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जवागल श्रीनाथ अपने दौर के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक थे, जिन्हें लोग जसप्रीत बुमराह से भी महान मानते हैं। आज उनका जन्...
11/09/2025

जवागल श्रीनाथ अपने दौर के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक थे, जिन्हें लोग जसप्रीत बुमराह से भी महान मानते हैं। आज उनका जन्मदिन है, लेकिन अफसोस असली क्रिकेट प्रेमी उन्हें याद कर बधाई और प्यार तक नहीं दे रहे।

नेपाल की सड़कों पर पिछले कुछ दिनों से जो आग जल रही थी… वो आखिरकार संसद तक पहुँच गई। 8 सितम्बर की रात—काठमांडू की गलियों ...
10/09/2025

नेपाल की सड़कों पर पिछले कुछ दिनों से जो आग जल रही थी… वो आखिरकार संसद तक पहुँच गई। 8 सितम्बर की रात—काठमांडू की गलियों में हजारों नौजवान सिर्फ एक ही नारा लगा रहे थे:"हमें हमारी आवाज़ लौटाओ… हमें हमारा भविष्य लौटाओ!"
सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया था, ये वही प्लेटफॉर्म थे जिनपर युवा अपनी बात कहते थे, नौकरी की समस्या उठाते थे और भ्रष्टाचार पर सवाल पूछते थे। लेकिन जब आवाज़ दबाई गई… तो गुस्सा ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा।
⚡ प्रदर्शन सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहे—गुस्साई भीड़ संसद भवन में घुस गई, वहाँ आगजनी हुई, नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया। भीड़ इतनी भयंकर थी कि पुलिस और सेना भी पीछे हट गई।

💔 इस हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए, सैकड़ों घायल हो गए… यहाँ तक कि पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी भी आग में फँसकर अपनी जान गंवा बैठीं।

और फिर वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी—
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया।
उन्होंने लिखा—"मैं समाधान का रास्ता खोलने के लिए पीछे हट रहा हूँ… ताकि देश को राजनीतिक हल मिल सके।"

लेकिन सवाल यही है—क्या ये हल होगा? या ये आग और भड़क उठेगी?
क्योंकि ये सिर्फ एक सरकार के गिरने की कहानी नहीं…
ये एक पूरी पीढ़ी का विद्रोह है—Gen Z का विद्रोह, जो कह रहा है—
"अब बहुत हो चुका!"

🔥 इतिहास गवाह है—जब युवा सड़कों पर उतरते हैं, तो साम्राज्य तक ढह जाते हैं। नेपाल की ये कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए सबक है…
कि लोकतंत्र सिर्फ चुनाव से नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ से ज़िंदा रहता है।

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भारत के बड़े उद्योगपति अनिल अग्रवाल, जो वेदांता ग्रुप के मालिक हैं और जिन्हें “मेटल किंग” कहा जाता है, ने अपनी ज़िंदगी क...
31/08/2025

भारत के बड़े उद्योगपति अनिल अग्रवाल, जो वेदांता ग्रुप के मालिक हैं और जिन्हें “मेटल किंग” कहा जाता है, ने अपनी ज़िंदगी की कमाई का 75% हिस्सा यानी लगभग ₹21,000 करोड़ बच्चों की शिक्षा के लिए दान करने का ऐलान किया है।
बिहार के पटना से ताल्लुक रखने वाले अनिल अग्रवाल ने शुरुआत एक छोटे से कारोबार से की थी और आज वो अरबों की कंपनी के मालिक हैं।
इतना बड़ा मुकाम हासिल करने के बाद भी उन्होंने समाज को वापस देने का फ़ैसला लिया है।

उनका सपना है कि भारत में ऐसे स्कूल और कॉलेज बनाए जाएँ जहाँ हर बच्चा, चाहे गरीब हो या अमीर, अच्छी शिक्षा पा सके।
उनकी फाउंडेशन पहले ही हजारों बच्चों की मदद कर रही है और अब यह दान लाखों बच्चों का भविष्य बदल देगा।

🙏 सलाम है ऐसे इंसानों को, जो अपनी दौलत से समाज का भविष्य सँवारते हैं।

क्या वाकई 10 मिनट ज़िंदगी बचा सकते हैं? Blinkit, जो पहले सिर्फ ग्रॉसरी और सामान घर पहुँचाती थी, अब इंसानी जान बचाने के म...
31/08/2025

क्या वाकई 10 मिनट ज़िंदगी बचा सकते हैं? Blinkit, जो पहले सिर्फ ग्रॉसरी और सामान घर पहुँचाती थी, अब इंसानी जान बचाने के मिशन पर है। गुरुग्राम से शुरू हुई ये पहल आज 12 एम्बुलेंस और 6 डिपो तक फैल चुकी है। हर एम्बुलेंस में पैरामेडिक, ट्रेंड ड्राइवर और ज़रूरी मेडिकल उपकरण मौजूद हैं — जैसे ऑक्सीजन सिलिंडर, स्ट्रेचर, मॉनिटर और आपातकालीन दवाइयाँ।

