि वह इस रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
एक दिन, बिना किसी को बताए, राहुल ने हवेली में जाने की योजना बनाई। आधी रात को, एक टॉर्च और मोबाइल लेकर वह जंगल की तरफ निकल पड़ा।
# # # **हवेली के अंदर**
हवेली के पास पहुँचते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। चारों ओर अजीब-सा सन्नाटा था। दरवाजा हल्के से धक्का देते ही चरमराने की आवाज़ के साथ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा था। उसने टॉर्च जलाकर इधर-उधर देखा।
हॉल में पुरानी पेंटिंग्स टंगी थीं, जिन पर धूल जमी थी। दीवारों पर मकड़ी के जाले थे और फर्श पर टूटी हुई लकड़ियाँ बिखरी थीं। अचानक, उसे एक हल्की सरसराहट सुनाई दी। वह चौंका, लेकिन खुद को संभालते हुए आगे बढ़ा।
# # # **रहस्यमयी परछाई**
राहुल धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने लगा। तभी उसे एक परछाई दिखी जो तेजी से एक कमरे में चली गई। राहुल की धड़कन तेज हो गई, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। वह उस कमरे की ओर बढ़ा और दरवाजा खोला।
कमरे में एक पुरानी अलमारी थी, एक टूटा हुआ झूला और दीवार पर एक पुरानी तस्वीर टंगी थी। तस्वीर में एक परिवार था—एक आदमी, एक औरत और एक बच्चा। अचानक, हवा का एक झोंका आया और तस्वीर ज़मीन पर गिर गई।
राहुल ने अलमारी खोलने की कोशिश की, लेकिन वह जाम थी। तभी उसे पीछे से किसी के सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। उसने तुरंत मुड़कर देखा, पर वहाँ कोई नहीं था।
# # # **छुपा हुआ दरवाजा**
राहुल अलमारी के पास गया और ज़ोर से धक्का दिया। तभी अलमारी के पीछे एक गुप्त दरवाजा दिखा। राहुल ने उसे खोला और अंदर झाँका।
कमरा एक तहखाने में खुलता था। वहाँ कुछ पुराने सामान रखे थे और एक मेज पर ढेर सारे कागज़ फैले थे। एक डायरी पड़ी थी, जिस पर धूल की मोटी परत जमी थी।
राहुल ने उसे उठाया और पहला पन्ना खोला। लिखा था:
*"यदि कोई यह डायरी पढ़ रहा है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि इस हवेली में कुछ रहस्य छुपे हैं। मैं इसे उजागर करना चाहता था, पर शायद अब मैं यह कभी नहीं कर पाऊँगा।"*
राहुल ने पन्ने पलटने शुरू किए। डायरी के अनुसार, यह हवेली कभी राजा विक्रम सिंह की थी। उनके पास एक बहुमूल्य हीरा था, जिसे ‘नवरत्न मणि’ कहा जाता था। कहा जाता था कि वह हीरा इतना शक्तिशाली था कि जो भी उसे छूता, उसकी किस्मत बदल जाती। लेकिन एक दिन वह हीरा रहस्यमय तरीके से गायब हो गया, और उसी के बाद राजा भी लापता हो गए।
# # # **भूत या कोई और?**
राहुल जब डायरी पढ़ रहा था, तभी अचानक किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। वह तेजी से मुड़ा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। अचानक दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया। राहुल ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, पर वह अंदर से लॉक हो चुका था।
तभी एक धीमी आवाज़ आई, "तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था!"
राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने टॉर्च चारों ओर घुमाई। तभी एक छाया उसके सामने आई। वह डर के मारे पीछे हट गया।
"क-कौन हो तुम?" राहुल ने डरते हुए पूछा।
परछाई धीरे-धीरे पास आई, और अब राहुल को स्पष्ट दिखा—यह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
# # # **राज़ का पर्दाफाश**
बूढ़े आदमी ने धीरे से कहा, "मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले, राजा विक्रम सिंह ने इस हीरे को बचाने के लिए इसे तहखाने में छिपा दिया था। लेकिन कुछ चोर इसे चुराने आ गए। राजा ने उन्हें रोकने की कोशिश की, पर वह खुद ही इस तहखाने में फँस गए। तभी से यह हवेली सुनसान पड़ी है।"
"लेकिन लोग कहते हैं कि यहाँ भूत हैं?" राहुल ने पूछा।
बूढ़ा हँसा, "यह सिर्फ अफवाहें हैं। लोगों को डराने के लिए ही ये कहानियाँ फैलाई गई हैं, ताकि कोई इस हीरे तक न पहुँचे।"
राहुल ने चारों ओर देखा। उसे एक पुरानी तिजोरी दिखी। बूढ़े आदमी ने एक चाबी निकाली और तिजोरी खोली। अंदर एक छोटा-सा डिब्बा रखा था। जब बूढ़े ने उसे खोला, तो अंदर चमचमाता हुआ 'नवरत्न मणि' रखा था।
"अब यह क्या होगा?" राहुल ने पूछा।
"इसे सरकार को सौंपा जाएगा, ताकि यह सही हाथों में रहे," बूढ़े ने कहा।
राहुल मुस्कुराया। उसने हवेली के सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया था। अगली सुबह, उसने पुलिस को सूचना दी, और 'नवरत्न मणि' को संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया।
राहुल ने साबित कर दिया कि कभी-कभी डर सिर्फ मन का वहम होता है, और हिम्मत से हर रहस्य सुलझाया जा सकता है।

