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02/11/2025
असंध के दुपेडी गांव के निवासी सुमित बैनीवाल दिल्ली रणजी ट्रॉफी टीम के लिए हुए चयनित*बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ...
01/11/2025

असंध के दुपेडी गांव के निवासी सुमित बैनीवाल दिल्ली रणजी ट्रॉफी टीम के लिए हुए चयनित

*बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मिलता है रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका -सुमित नरवाल*

करनाल 1 नवंबर
असंध के दुपेडी गांव के रहने वाले सुमित बेनीवाल दिल्ली रणजी ट्रॉफी टीम के लिए चयनित हुए हैं।फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में पांडिचेरी की टीम के खिलाफ मैच खेलने के पश्चात यह मौका मिलेगा।
हरियाणा से दिल्ली की तरफ़ से खेलने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं इससे पूर्व सुमित नरवाल एवं नवदीप सैनी भी को भी यह मौका मिला है।आई पी एल खिलाड़ी सुमित नरवाल के सहयोग एवं मार्गदर्शन से नरवाल क्रिकेट एकेडमी से क्रिकेट की ट्रेनिंग ली है। सुमित बेनीवाल की इस उपलब्धि पर क्रिकेटर सुमित नरवाल ने बधाई देते हुए कहा कि मुझे बेनीवाल की इस कामयाबी पर बेहद खुशी है और मैं उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।सुमित नरवाल ने रणजी ट्रॉफी में चयनित किए जाने की प्रक्रिया के बारे जानकारी देते हुए कहा कि
रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन एक बहु-स्तरीय प्रक्रिया है जो जिला, राज्य और फिर जोनल स्तर के प्रदर्शन पर आधारित है। सबसे पहले, खिलाड़ियों को अपने जिले की सीनियर टीम में अच्छा प्रदर्शन करना होता है, जिसके बाद उन्हें राज्य क्रिकेट बोर्ड के ट्रायल के लिए चुना जाता है। जिला और राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को जोनल ट्रायल में भाग लेने का मौका मिलता है। इन ट्रायलों में सफल होने पर, खिलाड़ियों को एक महीने के अंतिम कैंप के लिए चुना जाता है, जहाँ उनकी फिटनेस और कौशल का मूल्यांकन किया जाता है और अंततः रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल किया जाता है।

जरा याद भी करलो जिन्होंने हरियाणा को बनाया उन्हें  आज के दिन जरूरत है याद करने कीकरनाल से चौधरी मुल्तान सिंह पहली विधानस...
01/11/2025

जरा याद भी करलो जिन्होंने हरियाणा को बनाया
उन्हें आज के दिन जरूरत है याद करने की
करनाल से चौधरी मुल्तान सिंह पहली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर, पानीपत से फतेह चंद पहले विधायक थे
हरियाणा को बनाने में बाबू मूलचंद , मुल्तान सिंह, देवीलाल, दलबीर सिंह, चिरंजीलाल तथा मंगसैन की अहम भूमिका
करनाल 01 नवंवर (शैलेंद्र जैन): हरियाणा साठ साल का हो गया हैं। 59 साल पहले एक नवंवर को हरियाणा पंजाब से अलग हुआ था। उस समय हरियाणा में 54 हलके थे। इनमें से 10 हलके आरक्षित विधानसभाथे। आज अतीत के झरोखे से यह दिखता है कि हरियाणा के पहली विधानसभा में करनाल जिले से मुल्तान सिह कल्याण विधायक थे। वह पहली विधानसभा में डिप्अी स्पीकर रहे थे। संयुक्त पंजाब की विधानसभा के 1962 -1967 के कार्यकाल में हुआ था। हरियाणा बनने के बाद पहली बार विधानसभा के चुनाव 19 67 में हुएथे। उस समय घरौंडा से विधायक के रूप में मुल्तान सिंह कल्याण विघायक बने थे। उन्हें मंत्री भी बनाया गया। हरियाणा की पहली विधानसभा में चांद राम, रणबीर सिंह हुड्डा, देवी लाल, चौधरी दलबीर सिंह, मुल्तान सिंह, पंडित चिंरजी लाल,डा. मंगलसैन ,फतेह चंद विज, खुर्शीद अहमद, राव निहाल सिंह, आसेप्रभा जैन, रिजक राम, तैयब हुसैन, चंद्रावती हरियाणा के पहले सीएम भगवत दयाल शर्मा बने। जो केवल मार्च 1967 तक अपने पद पर रर्हे। हरियाणा में उनके बाद कोई भी ब्राह्मण समाज से मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। वह मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। हरियाणा विधानसभा के पहले चुनाव हुए तो उस समय 54 हलकों से बढ़ा कर 70 हलके कर दिए। उसके बाद 1977 में 90 विधानसभा हलके कर दिए थे। उस समय 17 हलके आरक्षित थे। संयुक्त पंजाब से हरियाणा को अलग करने में मुख्य भूमिका बाबू मूल चंद देवी लाल चिरंजी लाल शर्मा, मुल्तान सिंह के साथ मंगल सैन चौधरी दलबीर सिंह की रही। हरियाणा को बने 60 साल हो गए लेकिन जिन लोगों का हरियाणा को बनाने में योगदान रहा उन्हें कोई भी याद नहीं करता हैं। हरियाणा के पहले सांसदों और विधायकों को लोग भूल चुके हैं। जिन लोगों के कारण हरियाणा अस्तित्व में आया उन्हें लोग याद करना नहीं चाहते हैं।

