The Pasi Landlords

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The Pasi Landlords Rajpasis was the ruler's of awadh ( 945 - 1207 ) .AD
पासी/राजपासी अवध
(1)

बेगम की rebal army जिसने चिनहट के युद्ध में भयंकर युद्ध किया और विजय हासिल की , mutiny में यह साफ लिखा है की बेगम की reb...
30/06/2025

बेगम की rebal army जिसने चिनहट के युद्ध में भयंकर युद्ध किया और विजय हासिल की , mutiny में यह साफ लिखा है की बेगम की rebal army में पासी असंख्य संख्या में थे
और उसी चिनहट के युद्ध में माता उदा देवी पासी के पति मक्का पासी कुकुरेल पुल पर अद्भुत शौर्य दिखाया जिन्होंने अंग्रेज़ी तोपो को कंधे से उठाकर नाले में पलट दी , कहते है वही वीरगति हुए ।

उदा देवी पासी बेगम हजरत महल की महिला दस्ते की सेना नायिका थी , और सिकंदर बाग की लड़ाई में 36 अंग्रेजो को मौत के घाट उतार दिया अदम्य साहस का परिचय दिया , वो ऐसी वीरांगना थी जिन्होंने अंग्रेजो के रूह कांपा दी थी ,,।

30 जून उदा देवी पासी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

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बहुजन विचारधारा आपकी पोस्ट देखी उसपर मेरा प्रश्न और नजरिया इसपर आप लोगों के क्या विचार है ..!      मेरी जिज्ञासा = एक बा...
14/06/2025

बहुजन विचारधारा

आपकी पोस्ट देखी उसपर मेरा प्रश्न और नजरिया इसपर आप लोगों के क्या विचार है ..!

मेरी जिज्ञासा = एक बात की मेगास्थनीज ने , अबतक मिली या कभी प्राप्त हुई इंडिका को लिखा, इंडिका तो नष्ट हो गई परंतु उस समय के लेखकों ने उस किताब से संदर्भ लेते हुए इस प्रकार भी लिखा है कि उत्तर भारत के पूर्व में लोगों को prasii प्रासी कहा जाता था, 1891 की जनगणना में पासी जाति की एक उपशाखा prasi जिसकी स्पेलिंग " parasi " भी दर्ज की गई , जो कहने सुनने prasii/parasi एक जैसा साउंड करता है और कन्नौज से बिहार के पटना के मध्य ही पासी जाति की बहुलता रही है ,,

क्यों किसी की सुई पासी जाति पर नहीं गई, शाक्य मुराव, नाई जाति पर जाती है जबकि मेगास्थनीज के किताब में इनका कही जिक्र नहीं

पर prasii people का जिक्र है
आगे के इतिहासकारों ने prasi को दिशा का नाम दे दिया जो हजम नहीं होते ,,और कन्नौज से लगाकर पटना के मध्य पासियों सैकड़ों किले खंडहर के अवशेष में विद्यमान है सैकड़ों नहीं हजारों, 20+ साइट तो सिर्फ लखनऊ के मोहनलाल गंज में है जिसे अंग्रेजों ने पासी/भरो का बतलाया है बाकी लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के 12 किलों में से एक किला कल्ली पश्चिम की साइट पर खुदाई होने से बहुत पुरानी समय की 1000 ईसा पूर्व के समय के जानकारी होती है । इन साइटों पर स्थित गांवों में पासीओ की गझिन आबादी भी है ।
विलियम क्रुक और दूसरे ब्रिटिश हिस्टोरियन का मानना है पासी/भर जाति अवध की शुरुवाती शासन करने वाली जाति रही है

और इंडिका में prasii and uber शब्द आया है जिसमें अंग्रेजों ने uber को ( bhars) माना ही है और prasii को " prasii people "

Prasii and uber ( pasi /bhars ) ..?