😎  सत्य कथा :- एक लड़का मुम्बई से रेलवे का परीक्षा देकर, अपने सीट पर जैसे ही बैठा। एक लड़की हाँफते हुए आयी। लड़के से बोली, ...
24/09/2025

😎 सत्य कथा :- एक लड़का मुम्बई से रेलवे का परीक्षा देकर, अपने सीट पर जैसे ही बैठा। एक लड़की हाँफते हुए आयी। लड़के से बोली, की मुझे बचा लो, प्लीज! लड़का कुछ समझता कि वह लड़की कम्बल लेकर लड़के के पैर के ऊपर अपना सर रखकर सो गयी। काफी दूर जब ट्रेन निकल गयी। तो उस लड़की ने लड़के से पूछी की यह ट्रेन कहाँ तक जायेगी।

लड़के ने कहा कि लखनऊ! तब तक टीसी आया। बोला कि टिकट दिखाइये। लड़की ने कहा कि आप लखनऊ तक का टिकट बना दीजिये। लड़का लखनऊ तक आते आते उस लड़की से घुलमिल गया था। ट्रेन जब लखनऊ स्टेशन पर रुकी। तो उस लड़के से बोली कि, मैं इस शहर में नई हूँ। मेरे एक रिश्तेदार रहते हैं। लेकिन बैग में पता रखते समय भूल गयी। आप दो चार दिन अपने घर मुझे रख लीजिये। लड़के ने कहा कि ठीक हैं। जब लड़का अपने घर पहुँचा, घर की बेल बजायी। तो लड़के की बहन देख कर हैरान रह गयी। कि भैया परीक्षा देने गया था। तो रिजेल्ट भी साथ लाया हैं। लड़के ने लड़की की मजबूरी बतायी। घर वाले राजी हो गए। लड़की दूसरे दिन घर मे इतना राशन खरीद कर रख दी। कि घर वाले भूल ही गये कि, इस लड़की को इसके रिश्तेदार के यहाँ छोड़ना हैं। लड़के के बहन की शादी तो तय हो गयी। लेकिन 80 हजार रुपये दहेज में कम पड़ रहे थे। लड़के के पिता जी लोन लेने की बात कर रहे थे। इतने में वह लड़की बोली कि बाबू जी, आप लोन मत लीजिये। हम आप को दे देंगे। शादी बड़ी धूमधाम से हुई।

