
15/08/2025
जौनपुर: शौर्य, बलिदान और तिरंगे की धरती!
1857 से 1942 तक, जौनपुर के रणबांकुरों ने आज़ादी के लिए जान लुटा दी।
राजा सदारत हुसैन से लेकर दिवाकर सिंह, पारसनाथ तक—हर गली में गूँजी इंकलाब की गर्जना!
गोलियां, फाँसी व जेल—कुछ भी हिम्मत ना तोड़ सका।
आज भी हर शहीद का नाम हमारे दिलों में अमर है।
जय हिंद! 🇮🇳