अमितेश

  • Home
  • अमितेश

अमितेश समाज के ज्वलंत मुद्दों पर एक लेखनी ......

31/12/2024

2024 का आज आखिरी दिन, एक नए वर्ष की शुरुआत नए उमंग से ।। इस पूरे वर्ष में बहुत कुछ पाया तो बहुत कुछ खोया भी ।।
इस बीते वर्ष में मैंने गलती से जाने अनजाने में किसी का भी दिल दुखाया है तो क्षमा चाहूंगा ।।

हर इंसान के जीवन में कुछ न कुछ लक्ष्य होता है, मेरे जीवन में भी है मगर उसके साथ ये चाहत भी की इस जीवन में जितना ज्यादा से ज्यादा लोगो के काम आ सकूं ।।
अपने आराध्य श्री कृष्ण से प्रार्थना की कभी भी मुझसे किसी का गलत न हो ।।मुझे सदैव गलत राह पर चलने से रोके।।

इस बीते वर्ष ने मुझे एक सबक भी सिखाया कि सभी लोग पर आंख मूंदकर कर भरोसा नहीं करना चाहिए, आप किसी पर विश्वाश करते है और वो उसे आपकी दुर्बलता समझ लेता है जिस कारण मुझे नुकसान भी हुआ ।। खैर मेरे मन में किसी के प्रति कोई दुरा भाव नहीं है, श्री हरि उसका भी कल्याण करें ।।
श्री राधा कृष्ण सदैव मेरे साथ रहे, मै उनका दास रहूँ बस इतनी ही प्रार्थना है।।

समय सबका बदलता है,
रोज कैलेंडर तारीख बदलती है ।।
आज तारीख कैलेंडर बदल देगी ।।

अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए ।।

राधे राधे
अमितेश आनन्द

श्रीराधारमण लाल जू का प्राकट्य आज श्री राधारमण जू का प्राकट्य दिवस है  । आज यहां मंदिर में श्री राधारमण जी का अद्भुत अभि...
23/05/2024

श्रीराधारमण लाल जू का प्राकट्य

आज श्री राधारमण जू का प्राकट्य दिवस है । आज यहां मंदिर में श्री राधारमण जी का अद्भुत अभिषेक होता है । यह अभिषेक ठीक वैसे ही होता है जैसे जन्माष्टमी के दिन होता है ।

श्री गोपाल भट्ट जी के पास शालिग्राम शिला के रूप में श्री राधारमण जी थे

दो बातें आती हैं
एक तो यह आती है कि उन दिनों किसी वैष्णव ने सभी विग्रहों के श्रृंगार पोशाक आदि प्रदान किए थे तो गोपाल भट्ट जी के मन में आया कि मेरे शालिग्राम भी यदि विग्रह होते तो मैं भी इन्हें श्रृंगार वस्त्र पोशाक धारण कराता ।

दूसरी बात गोपाल भट्ट जी के हृदय में आई। 1 दिन पूर्व क्योंकि नरसिंह जयंती होती है । प्रभु जैसे प्रह्लाद के लिए आप नरसिंह रुप में खंभे से प्रकट हुए क्यों नहीं आप उसी प्रकार से इस शालिग्राम से मेरे लिए विग्रह रूप में प्रकट होते हैं

रात्रि को यह चिंतन करते करते सो गए और प्रातः काल वही शालिग्राम शिला आज के ही दिन श्री राधारमण के श्री विग्रह के रुप में परिवर्तित हो गई जो यहां वृंदावन में विराजमान है यहां अत्यधिक विधि विधान से भावपूर्वक सेवा होती है । भक्तों को ठाकुर यहां विराजमान हो कर दर्शन देते हैं ।

आज उनके प्राकट्योत्सव पर शत शत नमन वंदन प्रणाम

समस्त वैष्णव जन को दासाभास का प्रणाम
जय श्री राधे ॥ जय निताई ॥

21/05/2024

All over India Service available.
Free Home Collection

19/05/2024

#शुभम_भवतु
अवश्य पढ़े
------------
मझदार में जब कश्ती पहूँची,कश्ती वालों पर क्या गुजरती हैं,
यह तूफानों की बातें हैं,तटो पर अठखेलिया करने वाले क्या जाने।
-------
जंगल में एक गर्भवती हिरणी बच्चे को जन्म देने को थी,वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी कि अचानक उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी. उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये।

वहां पहुँचते ही उसे प्रसव पीडा शुरू हो गयी, उसी समय आसमांन में घनाघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी.उसने बाए देखा तो एक शिकारी तीर का निशाना उस की तरफ साध रहा था, घबराकर वह दाहिने मुडी तो वहां एक भूखा शेर झपटने को तैयार बैठा था. सामने सूखी हुई घास आग पकड चुकी थी,पीछे मुडी तो नदी में जल बहुत था.