बहन की शादी के बाद लड़के ने लड़की से कहा कि, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। मुझसे शादी करोगी। लड़की बोली कि यही बात अम्मा बाबूजी के सामने रखिये। लड़के ने कहा कि यह बात अम्मा बाबूजी जी से राय लेकर बोला हूँ। लड़की सबके सामने कही की मेरे बारे में बेगैर जाने ही आप लोग शादी के बारे में सोच लिये। सच्चाई जानने के बाद क्या आप मुझसे शादी करेंगे। जब वह बतायी कि, मुम्बई के रेड एलर्ड एरिया के एक कोठे के मालकिन की बेटी हूँ। जब मुझे मालूम हुआ कि आज मेरी कीमत लग गयी हैं। तो माँ से बोली कि इस दलदल में मुझे मत डालो। मुझे पढ़ा लिखाकर क्या यही करने के लिये सोची हो। मुझे मेरी माँ ने कहा कि, बेटी तू ग्राहक आने से पहले कही भाग जा।

तब मैं भाग कर यहाँ आ गयी। यह सुनकर सबके पाव तले जमीन खिसक गई। और उस लड़की से बोलना बन्द कर दिए। यह बात तत्काल बेटी को ससुराल में मालूम हुई। लड़की ने अपने पति से बोली कि, मुझे अपने मायके जाना हैं। वह तत्काल अपने मायके जैसे ही पहुँची। लड़की अपना कपड़ा समेट कर घर से निकलने वाली थी। लड़की ने कहा कि कहाँ जा रही हो। तो वह बोली कि भगवान जाने। इतना कहकर वह फफककर रोने लगी। और कहने लगी कि आप लोग का प्यार बहुत मिला।

लड़की ने अपने माता पिता भाई से बोली कि, आप लोग बहुत गिरे इंसान हो। जबसे भाभी घर मे आयी। आज दो साल से यह साग सब्जी राशन पानी लायी। तब गन्दी नही थी। जब मेरे शादी में 80 हजार दी तब गन्दी नही थी। मेरे शादी का सारा सामान खरीदकर मुझे दी। तब गन्दी नही थी। ये जेवर बनवाकर मुझे दी। तब गन्दी नही थी। मेरे शादी में सारा खर्च जब यह उठाई तो गन्दी नही थी। तब तो आप लोग प्रसन्सा की पुल आप लोग बांधते थे। की यह बेटी नही साक्षात लक्ष्मी हैं। अगर भाभी की जगह आप की बेटी होती तो आप मुझे भी घर से निकाल देते। भाई का हाथ पकड़ कर बोली, क्यो भैया जब आप भाभी को लेकर दिन रात घुमते थे। तब गन्दी नही थी। आज गन्दी हो गयी। अगर भाभी से आप भैया शादी नही किये। तो मैं कभी नही आप के दरवाजे पर आऊँगी। हम लड़कियों को यही समाज गन्दा बनाता हैं। कोठे पर ले जाकर बेच देता हैं। और कोठे पर जाकर सोता हैं। तब कुछ इज्जत के बारे में नही सोचता हैं। अपनाने में इज्जत चली जाती हैं। बेटी की बात सुनकर सब कहे कि शादी होगी।

लड़की ने कहा कि नही बाबू जी, शादी तब करूँगी। जब यह घर इस महल्ले में सबसे आलीशान बन जायेगा। लड़के ने कहा कि मेरे बाबूजी के पास इतना पैसा नही हैं। लड़की ने कहा कि मैं बनवाऊँगी। लड़की ने अपने माँ को टेलीफोन की। लड़की की माँ ने 50 लाख रुपया एक आदमी के माध्यम से भेजवा दी। आलीशान मकान बनने के बाद, एक बहुत बड़ी TV फ्रिज की दुकान खोलवाई। तब शादी की। यह समाज जानने के बाद भी, शादी में गया। किसीं ने कोई गलत बात नही की। सच्चाई जानने के बाद भी समाज ने यह कहना शुरू कर दिया। कि यह तो साक्षात लक्ष्मी हैं। घर की तस्वीर बदल दी।

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एक लड़की जब 16 से 20 वर्ष के बीच होती है, तो उसका मन किस प्रकार से बहलता है और शिकारी उसका शिकार कर लेते हैं। उन्हीं लड़...
24/09/2025

एक लड़की जब 16 से 20 वर्ष के बीच होती है, तो उसका मन किस प्रकार से बहलता है और शिकारी उसका शिकार कर लेते हैं। उन्हीं लड़कियों की तरह एक लड़की को शिकारी के चंगुल से बचा लिया गया है। जो इस पोस्ट में दर्शाया गया है।