क्या विचार है आपके

क्या रहस्य है इसके या हो सकते है

मात्र यह विचार है मेरे इसे जातिकरण का नाम कोई न दें 🙏🙏

कुंवर प्रताप रावत 📯

हमारे रोहित रावत भाई को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाए #सुहेलदेव  #बाराबंकी  #वायरलपोस्ट  #हैदरगढ़
13/06/2025

हमारे रोहित रावत भाई को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाए
#सुहेलदेव #बाराबंकी
#वायरलपोस्ट
#हैदरगढ़

😁🫵प्रोग्राम था बहराइच में राजा सुहेलदेव की मूर्ति अनावरण का ।  😁 गाड़ियों से भर भर कर राजभर बुलाए गए बड़ी संख्या में राज...
12/06/2025

😁🫵प्रोग्राम था बहराइच में राजा सुहेलदेव की मूर्ति अनावरण का ।

😁 गाड़ियों से भर भर कर राजभर बुलाए गए बड़ी संख्या में राजभर समाज के लोग बैठे मिले

प्रोग्राम में बुलाए राजभरो को ,खुश कर गए पासियों को

😁🤣 धन्यवाद योगी जी , सुहेलदेव में न जातिगत टाइटल लगा और ना ही बोले

और बोले बिजली पासी की बड़ी विशाल मूर्ति लखनऊ में स्थापित होगी

तब क्या था भर से लगा खरमकरा 😅🫵

बस प्रोग्राम के बाद कुछ राजभर बेचारे रोते नजर आ रहे है योगी जी ने धोखा किया , 😁यही नहीं और सुनिए 😁
राजभर बोल रहे है सुहेलदेव ही नहीं बिजली भी राजभर थे , 😅😭अभी और रुकिए यही नहीं उदा देवी भी राजभर थी ।

अभी पोस्ट थी अब वीडियो की बारी....

Once again thank you yogi जी

10 जून विजय महाराजा सुहेलदेव पासी जी कीShort note about Suhel dev Pasi ;1001 ई . से लेकर 1025 ई . तक महमूद गजनवी ने भारत...
10/06/2025

10 जून विजय महाराजा सुहेलदेव पासी जी की

Short note about Suhel dev Pasi ;

1001 ई . से लेकर 1025 ई . तक महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को लूटने की दृष्टि से 17 बार आक्रमण किया तथा मथुरा , कन्नौज व सोमनाथ के अति समृद्ध मंदिरों को लूटने में सफल रहा । सोमनाथ की लड़ाई में उसके साथ उसके भानजे सैयद सालार समूद गाजी ने भी भाग लिया । 1030 ई . में महमूद गजनवी की मृत्यु के बाद उत्तर भारत में इसलाम का विस्तार करने की जिम्मेदारी समूद ने अपने कंधों पर ली , लेकिन 10 जून , 1034 ई . को बहराइच की लड़ाई में वहीं के शासक महाराजा सुहेल देव पासी के हाथों वह डेढ़ लाख जेहादी सेना के साथ मारा गया । इस्लामी सेना की इस पराजय के बाद भारतीय शूरवीरों का ऐसा आतंक विश्व में व्याप्त हो गया कि उसके बाद आनेवाले 150 वर्षों तक किसी भी आक्रमणकारी को भारतवर्ष पर आक्रमण करने का साहस ही नहीं हुआ । ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार श्रावस्ती नरेश राजा प्रसेनजित ने बहराइच राज्य की स्थापना की थी, इन्हीं महाराजा प्रसेनजित को माघ माह की बसंत पंचमी के दिन 990 ई . को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई , जिसका नाम सुहेल देव रखा गया । अवध गजेटीयर के अनुसार इनका शासन काल 1027 ई . से 1077 ई . तक स्वीकार किया गया है । वे जाति के पासी थे , महाराज सुहेल देव का साम्राज्य पूर्व में गोरखपुर तथा पश्चिम में सीतापुर तक फैला हुआ था । गोंडा , बहराइच , लखनऊ , बाराबंकी , उन्नाव व लखीमपुर - इस राज्य की सीमा के अंतर्गत समाहित थे । इन सभी जिलों में राजा सुहेल देव के सहयोगी पासी राजा राज्य करते थे , जिनकी संख्या 21 थी , पहली जंग लखनऊ कि धरती पर कदम रखते ही लखनऊ कसमंडी के राजपासी राजा कंस से लड़नी पड़ी इस भयंकर युद्ध में पासी राजा कंस ने गाजी के दो भतीजे , सैयद हातिम और सैयद खातिम को युद्ध में परास्त कर उसे गरम तेल में तड़पा तड़पा कर मार डाला जिनकी मजारे आज भी कसमंडी में बनी हुई है जहां आसपास 20 बीसो बीघे में कब्रिस्तान है जो उस युद्ध कि गवाह है यहां पासी बाहुल्य क्षेत्र है दुसरे युद्ध में राजा कंस वीरगति को प्राप्त होते है , अंत में इस युद्ध की सारी जिम्मेदारी पासी राजा सुहेलदेव पर होती है राजा सुहेल देव जी का युद्ध बहराइच में चितौरा झील के किनारे पर होता है जहां पासी राजा सुहेल देव के हाथो सैयद सालार मसूद गाजी का अन्त होता है विदेशियों के आक्रमण को 150 के लिऐ नेस्तनाबूद कर दिए ऐसे महान शक्तिशाली महाप्रतापी राजा सुहेलदेव पासी जी का विजय दिवस हर वर्ष बड़ी धूम धाम से मनाई जाती है ।