ऐसे मुश्किलो से घिरी वो बेचारी मादा हिरणी क्या करती?
वह प्रसव पीडा सें व्याकुल थी और हालातो से डरी हुई भी!
अब क्या होगा,क्या हिरणी जीवित बचेगी ?
क्या वो अपने बच्चे को जन्म दे पायेगी ?
क्या उसका शिशु जीवित रहेगा या जंगल की आग सब कु्छ जला देगी ?
क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी या मादा हिरनी भुखे शेर का भोजन बनेगी ?
वो एक तरफ आग से घिरी हुई हैं और पीछे कल कल करती बहती हुई नदी है क्या करेगी वो ?

उसने अपने आप को शुन्य में छोड एवं सबकुछ उस शक्ति के चरणों मे समर्पित कर दिया जिसे हम भगवान्, ईश्वर, परमशक्ति परमेश्वर या गॉड कहते हैं और अपने बच्चे को जन्म देने का विचार करा....
कुदरत का करिश्मा देखिये ..

शिकारी का तीर छोडते समय आसमां में बिजली चमकी और शिकारी आँखे चौंधिया गयी जिस से उस का छोड़ा हुआ तीर हिरणी के पास से गुजरता हुआ शेर को जा लगा.घनाघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी एवं हिरणी ने सकुशल अपने शिशु को जन्म दिया एवं तदुपरांत भगवान् को कोटिशः साधुवाद दिया।

इसी प्रकार हमारे जीवन में भी कभी ऐसा समय आता हैं जब हम चारो तरफ से समस्याओ से स्वयं को घिरा हुआ पाते हैं और कोई निर्णाय नहीं ले पाते,तब उन समय मे हमे शुन्य हो कर सब कुछ नियती के हाथो में छोड देना चाहिए जैसे उस हिरणी ने किया. जो पहली प्राथमिकता हो हमे उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जैसे हिरनी ने शावक को जन्म दिया। निश्चित मानिए अगर आप की नीयत साफ हैं और ईश्वर में विश्वास हैं तो प्रभु आप के साथ होते हैं और वह सब अच्छा करते हुए आपका आगे का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

अतः अपने आप से पुछे ..
आप कहां केन्द्रित है,आप का विश्वास और उम्मीद किस से है एवं आपकी प्राथमिकता क्या हैं। ईश्वर किसी ना किसी रूप में आपका साथ अवश्य देंगे,वो आप को निराश नहीं करेंगे।

मत सोच इतना जिंदगी के बारे में कि क्या होगा,
जिसने जिंदगी दी हैं उसने भी तो कुछ सोचा होगा।

राधे राधे

पटना आ रहे है न।। आज ही है रक्तदान शिविर।। अवश्य पहुचें।। रक्तदान दूसरे के लिए नही अपने लिए करे। रक्त दान करने से हार्ट ...
19/05/2024

पटना आ रहे है न।। आज ही है रक्तदान शिविर।। अवश्य पहुचें।। रक्तदान दूसरे के लिए नही अपने लिए करे। रक्त दान करने से हार्ट की समस्या से बचा सकते है।। इसलिए अवश्य करें।। और इमर्जेंसी मे आपके ही काम आयेगा।।

राधे राधे।।

18/05/2024

रक्त के लिए जब भी किसी ने भी कॉल किया हमेशा प्रयास रहा की उपलब्ध करवा दिया जाए।। मगर इसमें भी हमेशा डोनर का सहयोग ही रहा है।। एक बार फिर जो पहुँच सकते है वो जरूर पहुचें।।

राधे राधे 🙏🙏

17/05/2024

*यही जीवन है....