हरियाणा की स्थापना दिवस पर खास59 साल बाद भी नहीं मिल पाया हरियाणा को अलग हाईकोर्टअपनी नहीं है कोई राजधानी, नहीं मिल पाया...
31/10/2025

हरियाणा की स्थापना दिवस पर खास
59 साल बाद भी नहीं मिल पाया हरियाणा को अलग हाईकोर्ट
अपनी नहीं है कोई राजधानी, नहीं मिल पाया हरियाणावीं को पर्याप्त सम्मान
करनाल 31 अक्तूबर शैलेंद्र जैन: म्हारा हरियाणा इब 59 साल का होग्या से।देसा मा देश हरियाणा दूध दही का खाना।इस हरित प्रदेश पर लालों की नजरें इनायत रही हैं। पंडित भ्गवत दयाल शर्मा से होते हुए ताऊ देवीलाल से मनोहर लाल से लकर नायाब सिंह सैनी तक जलवा रहा हैं। इस प्रदेश ने राजनीति के पंडित भजनलाल दिये तो बंसी लाल भी भी सत्ता पर काविज रहे। 22 जिलों बाला यह राज्य सबसे अनूठा हैं।आज इसके सिर पर राजधानी का ताज नही हैं। ना ही हाई कोर्ट है अपना आज यह टीस है दिल मे। गुरुग्राम के रूप में आधुनिक शहर कुरुक्षेत्र के रूप में धर्म और ज्ञान का संग्रह है हरियाणा के पास।हरियाणा की कल्चर अपना देश अपना माटी। भोला और ज्ञानी हरियाणा। 58 सालों में यह प्रदेश फर्स से अर्श पर पहुंच गया। इस माटी को शत शत नमन इस राज्य ने सबसे ज्यादा रणबांकुरे दिए इस देश को। सबसे ज्यादा खेल रत्न दिये अब डॉक्टर और इंजीनयर भी यह राज्य देगा। हरियाणा 58 साल का हो गया। इन 57 वर्षो में हरियाणा ने कई क्षेत्रो में तरक्की की तथा देश में नम्बर वन राज्य कई मायनों में बना। लेकिन हरियाणवीं लोगों के दिलों में आज भी इस बात की टीस है कि 58 वर्ष गुजरने के बाद भी करनाल को न तो अपनी राजधानी मिली और न ही अपना अलग हाईकोर्ट। जो राज्य 20 साल पहले अस्तित्व में आए थे। उन राज्यों का अपना अलग हाईकोर्ट और अलग राजधानी है। लेकिन हरियाणा 57साल पहले पंजाब से अलग हुआ था। उस समय हरियाणा में एस.वाई.एल विवाद, राजधानी और हाईकोर्ट का मसला प्रमुख रूप से मुंह बाएं खड़े थे। उस समय यह तय हुआ कि पंजाब और हरियाणा की राजधानी एक ही होगी। बाद में पंजाब को पंजाबी भाषी राज्य सौंप दिए गए और यह बात तय हुई कि हरियाणा को चंडीगढ़ मिल जाएगा। जहां पहले से ही हाईकोर्ट था। लेकिन चंडीगढ़ आज तक हरियाणा को नहीं मिला। 57साल से हरियाणा इस बात के इंतजार में है कि कब हरियाणा में चंडीगढ़ मिल जाएं। पिछले 59 सालों में अधिकत्तर कांग्रेस और इनैलो के साथ-साथ लोकदल सत्ता में रही। लेकिन हरियाणा को चंडीगढ़ नहीं मिला। न ही अलग से हाईकोर्ट मिला। प्रदेश की तत्कालीन सरकारों ने भी प्रदेश को अलग से राजधानी देने और हाईकोर्ट बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। जबकि केन्द्र सरकारें इसके लिए राज्य को पैसा देने के लिए तैयार थी। हरियाणा में हाइकोर्ट और राजधानी के लिए करनाल से ज्यादा बेहतर स्थान कोई नहीं था। इसकी दावेदारी सबसे मजबूत थी। लेकिन आज तक हरियाणा को न तो अलग से राजधानी मिली ओर न ही हाईकोर्ट एस.वाई.एल का पानी भी राजनीति के बीच फंसा रहा। दक्षिण हरियाणा इस सबसे जूझ रहा है। गुडगांव और फरीदाबाद के अलावा 59 सालों में हरियाणा में न तो कोई बड़ी इंडस्ट्रीज विकसित हो पाई और न ही संस्कृति सहजने के लिए कोई बड़ा संस्थान मिल पाया। करनाल और कुरुक्षेत्र सांस्कृतिक धार्मिक राजधानी होने के बाद भी यहां पर न तो पर्यटन विकसित हो पाया है ओर न संस्कृति। अब यहां के लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व सी.एम मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा सीएम नायाब सिंह सैनी से अपेक्षाएं है कि वह इस प्रदेश को राजधानी और हाईकोर्ट दिलाने में सफल होंगे।
बाक्स
अलग से हाई कोर्ट ना होने की त्रासदी भुगत रहा है आम आदमी :
वकील हरियाणा और पंजाब की अलग बार कौसिल की भी मांग कर रहे हैं और अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए हरियाणा के वार्षिक बजट में बड़े प्रावधान करने और हरियाणा की अलग बार काउंसिल के माध्यम से अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम के तहत अधिवक्ताओं को सेवानिवृत्ति लाभ लागू करने की भी मांग कर रहे हैं। चूँकि कई अन्य राज्यों ने पहले ही अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए राज्य सरकारों के वार्षिक बजट में बजटीय प्रावधान कर दिए हैं। अधिवक्ता अधिनियम के तहत अलग बार काउंसिल के निर्माण के लिए हरियाणा में अलग उच्च न्यायालय का निर्माण जरूरी है।रिकॉर्ड के अनुसार हरियाणा के 14,25,047 से अधिक मामले हरियाणा के जिलों और अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष लंबित हैं और 450000 से अधिक मामले उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं और लाखों मामले अन्य आयोगों, न्यायाधिकरणों और अन्य प्राधिकरणों के समक्ष लंबित हैं। अनुमान है कि हरियाणा के 45 लाख से अधिक लोग मुकदमेबाजी में शामिल हैं और अधिकांश वादकारी मामलों के निपटारे में देरी के कारण प्रभावित होते हैं। त्वरित निर्णय के मुद्दे हरियाणा के वादियों और अधिवक्ताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस मुद्दे के समाधान के लिए हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों को अलग-अलग उच्च न्यायालय की आवश्यकता है।