एक दिन की बात है जब एक काम से मुझे 16 सितंबर को दिल्ली जाना पड़ा तो मैंने तत्काल स्लीपर टिकट लिया और कैफियत ट्रेन से रवाना हो गया और मेरे बैठने के ठीक तीन घंटे बाद एक सलवार सूट पहने हुए गोरी सी लड़की एक बैग लिए हुए मेरी सीट पर एक किनारे बैठ गई। और मैं हाथ में लिए हुए एक मैगजीन पढ़ रहा था और वह लड़की बार बार इधर उधर देख रही थी। वह बार बार मुझे भी देखें जा रही थी। शायद वह सोच रही थी कि कहीं मैं उसे अपनी सीट से उतार न दूं।

मैंने मैगजीन रखते हुए पूछा-- कहा जाना है? लड़की:— दिल्ली! लड़की:— आप कहा तक जाएंगे ? मैंने कहा:— मुझे भी दिल्ली जाना है, और आपकी सीट कहा है? मेरे पास जनरल टिकट है। मैंने कहा:— तो अभी टीटी आएगा तो टिकट बनवा लेना, शायद सीट भी कही दें दें। लड़की:— जी ठीक है मैं बनवा लुंगी लेकिन तब तक आप हमें बैठने दीजिए।:— मैंने कहा कोई बात नहीं बैठी रहो।

टीटी आया और स्लीपर का टिकट तो बना दिया किन्तु सीट नहीं दिया, बोला कोई सीट खाली नहीं है।

मैंने कहा आप करती क्या हो? लड़की:— कुछ नहीं। मैंने कहा:— मेरा मतलब पढ़ाई से है । जी मै ग्यारहवीं क्लास में पढ़ती हूं। मैंने:— अच्छा! और आपके घर में कितने लोग हैं। लड़की:— मम्मी पापा भाई बहन सब है।

थोड़ी देर बाद वह मोबाइल निकाली और उसमें सिमकार्ड लगाई और किसी से बात की। उधर से कौन था और क्या बात किया यह तो मुझे नहीं पता लेकिन यह लड़की अपना लोकेशन दें दिया।

मैंने कहा:— पापा से बात कर रही थी स्टेशन से रिसीव करने के लिए। लड़की:— जी नहीं पापा तो गांव में है। मैंने:— फिर भैया रहे होंगे। लड़की:— नहीं ओ.. मेरे..ओ.. थै । मैंने:— ओ थे मतलब! मुझे तो नहीं लगता कि अभी आपकी शादी हुई है। लड़की:— जी अभी तो नहीं हुई है, लेकिन दो तीन दिन में हों जाएगी। मैंने:— ओ अब समझा इसका मतलब प्रेम विवाह करने वाली हो। लड़की:— जी ! मुस्कुराने लगी। मैंने:— लड़का क्या करता है? लड़की:— दिल्ली में नौकरी करता है और बोल रहा था कि मुझे भी नौकरी दिला देगा, फिर हम दोनों लोग मौज से रहेंगे। मैंने कहा:— काफी स्मार्ट लड़का होगा । लड़की:— जी बहुत स्मार्ट है और बहुत अच्छे स्वभाव का है ।

मैंने कहा:— मैं भी प्रेम विवाह किया हूं। लड़की:— ( बड़ी उत्सुकता से) आप भी भाग कर शादी किए थे। मैंने:— नहीं! मै जिस लड़की को पसंद करता था वह लड़की भी मुझे भाग कर शादी करने के लिए कह रही थी लेकिन मैंने उससे कहा नहीं हम तुमसे प्रेम तो करते हैं किन्तु इसका मतलब यह तो नहीं कि जो मां हमें अपने गर्भ में रखा और हमारा बाथरूम साफ किया, जिस पिता ने हमें अंगुली पकड़कर चलना सिखाया, बाजार के सारे खिलौने दिए उसके प्यार को ठुकरा दूं। जो सम्मान बनाने में इतनी उमर गवा दिए, उनकी इज्जत को रौंद दूं। उनका सर समाज में हमेशा के लिए झुका दूं। मै शादी तो तुम्हीं से करूंगा लेकिन मां बाप को मना कर और फिर एक दिन माता पिता मान गए और हम दोनों की शादी हो गई।