कुछ लोग अपनी पढाई 22 साल की उम्र में पुर्ण कर लेते हैं मगर उनको कई सालों तक कोई अच्छी नौकरी नहीं मिलती,

कुछ लोग 25 साल की उम्र में किसी कंपनी के सीईओ बन जाते हैं और 50 साल की उम्र में हमें पता चलता है वह नहीं रहे,

जबकि कुछ लोग 50 साल की उम्र में सीईओ बनते हैं और 90 साल तक आनंदित रहते हैं,

बेहतरीन रोज़गार होने के बावजूद कुछ लोग अभी तक ग़ैर शादीशुदा है और कुछ लोग बग़ैर रोज़गार के भी शादी कर चुके हैं और रोज़गार वालों से ज़्यादा खुश हैं,

बराक ओबामा 55 साल की उम्र में रिटायर हो गये... जबकि ट्रंप 70 साल की उम्र में शुरुआत करते है,

कुछ लोग परीक्षा में फेल हो जाने पर भी मुस्कुरा देते हैं और कुछ लोग एक नंबर कम आने पर भी रो देते हैं,

किसी को बग़ैर कोशिश के भी बहुत कुछ मिल गया और कुछ सारी ज़िंदगी बस एड़ियां ही रगड़ते रहे,

इस दुनिया में हर शख़्स अपने टाइम ज़ोन की बुनियाद पर काम कर रहा है,

ज़ाहिरी तौर पर हमें ऐसा लगता है कुछ लोग हमसे बहुत आगे निकल चुके हैं,
और शायद ऐसा भी लगता हो कुछ हमसे अभी तक पीछे हैं,

लेकिन हर व्यक्ति अपनी अपनी जगह ठीक है अपने अपने वक़्त के मुताबिक़....!!

किसी से भी अपनी तुलना मत कीजिए..

अपने टाइम ज़ोन में रहें
इंतज़ार कीजिए और
इत्मीनान रखिए...

ना ही आपको देर हुई है और ना ही जल्दी,

परमपिता परमेश्वर ने हम सबको अपने हिसाब से डिजा़इन किया है वह जानता है कौन कितना बोझ उठा सकता है किस को किस वक़्त क्या देना है,

विश्वास रखिए भगवान की ओर से हमारे लिए जो फैसला किया गया है वह सर्वोत्तम ही है।
💐💐

आज भांजे का जन्मदिन है , सभी का प्यार और आशीर्वाद अपेक्षित है ।। श्री वृन्दावन बिहारी जी से प्रार्थना है कि अपना आशीष सद...
16/05/2024

आज भांजे का जन्मदिन है , सभी का प्यार और आशीर्वाद अपेक्षित है ।। श्री वृन्दावन बिहारी जी से प्रार्थना है कि अपना आशीष सदैव बनाए रखें ।। जीवन में हमेशा एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करना यही कामना है ।।

स्वस्थ रहो,सुखी रहो, दीर्घायु हो अच्छे संस्कारों से परिपूर्ण रहो ।।
राधे राधे

पशु न अपने बुजुर्गों को ओल्ड एज होम्स में छोड़ते हैं न ही बच्चों को क्रेअचेज में । ये सब अजूबे सभ्य इंसान ही सम्भव करते ह...
16/05/2024

पशु न अपने बुजुर्गों को ओल्ड एज होम्स में छोड़ते हैं

न ही बच्चों को क्रेअचेज में ।

ये सब अजूबे सभ्य इंसान ही सम्भव करते हैं ।

वो भी सिर्फ कैरियर काम और कमाई के चक्कर व व्यस्तता के चलते ।

जैसे जैसे इंसान ज्यादा सभ्य ,समझदार और स्वानजी हुए ।

वैसे वैसे पालना घर और वृद्धाश्रम बढ़ते रहेंगे । रहे हैं ।
(राजेश भाई के wall से )

14/05/2024
14/05/2024

🌿 जो इन तीनो को छोड़ता है भगवान उसे नहीं छोड़ते !

हनुमान जी को भगवान सदा अपने पास बैठाते है ; क्यों ?

क्योंकि हनुमान जी ने तीन काम किये और जो ये तीन कार्य करता है भगवान उसे अपने पास सदा रखते है !

🌷1- नाम छोड़ा -हनुमान जी ने अपना कोई नाम नहीं रखा !हनुमान जी के जितने भी नाम है सभी उनके कार्यों से अलग अलग नाम हुए है !

