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CAG खुलासों पर मीडिया की चुप्पी क्योंCAG की हालिया रिपोर्ट्स ने बिहार में ₹70,000 करोड़ के बेनामी खर्च और रेलवे में ₹573...
27/07/2025

CAG खुलासों पर मीडिया की चुप्पी क्यों

CAG की हालिया रिपोर्ट्स ने बिहार में ₹70,000 करोड़ के बेनामी खर्च और रेलवे में ₹573 करोड़ के नुकसान का खुलासा किया। भारतमाला, द्वारका एक्सप्रेस-वे, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं में धांधली भी सामने आई। विपक्षी नेताओं ने मीडिया की चुप्पी पर सवाल उठाए। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “70 हज़ार करोड़ गायब, लेकिन मीडिया सत्ता के तलवे चाट रहा है।” तेजस्वी यादव और पवन खेड़ा ने भी जनता के पैसे की बर्बादी पर जवाबदेही की मांग की। 2014 के बाद CAG ऑडिट में 75% कमी के बावजूद, मीडिया ने इन मुद्दों को नजरअंदाज किया। अरविंद केजरीवाल और डेरेक ओ’ब्रायन ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। मीडिया की खामोशी से जनता अनजान बनी हुई है, जिससे सुधार रुक रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि मीडिया सत्ता के दबाव में चुप है, जिससे जवाबदेही कमजोर हो रही है।

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ANI ,YouTuber कॉपीराइट उल्लंघन विवाद निर्णायक दौर में25 जुलाई 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पट...
26/07/2025

ANI ,YouTuber कॉपीराइट उल्लंघन विवाद निर्णायक दौर में

25 जुलाई 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पटियाला हाउस कोर्ट से एक कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन मुकदमे को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित कर लिया। यह मुकदमा एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने यूट्यूबर मोहक मंगल के खिलाफ दायर किया है, जिसमें ANI की सामग्री के अनधिकृत उपयोग का आरोप है। यह कदम कोर्ट की डिजिटल मीडिया से जुड़े विवादों पर नजर रखने की मंशा को दर्शाता है।

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पत्रकारिता के दमन को बढ़ावा देगा मोदी सरकार का DPDP कानूनभारत सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 (DPDP ) का...
23/07/2025

पत्रकारिता के दमन को बढ़ावा देगा मोदी सरकार का DPDP कानून

भारत सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 (DPDP ) कानून लाने जा रही है जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करना होगा लेकिन इस कानून के बनने से भारतीय मीडिया की स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ने वाली है। DPDP कानून GDPR जैसे वैश्विक कानून के विपरीत है जो पत्रकारिता के काम को छूट देते हैं लेकिन डीपीडीपी कानून के अंतर्गत पत्रकारों को किसी की व्यक्तिगत जानकारी प्रकाशित करने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी। इस शर्त की वजह से अब भ्र्ष्ट राजनेताओं और अधिकारियों को उजागर करना चुनौती पूर्ण हो जाएगा क्योंकि उनकी अनुमति के बिना उनके खिलाफ खबर नहीं छापी जा सकेगी।

19 जुलाई, 2025 को, जर्मन यूनियनों और समाचार पत्र प्रकाशकों ने दैनिक समाचार पत्र कर्मचारियों के लिए 2027 तक तीन चरणों में...
20/07/2025

19 जुलाई, 2025 को, जर्मन यूनियनों और समाचार पत्र प्रकाशकों ने दैनिक समाचार पत्र कर्मचारियों के लिए 2027 तक तीन चरणों में 10.5% औसत वेतन वृद्धि को अंतिम रूप दिया। वर्डी यूनियन के मुख्य वार्ताकार मैथियास वॉन फिंटेल ने डीपीए को बताया, “वास्तविक वेतन में वर्षों की कमी के बाद, यह सुधार जरूरी था।” जनवरी से लागू यह समझौता 10वें दौर की कठिन वार्ताओं और जर्मनी के 36 स्थानों पर हड़तालों के बाद हुआ। स्वयंसेवकों और नए पत्रकारों को 16% तक की वृद्धि मिलेगी।

वरिष्ठ भारतीय पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ बिहार के बलिया में मतदाता सूची संशोधन की रिपोर्टिंग के दौरान FIR दर्ज की गई, ज...
16/07/2025

वरिष्ठ भारतीय पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ बिहार के बलिया में मतदाता सूची संशोधन की रिपोर्टिंग के दौरान FIR दर्ज की गई, जिससे उनकी पत्रकारिता चर्चा में है।

अजीत अंजुम कौन हैं?अजीत अंजुम एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार और लेखक हैं, जो अपनी साहसी और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 1969 में बिहार के बेगूसराय में हुआ था। उन्होंने मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की और पाटलिपुत्र टाइम्स में स्थानीय रिपोर्टर के रूप में करियर शुरू किया। बाद में वे दिल्ली चले गए और धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान जैसे प्रकाशनों के लिए काम किया। उन्होंने न्यूज 24 और इंडिया टीवी में प्रबंध संपादक के पद पर कार्य किया। 2015 में इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल "अजीत अंजुम ऑफिशियल" शुरू किया, जहां वे सामाजिक मुद्दों और समसामयिक घटनाओं पर वीडियो बनाते हैं। उन्हें 2010 में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म और 2013 में रेडइंक अवार्ड जैसे सम्मानों से नवाजा गया है।