#राष्ट्ररक्षक_सुहेलदेव_पासी
#सुहेलदेव

मा0 विधायक श्री श्यामधनी राही विधानसभा कपिलवस्तु जनपद द्वारा पासी समाज के कई राजा महाराजाओं का गेट लगवा कर पूरे बिरादरी ...
29/05/2025

मा0 विधायक श्री श्यामधनी राही विधानसभा कपिलवस्तु जनपद द्वारा पासी समाज के कई राजा महाराजाओं का गेट लगवा कर पूरे बिरादरी को सम्मान दिलाने का पुनीत कार्य किया गया है। तहे दिल से उनका धन्यवाद ।

1. महाराजा सुहेलदेव पासी का गेट
2. महाराजा बिजली पासी का गेट
3. महाराजा लाखन पासी का गेट
4. वीरांगना उदा देवी पासी का गेट
The Pasi Landlords

" राणा बेनी माधव सिंह और वीरा पासी 1971 बुक "कभी कभी लगता है कि मैं ढूंढने में जादूगर हूं 😊 📯गूगल पर बड़ी देर से हाथ पैर...
18/05/2025

" राणा बेनी माधव सिंह और वीरा पासी 1971 बुक "

कभी कभी लगता है कि मैं ढूंढने में जादूगर हूं 😊 📯गूगल पर बड़ी देर से हाथ पैर मारने में वीरा पासी से संबंधित एक कॉमिक्स हाथ लगी ।

उस समय कॉमिक्स का बड़ा चलन हुआ करता था अमर चित्र कथा नाम से कॉमिक्स जहां तक 1967 से शुरू हुई उसी के आगे लगभग 1983 में छपी कॉमिक्स " राणा बेनी माधव एवं पीर अली " नाम से बहुत प्रसिद्ध हुई ।

उस कॉमिक्स की शुरुवात राणा बेनी माधव के नगर भ्रमण से और हीरा पासी किसी बूढ़ी औरत से डांट खाते हुए सेना में भर्ती होने का जिद से दिखाया है

राणा बेनी माधव और वीरा पासी के बीच ढिशुम ढिशुम यानी मुक्की मुक्का होता है कौन किसका मुक्का सह लेगा राणा ने मुक्का मारा वीरा पासी टस से मस नहीं हुआ फिर वीरा पासी का मुक्का पड़ते ही राणा के मुंह से उफ्फ की आवाज करहाते हुए निकल गई शायद उम्र का तकाजा है .......फिर क्या वीरा पासी राणा के सेना में भर्ती ।

इसमें खास बात पता चली कॉमिक में हीरा पासी नाम है और ( हीरा पासी ) वीरा पासी ने डोंडिया खेड़ा युद्ध में राणा की सेना का नेतृत्व किया था ।

अब तक की प्रचलित कहानियों में एक हिस्सा और जुड़ गया डोंडिया खेड़ा का युद्ध वीरा पासी का नेतृत्व। वो फोटो कमेन्ट बॉक्स में दे रहा हूं