अब तक Blinkit की टीम ने सैकड़ों कॉल्स पर सिर्फ 10 मिनट में पहुँचकर मरीजों की मदद की। चाहे रोड एक्सीडेंट हो या अचानक तबीयत बिगड़ना, Blinkit की ये सेवा साबित कर रही है कि टेक्नोलॉजी सिर्फ सुविधा नहीं, ज़िंदगी की सुरक्षा भी है।

जल्द ही ये मॉडल दूसरे बड़े शहरों तक भी पहुँचेगा — और शायद एक दिन ये पूरे भारत में नया बदलाव बन जाए।

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ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज़ टिम डेविड और बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की मुलाकात ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया ...
31/08/2025

ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज़ टिम डेविड और बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की मुलाकात ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। दोनों की साथ में तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। फैन्स इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। क्रिकेट और बॉलीवुड का यह संगम लोगों को बेहद पसंद आ रहा है। ✨

अमीषा पटेल बोली मेरे पास 400 लक्जरी बेग है अगर मैंने वो न ख़रीदे होते तो आज मेरे पास मुंबईमें एक बडा पेन्टहाउस होता।
31/08/2025

अमीषा पटेल बोली मेरे पास 400 लक्जरी बेग है अगर मैंने वो न ख़रीदे होते तो आज मेरे पास मुंबईमें एक बडा पेन्टहाउस होता।

नाम सिर्फ़ एक पहचान नहीं होता, नाम इतिहास और संस्कार की भी पहचान होता है। जब हम किसी बच्चे का नाम रखते हैं, तो उसमें एक ...
31/08/2025

नाम सिर्फ़ एक पहचान नहीं होता, नाम इतिहास और संस्कार की भी पहचान होता है। जब हम किसी बच्चे का नाम रखते हैं, तो उसमें एक भाव, एक सोच और आने वाली पीढ़ी के लिए संदेश छिपा होता है। तैमूर नाम सुनते ही इतिहास की वह ख़ूनी दास्तां याद आती है जिसमें निर्दोषों का कत्लेआम हुआ था। यही कारण है कि विवेक अग्निहोत्री ने कहा—"ऐसे नाम नहीं रखने चाहिए।"
मगर सवाल यह भी है—क्या नाम सिर्फ़ इतिहास की याद दिलाता है या इंसान का कर्म ज़्यादा मायने रखता है?
क्या कोई बच्चा अपने नाम से बुरा कहलाएगा, या अपने अच्छे कर्मों से उसे नया मायना देगा?
ये बहस हमेशा से रही है कि नाम चुनते समय इतिहास को देखना चाहिए या भविष्य को।
आपके हिसाब से सही क्या है—नाम का महत्व ज़्यादा है, या कर्म का? 🤔

इस तस्वीर में नजर आ रही हैं एक अनुभवी अदाकारा जिन्होंने कभी बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना नाम बनाया था। आज उनका...
31/08/2025

इस तस्वीर में नजर आ रही हैं एक अनुभवी अदाकारा जिन्होंने कभी बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना नाम बनाया था। आज उनका 63वां जन्मदिन है, लेकिन अफसोस — कोई उन्हें याद नहीं करता। उन्होंने खुद कहा:
“अगर जया बच्चन या रेखा होती तो सभी लोग बधाई देते। मैंने बॉलीवुड की गंदी दुनिया छोड़ दी है, मुझे अब कोई बधाई नहीं देता।”

ये शब्द सुनने में दुखद हैं, लेकिन कड़वा सच भी हैं। बॉलीवुड में जो लोग स्पॉटलाइट में बने रहते हैं, उन्हें सब याद रखते हैं। पर जो लोग इज्जत और शांति के लिए वो दुनिया छोड़ देते हैं, उन्हें लोग भूल जाते हैं।

उनकी आंखों में आत्मविश्वास और चेहरे पर गरिमा आज भी झलकती है। उन्होंने भले ही ग्लैमर को छोड़ा हो, लेकिन उनकी पहचान और योगदान आज भी अमूल्य हैं।

आज के दिन हम सबको यह याद रखना चाहिए कि असली कलाकार वही होता है जो पर्दे पर ही नहीं, असल जिंदगी में भी अपने मूल्य बनाए रखे।

🌸 आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं — आप आज भी उतनी ही खास हैं। 🌸

इस तस्वीर में नजर आ रही हैं एक अनुभवी अदाकारा जिन्होंने कभी बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना नाम बनाया था। आज उनका...
31/08/2025

इस तस्वीर में नजर आ रही हैं एक अनुभवी अदाकारा जिन्होंने कभी बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना नाम बनाया था। आज उनका 63वां जन्मदिन है, लेकिन अफसोस — कोई उन्हें याद नहीं करता। उन्होंने खुद कहा:
“अगर जया बच्चन या रेखा होती तो सभी लोग बधाई देते। मैंने बॉलीवुड की गंदी दुनिया छोड़ दी है, मुझे अब कोई बधाई नहीं देता।”

