
12/11/2024
(www.ijarch.org)
भारत मे पहली बार 4500 वर्ष पुराने (2500 वर्ष ई०पू०) तांबे के हार्पून (भाले) पर आदि-शिव की मुखाकृति की खोज के बारे मे पुरातत्ववेत्ता श्री विजय कुमार ने बताया।
1. आदि-शिव की मुखाकृति वाले 4500 वर्ष पुराने हार्पून (भाले) OCP संस्कृति के है। यह संस्कृति गंगा घाटी की संस्कृति है। यह पूर्व से पश्चिम जालंधर से अयोध्या तक फैली हुई है। इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण, हिमालय और विन्ध्य पर्वत श्रेणियों / आरावली पर्वत के मध्य है।
2. OCP संस्कृति का कालखण्ड 5000 ई०पू० से 1700 ई०पू० तक है। इसके विपरीत Mature Harappa संस्कृति का कालखण्ड 2500 ई0पू0 से 2000 ई०पू० तक ही है।
3. इस संस्कृति के लोग विभिन्न प्रकार के हथियार / उपकरण जैसे भाले, तलवारे, छोटी तलवारें, हार्पून, कुल्हाड़ियां, चिजेल, आरी, गड़ासा, चाकू, कड़े, रापी का प्रयोग करते थे। हथियारो का जखीरा गांव के बीच एक सुरक्षित स्थान पर रखा जाता था। OCP संस्कृति के गांव 1-2 वर्ग किलो मीटर में फैले होते थे। इनके खेत भी इसी क्षेत्रफल में फैले होते थे। हर परिवार अपने खेत के बीच मे झोपड़ी बनाकर रहता था। झोपड़ी सामान्य रूप से गोलाकार होती थी।
4. पूरा कबीला शस्त्र धारण करता था क्योकि जहां भी यह हथियार पाये गये है, वह सब गांव के बीच मे किसी सुरक्षित स्थान पर पाये जाते है। एक गांव मे हथियारो के जखीरे का वजन 100 किलोग्राम से लेकर 250 किलोग्राम तक होता था। इतनी बड़ी संख्या में हड़प्पा कालीन स्थलों से भी तांबे के हथियार नही पाये गये हैं।
5. इनकी तांबे की ढ़लाई की तकनीक बहुत उन्नत थी। इसे वह उत्तराखण्ड और राजस्थान की तांबे की खानों से प्राप्त करते थे। यह पहले तांबे के हथियारों को सांचे मे ढ़ालते थे और फिर उसको पीटकर धार बनाते थे अथवा उसको आवश्यक्तानुरूप आकार देते थे।
6. इनके तांबे के हथियार बनाने की तकनीक विश्व में और कही नही पायी जाती है।
7. इनके हथियारों के जखीरे के साथ ही इनके युद्ध के देवताओं की प्रतिमायें भी रखी जाती थी। इनके युद्ध के देवता गरूड़ और कार्तिकेय थे, जिन्हें यह ध्वज के रूप में लेकर युद्ध के मैदान मे जाते थे। गुप्त सम्राट भी गरूड़-ध्वज का प्रयोग करते थे जैसा कि उनके कुछ सोने के सिक्को पर दिखाया गया है। गुप्तो से पूर्व पश्चिमी भारत के यौद्धेय शासक अपने सिक्को पर हार्पून लिये हुये कार्तिकेय की आकृति बनाते थे और सिक्के के दूसरी तरफ देवी सष्ठी की आकृति बनाते थे।
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