The Pasi landlord 📯
Kunwar Pratap Rawat

#वायरलपोस्ट
#राणा_बेनी_माधव_सिंह

बड़े भैया adv सुशील कुमार रावत जी के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🤝🥳🥳🥳🥳🥳
08/05/2025

बड़े भैया adv सुशील कुमार रावत जी के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🤝🥳🥳🥳🥳🥳

07/05/2025

Repost - प्रतापगढ़ का बागी इतिहास  जहां " पासी गोड़ाईतो " का विद्रोह के रूप में भारतीय इतिहास में उनका किस्सा दर्ज होना ...
29/04/2025

Repost - प्रतापगढ़ का बागी इतिहास

जहां " पासी गोड़ाईतो " का विद्रोह के रूप में भारतीय इतिहास में उनका किस्सा दर्ज होना चाहिए था, जिन पासियो ने चपाती और कमल बाटकर क्रांति की चिंगारी जिंदा की आखिर उनको इतिहास में जगह क्यों नहीं मिली किसकी अनदेखी है, क्या प्रमाण उनको मिला नहीं या मिलने के बाद कुछ किया नहीं ....

शिक्षा का पाठ्यक्रम निर्धारित करने वालों ने पासियों की अनदेखी की,1858 की क्रांति का आंखों देखा हाल लिखने वाले
मार्टिन गबिंस ने खुद अपनी पुस्तक में स्पष्ट तौर पर लिखा " इस विद्रोह में सबसे ज्यादा पासियो के अलावा किसी ने भाग नहीं लिया , भविष्य में हमारी सरकार बहाल होगी तो मेरी सरकार से अपील होगी इन पासियो को निर्दयता से दबा दिया जाए " ।

लाखों हिन्दुस्तानियों के तरह पासियों की शहीदी व्यर्थ है क्या...!

हालांकि उनको संथाल विद्रोह, कोल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, मेरठ विद्रोह आदि ना जाने कितने विद्रोह पढ़ाए जाते है पर पासी जाति के उन मेहनतकश लोगों ने , जो संदेशवाहक, किसान, तोपचियों, सैनिक, गोड़इत आदि बनकर लड़े और जो तालुकदारो, राजाओं बेगमों बैकबोन बनकर आखिरी वक्त तक उनका साथ दिया आखिर उनका जिक्र क्यों नहीं ...!

1857 की गदर प्रतापगढ़ अछूता न रहा है विद्रोह में जान बचाकर भागने वाली अंग्रेज महिला गोल्डनी और उसके बच्चों की इलाहाबाद तक की यात्रा दौरान का वर्णन जिस प्रकार से किया है उसने पासियो को भर भर कर कोसा है , चूंकि गोल्डनी भारतीय जबान समझती थी इसलिए वह बेहतर समझती थी और राजा अजीत सिंह और गुलाब सिंह को धमकी भी दी मुझे इलाहाबाद के किले तक सुरक्षित पहुंचाओ नहीं जिस दिन हमारी सरकार बहाल होगी उस दिन तुम लोगों की खैर नहीं ....।

उसकी डायरी का संकलन तो बड़ा है उसमें से एक किस्से को दिखाता हूं जिसको मार्टिन गबिंस ने अपनी डायरी में उसके चिट्ठियों की स्मृति को दर्ज किया है खासतौर से बेल्हाघाट के पासियों के बारे

बेल्हा घाट के पासियों से बचते बचाते एक गांव से होकर गुजरना था , दूर से वह गांव दिखा...

लिखते है कि
एक अन्य अवसर पर, वे कई पासियो या गोड़ाईत के पास से गुज़रे, जो एक गाँव के बाहर सो रहे थे, उनके भाले उनके पास ज़मीन में गड़े हुए थे; और वे ( यानि अंग्रेज महिलाएं एवं काफ़िला) भय से तड़प रहे थे कि कहीं वे जाग न जाएँ।

कम से कम 20 से ज्यादा ब्रिटिश समय की किताबों के रेफरेंस है जो 1857 में पासियो के योगदान की कहानी बयां करता है ।

The Pasi Landlords
( Kunwar Pratap Rawat )

#वायरल #आजादी #वायरलपोस्ट Netflix

प्रतापगढ़ का बागी इतिहास  जहां " पासी गोड़ाईतो " का विद्रोह के रूप में भारतीय इतिहास में उनका किस्सा दर्ज होना चाहिए था,...
28/04/2025

प्रतापगढ़ का बागी इतिहास

जहां " पासी गोड़ाईतो " का विद्रोह के रूप में भारतीय इतिहास में उनका किस्सा दर्ज होना चाहिए था, जिन पासियो ने चपाती और कमल बाटकर क्रांति की चिंगारी जिंदा की आखिर उनको इतिहास में जगह क्यों नहीं मिली किसकी अनदेखी है, क्या प्रमाण उनको मिला नहीं या मिलने के बाद कुछ किया नहीं ....

