13/09/2025
मेरी शादी को पूरे 5 साल हो चुके थे। घर में मेरे पति के अलावा सासू मां और एक नंद रहती थी। नंद की शादी हो चुकी थी और वह अक्सर हमारे घर आती जाती रहती थी।
एक दिन मेरे पति और मेरे बीच झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान मेरी सासू मां हमें समझाने आई।
मैंने तुरंत ही मां से कहा, मां आप क्यों नहीं समझ रहे इन्हें, मुझे अब अलग रहना है, मुझे अब एक में नहीं रह सकती और मैंने इनसे कहा कि अब आप में से और मुझ में से किसी एक को चुन ले।
मां जी ने हैरानी से पूछा, अरे यह क्या बोल रही हो?? भला मेरा बेटा मुझ में और आप में से किसी एक को क्यों चुनेगा। अभी तक तो सब ठीक चल रहा था।
मैंने कहा मा जी कल आप खुद नंदोई जी को समझ रही थी कि कैसे उन्हें अपनी पत्नी को चुनना चाहिए। अपने मां बाप अपने परिवार को नहीं, आपने कहा था कि पति-पत्नी का रिश्ता ही सबसे मजबूत होता है और उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। अब वही बात आप अपने बेटे को भी समझाइए।
मां जी के आंखों में असमंजस था। मैंने अपने पति की तरफ मोड़ते हुए कहा, मां की भी आपको यहीं समझाएंगे की मां को छोड़कर आप मेरा साथ दीजिए। मैं यही आपके साथ उम्र भर रहूंगी। आप मेरे साथ चलिए हम बाहर रहेंगे और अपना भविष्य बनाएंगे। आप की मां के साथ हमारा भविष्य नहीं है।
मां की अचानक से अपने बेटे के सामने खड़ी हो गई और रोने लगी। नहीं नहीं, मेरा बेटा ऐसा नालायक नहीं हो सकता। ऐसा मत करना। बहु मैं अपने बेटे के बिना नहीं रह सकती हूं। मेरे बेटे को मुझसे दूर मत ले जाना। मैंने दामाद जी को गलत सलाह दी थी। अब मैं अपनी बेटी को समझाऊंगी।
मैंने अपनी सास का हाथ पकड़ कर बोला, मां जी, आप परेशान ना हो। हम आपको छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। बस हम आपको समझाना चाहते थे कि कल आप जो नंदोई जी को समझ रही थी। उनको उनके मां-बाप और परिवार वालों के खिलाफ भड़का रही थी। वह पूरी तरह गलत था जरा सोचिए मां जी यही चीज अगर आपका बेटा बहू आपके साथ करें तो आपको कैसा लगेगा। जैसे आप अपने बेटे के बिना नहीं रह सकती। तो सोचिए नंदोई जी के माता-पिता भी अपने बेटे के बिना कैसे रह सकते हैं। कोई पति अपनी पत्नी के लिए अपने परिवार को कैसे छोड़ सकताहै।
मैंने कहा, पारिवारिक जिम्मेदारियां से आजाद होना कोई आजादी नहीं होती है। उम्मीद है अब आप अपनी बेटी को भी सब जरुर समझाएंगे। जैसे आपको हमारा बेटा प्यारा है वैसे ही नंदोई जी के माता-पिता को भी उनका बेटा प्यारा है।
मां जी ने मेरी बातें समझी और उन्होंने अपनी बेटी को समझाया कि इस तरह एक घर जो टूटने की कगार पर था वह बच गया और हमें एक नई समझ और सामाजिक का रास्ता मिला।
यह सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि वास्तव में कुछ घरों में यही कहानी होती है। बैटरी की मां इसलिए बहुत खुश है कि मेरा मेरा दामाद तो हीरा है और जो मेरी बेटी को बहुत खुश रखता है और वही बेटे की मां इसलिए बहुत दुखी है कि मेरा बेटा बहुत नालायक है। बहु को बहुत खुश रखता है।।
मतलब कितने कमल की बात है ना, दामाद अच्छे माने जाते हैं क्योंकि वह बेटी को बहुत खुश रखते हैं और बेटे बुरे माने जाते हैं क्योंकि वह बहू को खुश रखते हैं वह रे दुनिया।