स्कूल ने किया सरकारी जमीन पर कब्जालोकनिर्माण और वन विभाग के विरोध के बाद भी बिजली विभाग गाड़ रहा है पोलकरनाल   31 अक्तूब...
31/10/2025

स्कूल ने किया सरकारी जमीन पर कब्जा
लोकनिर्माण और वन विभाग के विरोध के बाद भी बिजली विभाग गाड़ रहा है पोल
करनाल 31 अक्तूबर (शैलेंद्र जैन): स्टोडी से बुडऩपुर पर रोड स्थित एमडी स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपनी दीवार खींच रखी है! उधर बिजली विभाग वाले ग्रामीणो, पीडब्ल्यूडी और वन विभाग की आपत्ति के बाद भी हाई वोल्टेज लाइन के लिए पोल लग रहे हैं! ये पोल लोगों की परेशानी का कारण बन सकते हैं! वन विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग ने पोल लगाने पर आपत्ति जताई है! लेकिन बिजली विभाग के एसडीओ अपनी मनमानी करते हुए स्कूल द्वारा करवाए गए अवैध कब्जे को संघर्षण दे रहा है वही दोनों विभाग द्वारा लगाई गई आपत्ति को दरकिनार कर रहा है! इससे बिजली विभाग पीडब्ल्यूडी और वन भाग के बीच संघर्ष छिड़ सकता है! दोनों विभागों ने अपने बडे अधिकारियों को अवगत करवा दिया है! इस आशिया का पत्र बिजली विभाग को भेजा है! जानकारी के अनुसार स्टोडी से बुड़ नपुर रोड पर एम डी स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर दीवार खींच रखी है! सरकारी जमीन को दीवार में मिला लिया है! गांव वालों ने इस बार अधिकारियों से निवेदन किया है लेकिन अधिकारियों की मिली- भगत से यहां पर अवैध कब्जा बरकरार है! अवैध कब्जे की पुष्टि तहसील कानगो द्वारा कर दी गई है! उसमें बताया गया की स्कूल की दीवार सरकारी जमीन में बनी हुई है! इसके साथ ही वन विभाग व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा भी स्कूल की दीवार को गिराने की कार्रवाई की जा रही है! इस मामले में ग्रामीणो भी आ

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