शिक्षा का पाठ्यक्रम निर्धारित करने वालों ने पासियों की अनदेखी की,1858 की क्रांति का आंखों देखा हाल लिखने वाले
मार्टिन गबिंस ने खुद अपनी पुस्तक में स्पष्ट तौर पर लिखा " इस विद्रोह में सबसे ज्यादा पासियो के अलावा किसी ने भाग नहीं लिया , भविष्य में हमारी सरकार बहाल होगी तो मेरी सरकार से अपील होगी इन पासियो को निर्दयता से दबा दिया जाए " ।

लाखों हिन्दुस्तानियों के तरह पासियों की शहीदी व्यर्थ है क्या...!

हालांकि उनको संथाल विद्रोह, कोल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, मेरठ विद्रोह आदि ना जाने कितने विद्रोह पढ़ाए जाते है पर पासी जाति के उन मेहनतकश लोगों ने , जो संदेशवाहक, किसान, तोपचियों, सैनिक, गोड़इत आदि बनकर लड़े और जो तालुकदारो, राजाओं बेगमों बैकबोन बनकर आखिरी वक्त तक उनका साथ दिया आखिर उनका जिक्र क्यों नहीं ...!

1857 की गदर प्रतापगढ़ अछूता न रहा है विद्रोह में जान बचाकर भागने वाली अंग्रेज महिला गोल्डनी और उसके बच्चों की इलाहाबाद तक की यात्रा दौरान का वर्णन जिस प्रकार से किया है उसने पासियो को भर भर कर कोसा है , चूंकि गोल्डनी भारतीय जबान समझती थी इसलिए वह बेहतर समझती थी और राजा अजीत सिंह और गुलाब सिंह को धमकी भी दी मुझे इलाहाबाद के किले तक सुरक्षित पहुंचाओ नहीं जिस दिन हमारी सरकार बहाल होगी उस दिन तुम लोगों की खैर नहीं ....।

उसकी डायरी का संकलन तो बड़ा है उसमें से एक किस्से को दिखाता हूं जिसको मार्टिन गबिंस ने अपनी डायरी में उसके चिट्ठियों की स्मृति को दर्ज किया है खासतौर से बेल्हाघाट के पासियों के बारे

बेल्हा घाट के पासियों से बचते बचाते एक गांव से होकर गुजरना था , दूर से वह गांव दिखा...

लिखते है कि
एक अन्य अवसर पर, वे कई पासियो या गोड़ाईत के पास से गुज़रे, जो एक गाँव के बाहर सो रहे थे, उनके भाले उनके पास ज़मीन में गड़े हुए थे; और वे ( यानि अंग्रेज महिलाएं एवं काफ़िला) भय से तड़प रहे थे कि कहीं वे जाग न जाएँ।

कम से कम 20 से ज्यादा ब्रिटिश समय की किताबों के रेफरेंस है जो 1857 में पासियो के योगदान की कहानी बयां करता है ।

The Pasi Landlords
( Kunwar Pratap Rawat )

#वायरल #आजादी #वायरलपोस्ट Netflix Narendra Modi Akhilesh Yadav fans Baijnath Rawat Xmp Kamlesh Paswan

जो आज पासियों को अनाब शनाब गलियां बकते है वह एक समय पासियो के दरबार में भर्र  भरररर  😁 से मुजरा करते नाचते थे 🤣🫵
26/04/2025

जो आज पासियों को अनाब शनाब गलियां बकते है वह एक समय पासियो के दरबार में भर्र भरररर 😁 से मुजरा करते नाचते थे 🤣🫵

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