11/06/2025
Raghuwanshi :: क्या जांच से पहले इस तरह का मीडिया ट्रायल जायज़ है? सोचिए…
शिलॉन्ग हनीमून मर्डर केस में पुलिस अभी भी जांच कर रही है, लेकिन मीडिया पहले ही सोनम को दोषी ठहरा चुका है। टीवी डिबेट्स में 'ऑपरेशन हनीमून' जैसे नाम देकर उसे चालाक, योजना बनाने वाली हत्यारिन की छवि में ढाल दिया गया है।
📌 क्या ये किसी भी आरोपी के साथ न्याय है, जब तक आरोप साबित न हो जाएं? जब तक अदालत किसी को दोषी नहीं ठहराती, तब तक वह कानूनन निर्दोष होता है। लेकिन हाल के मामलों में मीडिया खुद "जज" बन बैठा है। 👉 शिलॉन्ग हनीमून मर्डर केस में मीडिया रिपोर्ट्स में पहले ही तय कर दिया गया कि सोनम ही कातिल है, जबकि पुलिस की SIT अभी जांच कर रही है।
📢 तो क्या मीडिया की भूमिका सूचना तक सीमित रहनी चाहिए, या उसे फैसला सुनाने का हक भ
📣 अपनी राय ज़रूर बताएं — क्या मीडिया ट्रायल से न्याय को नुकसान पहुंचता है?