08/05/2025
कनाडा के सरी में खालिस्तान का 'दूतावास' खुला, ब्रिटिश कोलंबिया सरकार की फंडिंग की पुष्टि, भारत-कनाडा तनाव बढ़ा!** 🚨
**खत्री न्यूज नेटवर्क** 📰
*दलजीत काफ़िर, वरिष्ठ पत्रकार*
*सरी, कनाडा | 05 अगस्त 2025*
**सरी (कनाडा):** कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की सिटी सरी में खालिस्तानी समर्थकों ने गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के परिसर में 'रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान' के नाम से एक फर्जी दूतावास खोलकर भारत और कनाडा के बीच पहले से तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को और गहरा कर दिया है। 🇨🇦🇮🇳 चौंकाने वाली बात यह है कि इस फर्जी दूतावास के लिए जिस इमारत का उपयोग किया गया है, उसका निर्माण ब्रिटिश कोलंबिया सरकार की फंडिंग से हुआ था, जिसकी पुष्टि हालिया रिपोर्ट्स में हुई है। इस घटना ने भारत के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है। 😡
खालिस्तानी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ), जिसे भारत में प्रतिबंधित किया गया है, ने इस फर्जी दूतावास की स्थापना के साथ-साथ एक और 'सिख जनमत संग्रह' की घोषणा की है। इस दूतावास के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के पोस्टर लगाए गए हैं, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। निज्जर की जून 2023 में सरी के इसी गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हाल ही में जी7 समिट के दौरान मुलाकात ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की उम्मीद जगाई थी। लेकिन ब्रिटिश कोलंबिया सरकार द्वारा इस इमारत को फंडिंग देने की पुष्टि ने भारत को और आक्रोशित कर दिया है, जो इसे खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा देने के रूप में देखता है।
भारत ने लंबे समय से कनाडा पर खालिस्तानी गतिविधियों को शह देने का आरोप लगाया है। निज्जर की हत्या के बाद तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने 'बेतुका' और 'राजनीति से प्रेरित' बताकर खारिज कर दिया था। भारत ने सबूत मांगे, जो कनाडा अब तक नहीं दे पाया है। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया था, जिससे संबंध और बिगड़ गए। 😠
भारतीय जांच एजेंसियों ने इस फर्जी दूतावास को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS ने अपनी 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में पहली बार स्वीकार किया कि खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा को भारत में हिंसा भड़काने और योजना बनाने के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। ब्रिटिश कोलंबिया सरकार की फंडिंग की खबर ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि यह सवाल उठता है कि क्या कनाडाई प्रशासन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों को समर्थन दे रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया है और कनाडा से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय सिख समुदाय के कुछ लोगों ने भी इस फर्जी दूतावास का विरोध किया है, उनका कहना है कि यह गुरुद्वारे की पवित्रता को नुकसान पहुंचाता है। वहीं, खालिस्तानी समर्थकों का दावा है कि यह 'दूतावास' उनके आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय मंच देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कनाडा की धरती पर खालिस्तानी अलगाववाद को बढ़ावा देने का प्रतीकात्मक प्रयास है, जो भारत के लिए उकसावे वाला हो सकता है। 😡
**खत्री न्यूज नेटवर्क** इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और कनाडा व भारत की आधिकारिक प्रतिक्रियाओं का इंतजार कर रहा है। 🕵️♂️
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