
04/12/2023
साहू समाज के लोग महिला को नवादा से बाहर निकाल करदिखाएंगे मर्दानगी या सहारा बनकरबनेंगे महिला सशक्तिकरण का नमूना नवादा /साहू सदन में एक विधवा महिला का मामला काफी जोर पकड़ रहा है धिक्कार हैसाहू समाज का जिसमें सारे लोगधन धन बल से परिपूर्ण हैलेकिन एकमात्र बेसहारा महिला का मामला थाना आने वाला है करीब 5 सालों सेमहिला अपनी जरूरत के अनुसार उस साहू सदन में रहती आयी थीऔरसारे साहू समाज के लोगसपोर्ट भी करते थेलेकिन आज क्या हो गया करीब 2 महीने पहलेमहिला विधवा हो गई ससुर तो पहले मर चुके थेऔरपति दो महीना पहले स्वर्ग सिधार गए तब से समाज के कुछ लोगमहिला का जानी दुश्मन बन गएऔर बनने का कारण हैउसकी संपत्ति जो असामाजिक तत्वों के द्वारा हड़प जाने का इरादा है और उन असामाजिक तत्वों सेसाहू सदन के कुछ लोगशायद मिले हुए हैंयही कारण हैकि वह किसी भी परिस्थिति मेंविधवा महिला कोनवादा में देखना नहीं चाहते हैंताकि अपनी संपत्ति के लिएवह संघर्ष नहीं कर सकेहालांकि ऐसी बात नहींकि समाज के सभी लोगों विरोध कर रहे हैंकुछ लोगआगे आने को तैयार हैंऔर आजथाना मेंइस मुद्दे परबैठक भी होनी हैलेकिन देखना है कि जो लोगसमाज के ठेकेदार बने हुए हैंउन्हें इस महिला से कितनी हमदर्दी हैक्यासाहू समाज के लोग इसमहिला कासहारा बन सकते हैंपहले की तरहयाइस महिला को नवादा से बाहर करअपनी मर्दानगी दिखाना चाहते हैंइसमें नवादा पुलिसके भी कुछ लोगसंपत्ति हड़पने वालों से मिले हुए हैंतभी तो खाली करानेसाहू सदन पहुंच गए थेलेकिन आज तक नवादा पुलिसउसे महिला कोअपने ही मकान काएक कमरा नहीं दिला सकाजबकि हरिश्चंद्र स्टेडियमके ठीक सामने वाला मकानमहिला का हैतो क्या उस मकान के एक कमरे मेंरहने का अधिकारपुलिस नहीं दे सकती हैलेकिन इस पर तोपुलिस कोर्ट का हवाला देकरपल्लूझाड़ रही हैजबकिउसे मकान मेंस्कूल भी चल रहा हैऔर कई कमरे खाली भी हैंलेकिन पुलिसको इससे मतलब नहीं हैसवाल पुलिस पर भी उठ रहा हैऔर समाजके ठेकेदारों पर भी उंगली जा रही हैक्या नवादा का साहू समाजएक विधवा महिलाका सहारा नहीं बन सकता हैहालांकि यह मामलासाहू समाज के सारे लोगके संज्ञान में हैलेकिनकुछ एक को छोड़करमदद करने को कोई सामने नहीं आ रहा हैअब देखना हैकीमहिला थाने पहुंच रही हैऔर कौन-कौन लोगउसका सपोर्ट करसहारा बनना चाहता हैऔर कौन-कौन लोगउसके विरोध में अपनी सहमति बनाते हैंहालांकि यह जग जाहिर हैजो भी लोग विरोध में होंगेउनमें अधिकांश लोग थाना नहीं पहुंचेंगेक्योंकि उन्हेंअपना छवि गंदा होने का डर सताएगा
साहू समाज के लोग महिला को नवादा से बाहर निकाल करदिखाएंगे मर्दानगी या सहारा बनकरबनेंगे महिला सशक्तिकरण का नमूना न.....