मैंने कहा:— वैसे आप जिससे प्रेम करती है उसे आपके घर वाले जानते हैं। लड़की:— जी नहीं, कोई नहीं जानता। मैंने:— आप उसका घर देखी है और उसके घर वाले आपको जानते है। लड़की:— नहीं । मैंने कहा:— फ्राड ! तुम्हारे साथ फ्राड होने वाला है। लड़की:— नहीं वह ऐसा वैसा लड़का नहीं है। वह मुझसे बहुत प्यार करता है। मैंने:— एक बात बताऊं, जो प्यार करता है तो सिर्फ करता है ज्यादा जताने की कोशिश नहीं करता है और किसी अनुचित पर रोकता और डांटता भी है। और यह तुम्हारे धन, तुम्हारी सुन्दरता से प्रेम करता है। लड़की:— नहीं यह ग़लत बात है वह ऐसा नहीं कर सकता। मैंने कहा:— ठीक है मर्जी तुम्हारी पर मेरे पास एक उपाय है परीक्षा लेना चाहोगी ! लड़की:— क्या ? मैंने कहा:— उसे फोन करो और बोलो कि मेरे मम्मी पापा मान गए है मैरी शादी तुमसे करने के लिए और वो भी आने के लिए कह रहे है और वही दिल्ली में ही मेरे मामा मामी भी है वे भी आ जाएंगे और वो बोले है आखिर एक दिन शादी करनी ही है तो अभी तुम्हारे पसंद का ही कर देते हैं ताकि हम लोगों का मान सम्मान भी रह जाय और तुम लोगों की खुशी भी। इसलिए तुम अपने मम्मी पापा को भी बुला लो।

लड़की ने वैसा ही किया, फोन लगाईं और लड़का इसकी सब बातें सुनकर आगबबूला हो गया, और बोला। तेरी जैसी कितनी लड़कियां आई और चली गई और तुम मुझे बेवकूफ बनाने आई हो।पागल समझ रखा है। डांटते हुए फोन काट दिया।

लड़की:— फिर से फोन लगाईं, स्विच ऑफ बताने लगा। मैंने कहा:— अब उसका फोन कभी नहीं लगेगा क्योंकि ऐसे लड़के अलग अलग लड़कियों के लिए अलग अलग सिमकार्ड का उपयोग करते हैं।

अब सोचो घर से भागने का मतलब घर जा नहीं सकती। उनको अपनी परेशानी बता नहीं सकती और तुम्हारा उसके सिवा और कोई रहता नहीं। इसलिए वह तुम्हारे साथ अगर कोई बर्बरता करता तो तुम क्या करती या फिर एक दिन छोड़कर चला जाता,भाग जाता तो ऐसे में क्या करती। जानती हो ऐसे में लड़कियां आत्महत्या कर लेती है जो घर वालों को पता तक नहीं चल पाता।

लड़की रोने लगती है मैंने कहा:— ओ..हो.. रोना नहीं अभी तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगड़ा है।अब एक काम करो अपने घर फोन लगाओ। लड़की फोन लगाती है। हैलो, हां पापा! लड़की रोने लगती है, पापा:— बिटिया कहा हों ? हम सभी लोग बिना खाए पिए तुम्हें ही खोज रहे है। लड़की:— पापा बस थोड़ा सा बहक गई थी पर अब ठीक हूं, कल तक घर आ जाउंगी। और मुझे धन्यवाद देते हुए अगले स्टेशन पर उतर कर दूसरी ट्रेन से घर के लिए रवाना हो गई।

दोस्तों,, इसलिए कहा जाता है औलाद को इतनी मोहब्बत दो दो कि हर बात बताये छुपाये नही
कुछ लड़कियाँ घर से भाग जाती हैं जो कि गलत है और कोई ना कोई वजह से भागती हैं इसलिए उसकी बात सुने क्या चाहती है जबर्दस्ती उसपे अपना फैसला नहीं थोपना चाहिए हरेक माँ बाप को ये बात समझना चाहिए

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