17/08/2025
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप और बिहार में SIR को लेकर बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंनेे वोट चोरी के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया. इसके साथ ही कहा कि सभी राजनीतिक दल चुनाव आयोग के लिए बराबर हैं. चुनाव आयोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है. चुनाव आयोग ने मतदाताओं का पक्ष लेते हुए कहा कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा. ज्ञानेश कुमार ने कहा, “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए.आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है. फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी समान हैं। चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा.” मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से सदैव खुले हैं. जमीनी स्तर पर, सभी मतदाता, सभी राजनीतिक दल और सभी बूथ-स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं, सत्यापन कर रहे हैं, हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित बीएलओ के ये सत्यापित दस्तावेज, प्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सच्चाई यह है कि कदम दर कदम सभी पक्ष बिहार के एसआईआर को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध, प्रयासरत और कड़ी मेहनत कर रहे हैं. जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं, तो न तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्नचिह्न लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बिहार में इसकी शुरुआत हो चुकी है। 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) ने एक मसौदा सूची तैयार की है… चूंकि यह मसौदा सूची हर बूथ पर तैयार की जा रही थी, इसलिए सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों ने अपने हस्ताक्षरों से इसे सत्यापित किया… मतदाताओं ने कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं.
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं. उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया. क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, के सीसीटीवी वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं…”
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज़्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं. इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?…”मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि, “कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया. जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है. जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.”