ये शब्द सुनने में दुखद हैं, लेकिन कड़वा सच भी हैं। बॉलीवुड में जो लोग स्पॉटलाइट में बने रहते हैं, उन्हें सब याद रखते हैं। पर जो लोग इज्जत और शांति के लिए वो दुनिया छोड़ देते हैं, उन्हें लोग भूल जाते हैं।

उनकी आंखों में आत्मविश्वास और चेहरे पर गरिमा आज भी झलकती है। उन्होंने भले ही ग्लैमर को छोड़ा हो, लेकिन उनकी पहचान और योगदान आज भी अमूल्य हैं।

आज के दिन हम सबको यह याद रखना चाहिए कि असली कलाकार वही होता है जो पर्दे पर ही नहीं, असल जिंदगी में भी अपने मूल्य बनाए रखे।

🌸 आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं — आप आज भी उतनी ही खास हैं। 🌸

"सोचिए… जब देश की राजधानी की गलियाँ ही महिलाओं के लिए खौफ़ बन जाएँ, जब हर कदम पर डर पीछा करे, जब घर से बाहर निकलना आज़ाद...
30/08/2025

"सोचिए… जब देश की राजधानी की गलियाँ ही महिलाओं के लिए खौफ़ बन जाएँ, जब हर कदम पर डर पीछा करे, जब घर से बाहर निकलना आज़ादी नहीं बल्कि जंग बन जाए—तो क्या हम सच में स्वतंत्र कहलाने लायक हैं?" महिला सुरक्षा सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक ऐसा सवाल है जो हर रोज़ हमारे समाज के सामने खड़ा होता है। राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और महिला सुरक्षा सूचकांक के आँकड़े चौंकाने वाले हैं—देश की राजधानी दिल्ली, जहाँ संसद है, जहाँ से पूरा देश संचालित होता है, वहीँ महिलाएँ खुद को सबसे असुरक्षित महसूस करती हैं। रात की सड़कों पर बढ़ते अपराध, छेड़छाड़, बलात्कार और महिलाओं पर हिंसा की घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि हमारी व्यवस्था और समाज दोनों में अभी बहुत सुधार की ज़रूरत है। सवाल सिर्फ़ ये नहीं कि महिलाएँ सुरक्षित क्यों नहीं हैं, बल्कि यह भी है कि हम हर घटना पर शोर मचाकर चुप क्यों हो जाते हैं? आज भी लाखों महिलाएँ घर से निकलते समय ये सोचने को मजबूर हैं कि क्या वे सुरक्षित लौट पाएँगी? क्या यही आज़ादी है, जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी थी?

❌😱9 महीने की गर्भवती होकर भी अंतरराष्ट्रीय शतरंज में देश का झंडा ऊंचा करना कोई आसान बात नहीं — लेकिन भारतीय ग्रैंडमास्टर...
30/08/2025

❌😱9 महीने की गर्भवती होकर भी अंतरराष्ट्रीय शतरंज में देश का झंडा ऊंचा करना कोई आसान बात नहीं — लेकिन भारतीय ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली ने इसे हकीकत बना दिया। ♟️🇮🇳
चेन्नई शतरंज ओलंपियाड में उन्होंने महिला टीम को इतिहास का पहला पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
ये सिर्फ़ जीत की नहीं, बल्कि हिम्मत, त्याग और अदम्य इच्छाशक्ति की कहानी है। 🌟


🚨 क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान अपने नाखूनों को ज़िंदगी भर काटे बिना रख सकता है?भारत के पुणे के रहने वाले श्रीधर चि...
30/08/2025

🚨 क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान अपने नाखूनों को ज़िंदगी भर काटे बिना रख सकता है?
भारत के पुणे के रहने वाले श्रीधर चिल्लाल ने यही कर दिखाया। 👉 साल 1952 से लेकर 2018 तक यानी पूरे 66 सालों तक उन्होंने अपने बाएँ हाथ के नाखून कभी नहीं काटे।
धीरे-धीरे उनके नाखून इतने लंबे हो गए कि उनकी कुल लंबाई 909.6 सेंटीमीटर (लगभग 30 फीट) तक पहुँच गई।
उनका सबसे लंबा नाखून उनके अंगूठे का था, जिसकी लंबाई अकेले ही 6 फीट 4 इंच थी।

🌍 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसे आधिकारिक रूप से दर्ज किया और बाद में उनके नाखूनों को न्यूयॉर्क के "Ripley’s Believe It or Not!" म्यूज़ियम में संरक्षित कर दिया गया, जहाँ आज भी लोग उन्हें देखकर हैरान रह जाते हैं।

हालाँकि इतने लंबे नाखून रखने की वजह से उनकी उंगलियाँ टेढ़ी हो गईं और उन्हें जीवनभर दर्द व कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने इस अनोखे रिकॉर्ड को अंत तक संभालकर रखा।

✨ श्रीधर चिल्लाल की यह कहानी हमें सिखाती है कि जुनून और धैर्य से कोई भी इंसान दुनिया में अलग पहचान बना सकता है।

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