सरकारी विज्ञापन कैसे नियंत्रित करते हैं मीडिया की कहानियां वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने भारत में मीडिया की स्थिति के ब...
16/07/2025

सरकारी विज्ञापन कैसे नियंत्रित करते हैं मीडिया की कहानियां वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने भारत में मीडिया की स्थिति के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि सरकारी विज्ञापनों के कारण स्वतंत्र पत्रकारिता दब रही है। “हमें गोदी मीडिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि हम सरकार के खिलाफ कुछ नहीं दिखाते। मैं ईमानदारी से बोल रहा हूं,” अवस्थी ने कहा।

07/07/2025

दोस्तो आम अब पुरुष नहीं रहा, इसके कई महिला नाम भी है जैसे अमरपाली, मालिका, सिंधु, रत्ना, नीलम आदि। यानी अब आप यह कह सकते हैं कि आपने आम खाई। सबसे बड़े आम का नाम है नरेंद्र मोदी और सबसे छोटे का नाम क्या है ...इस रसीली जानकारी के लिए देखिए पूरा वीडियो। लिंक कमेंट बॉक्स में है

04/07/2025

भारतीय सरकार ने सेब पर आयात शुल्क बढ़ाकर स्थानीय सेब उत्पादकों को लाभ पहुंचाने का निर्णय लिया है।
न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) में बढ़ोतरी:
सेब का न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) 50 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति किलो किया गया, ताकि सस्ते विदेशी सेब भारतीय बाजार में न आएं।

स्थानीय उत्पादकों को संरक्षण:यह कदम हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादकों को सस्ते आयातित सेबों से प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए उठाया गया है।
विदेशी सेबों पर अंकुश:बढ़े हुए MIP से अमेरिका, तुर्की, ईरान जैसे देशों से आयातित सेबों की कीमत बढ़ेगी, जिससे स्थानीय सेब को बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा।

किसानों के लिए लाभ:सेब उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में सुधार होगा और आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।
मोदी सरकार का किसान-हितैषी कदम:
इस निर्णय को नरेंद्र मोदी सरकार की किसान-हितैषी नीति और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बताया जा रहा है।
पहले के उपाय:2018 में चीनी सेबों पर प्रतिबंध और 2023 में MIP को 50 रुपये प्रति किलो करने जैसे कदमों ने भी स्थानीय उत्पादकों को लाभ पहुंचाया था।

आलोचनाओं का जवाब:2023 में अमेरिकी सेबों पर अतिरिक्त 20% शुल्क हटाने के बाद विपक्ष ने आलोचना की थी, लेकिन MIP बढ़ाने से सरकार ने स्थानीय किसानों के हितों को प्राथमिकता दी।

कीवर्ड:सेब आयात शुल्क, न्यूनतम आयात मूल्य, MIP, स्थानीय सेब उत्पादक, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मोदी सरकार, आत्मनिर्भर भारत, किसान हित, विदेशी सेब, प्रतिस्पर्धा, बाजार मूल्य

03/07/2025

जून 2025 में कांगड़ा और कुल्लू में बादल फटने से दो लोगों की मौत हुई।
जुलाई 2025 में मंडी में 10 से अधिक लोगों की जान गई, 34 लापता हैं।
कुल्लू में जून और जुलाई में कई घर और वाहन बह गए।
मंडी में जुलाई में ब्यास और सुकेती नदियों का जलस्तर बढ़ने से तबाही हुई।
जून में सैंज घाटी में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन के शेड ध्वस्त हुए।
जुलाई में मंडी, चंबा, और शिमला में सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए।
जून और जुलाई में भारी बारिश से हिमाचल में 16 बादल फटने की घटनाएं हुईं।

लोग गंजे क्यों हो रहे है ,क्या है समाधान और सावधानियांमर्द क्यों गंजे हो रहे हैं,औरतें गंजी क्यों नहीं होती,क्या हेयर ट्...
03/07/2025

लोग गंजे क्यों हो रहे है ,क्या है समाधान और सावधानियां

मर्द क्यों गंजे हो रहे हैं,औरतें गंजी क्यों नहीं होती,क्या हेयर ट्रांसप्लांट करवाना सुरक्षित है बाल झड़ने के क्या कारण है, शैंपू और हेयर डाई कैसे लेते हैं बालों की जान, बालों को मजबूत करने के टिप्स समझिए आसानी से। पूरी जानकारी के लिए कमेंट बॉक्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

गंजेपन को मात देकर इन सितारों ने कैसे बनाई अपनी अनोखी पहचान!क्या आपको मालूम है कि बॉलीवुड के कई नामी गिरामी सितारे जैसे ...
03/07/2025

गंजेपन को मात देकर इन सितारों ने कैसे बनाई अपनी अनोखी पहचान!

क्या आपको मालूम है कि बॉलीवुड के कई नामी गिरामी सितारे जैसे अमिताभ बच्चन, सनी देओल, सलमान खान, गोविंदा, अक्षय खन्ना अक्षय कुमार,संजय दत्त,कपिल शर्मा राकेश रोशन ,राजकुमार सब गंजे हैं। कई बॉलीवुड सितारे जहां हेयर ट्रांसप्लांट करवा चुके हैं वहीं कई बिग का इस्तेमाल करते हैं........पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए कमेंट बॉक्स में दिए लिंक पर क्लिक करें

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