⌚तुम्हारे लिए⌚
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नए साल के आने में कुछ वक़्त बचा है
तुम चाहो तो समय यही पर ठहर सकेगा
तुम चाहो तो साल यही कई साल चलेगा
तुम चाहो तो ये कुछ घंटे सदियाँ होंगी
सब कुछ रुक जायेगा मेरा वादा है ये
टिक टिक करती घड़ियाँ भी खामोश रहेंगी
टप टप करता पानी भी कुछ जम जायेगा
और हमारी सांसों की आहट के आगे
चलने वाली हवा की सनसन दब जायेगी
सन्नाटे में केवल धकधक सुना करेंगे
मेरे दिलकी तेरे दिल की अपने दिल की
तुम चाहो तो वक़्त ये लंबा हो सकता है
वरना क्या है वही फेसबुक वही मेसजस
वही नए संकल्प वही सब बात पुरानी
नया कलेंडर वही छुट्टियां वही ज़िन्दगी
जैसे लगता कैसट फिर से चालू कर दी
साल नही बदला बस केवल डिजिट बदल गए
पंद्रह सोलह सत्रह हो फिर क्या मतलब है
मतलब तो तुमसे है तुम भी बदलो न कुछ
तुम चाहो तो साल नया भी हो सकता है
तुम चाहो तो वक़्त ये लंबा हो सकता है
-धनञ्जय मिश्र विप्र
18/04/2023
फैसला लिखा हुआ रखा है पहले से खिलाफ,
आप क्या खाक अदालत में सफाई देंगे।
-वसीम बरेलवी
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