02/06/2022
आधुनिक गीता….
जो कल सही था वो आज ग़लत है,
जो आज सही है वो कल ग़लत होगा !
जो कल सही था वो मैं ही था,
जो आज सही है वो मैं ही हूँ,
जो कल सही होगा वो भी मैं ही होऊँगा ।
मैं सत्ता हूँ,
और
सत्ता अजर अमर है…
तुम्हारा भूत, वर्तमान, भविष्य सब मैं ही हूँ। मैं ही सत्य हूँ,
बाकी सब मिथ्या है।
मेरी शरण ही मुक्ति प्रदाता है बाकी सब भ्रम है।
हे...... इस सत्य को जितना जल्दी जान लोगे, उतना जल्दी ही परम् आनंद को प्राप्त कर सकोगे, वरना यूँ ही मेरे द्वारा ही रचित मायाजाल में तड़फते, कलपते रहोगे, मुक्ति नहीं पा सकोगे।