
09/11/2024
कुछ भी बदला नहीं फ़लाने!
सब जैसा का तैसा है, सब कुछ पूछो यह मत पूछो
आदमी कैसा है ।
क्या सचिवालय क्या न्यायालय सबका वही रवैया है,
बाबू बड़ा न भैय्या प्यारे, सबसे बड़ा रूपैय्या है
पब्लिक जैसे हरी फसल है “शासन भूखा भैंसा 🐃 है ।
मंत्री के पी ए का नक्शा,मंत्री से भी हाई है
बिना कमीशन काम न होता, उसकी यही कमाई है
रूक जाता है कहकर फौरन, देखो भाई ऐसा है ।
ठगा गया है आम आदमीं
आया धोखे में , घर में भूत जमाये डेरा
देव झरोखे में,
गूँगों की पंचायत करने वाला, बहरा है ।