किसी ने पूछा -आपने अपना कोई नाम क्यों नहीं रखा तो हनुमान जी बोले -जो है नाम वाला वही तो बदनाम है नाम तो दो ही सुन्दर है राम और कृष्ण का !

विभीषण जी के पास जब हनुमान जी गए तो विभीषण जी बोले -आपने भगवान की इतनी सुन्दर कथा सुनाई आप अपना नाम तो बताईये !

हनुमान जी बोले -नाम की तो बड़ी महिमा है

प्रात लेई जो नाम हमारा ;
तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा !
अर्थात प्रात:काल हमारा नाम जो लेता है उस दिन उसे आहार तक नहीं मिलता !

हनुमान जी ने नाम छोड़ा और हम नाम के पीछे ही मरे जाते है !मंदिर में एक पत्थर भी लगवाते है तो पहले अपना नाम उस पर खुदवाते है !

एक व्यक्ति ने एक मंदिर में पंखे लगवाए ;पंखे की हर पंखङी पर अपने पिता जी का नाम लिखवाया !

एक संत ने पूछा -ये पंखे पर किसका नाम लिखा है !उसके बेटे ने कहा -मेरे पिता जी का नाम है !संत बोले -जीते जी खूब चक्कर काटे कम से कम मरने के बाद तो छोड़ दो क्यों चक्कर लगवा रहे हो !

🌷2- रूप छोड़ा -हनुमान जी बंदर का रूप लेकर आये !हमें किसी का मजाक उड़ाना होता है तो हम कहते है कैसा बंदर जैसा मुख है कैसे बंदर जैसे दाँत दिखा रहा है !

हनुमान जी से किसी ने पूछा -आप रूप बिगाड़कर क्यों आये तो हनुमान जी बोले यदि मै रूपवान हो गया तो भगवान पीछे रह जायेगे !

इस पर भगवान बोले -चिंता मत करो हनुमान मेरे नाम से ज्यादा तुम्हारा नाम होगा और ऐसा हुआ भी राम जी के मंदिर से ज्यादा हनुमान जी के मंदिर है !मेरे दरबार में पहले तुम्हारा दर्शन होगा (राम द्वारे तुम रखवाले) !

🌷3- यश छोड़ा -हम थोड़ा सा भी बड़ा और अच्छा काम करते है तो चाहते है पेपर में हमारी फोटो छपे नाम छपे पर हनुमान जी ने कितने बड़े-2 काम किये पर यश स्वयं नहीं लिया !

एक बार भगवान वानरों के बीच में बैठे थे ;सोचने लगे हनुमान तो अपने मुख से स्वयं कहेगा नहीं इसलिए हनुमान की बडाई करते हुए बोले -हनुमान तुमने इतना बड़ा सागर लांघा जिसे कोई नहीं लांघ सका !

हनुमान जी बोले -प्रभु इसमें मेरी क्या बिसात
प्रभु मुद्रिका मेल मुख माही !
आपके नाम की मुंदरी ने पार लगाया !

भगवान बोले -अच्छा हनुमान चलो मेरी नाम की मुंदरी ने उस पार लगाया फिर जब तुम लौटे तब तो मुंदरी जानकी को दे आये थे फिर लौटते में तो नहीं थी फिर किसने पार लगाया ?

इस पर हनुमान जी बोले -प्रभु आपकी कृपा ने (मुंदरी) ने उस पार किया और माता सीता की कृपा ने (चूड़ामणि) इस पार किया !

भगवान ने मुस्कराते हुए पूछा -और लंका कैसे जली ?

हनुमान जी -लंका को जलाया आपके प्रताप ने लंका को जलाया रावण के पाप ने लंका को जलाया माँ जानकी के श्राप ने !

भगवान ने मुस्कराते हुए घोषणा की -हे हनुमान तुमने यश छोड़ा है इसलिए न जाने तुम्हारा यश कौन-2 गायेगा !

सहस बदन तुम्हारो यश गावे
सारा जगत तुम्हारा यश गायेगा !
कहना यह है जो इन तीनो को छोडता है भगवान फिर उसे नहीं छोडते सदा अपने साथ रखते है !

🌷🌻जय सिया राम 🌻🌷
🌷🌻जय जय हनुमान 🌻🌷

Address


Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when अमितेश posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

  • Want your business to be the top-listed Media Company?

Share