12/06/2025
*अयोध्या का 'ब्रेड-पकौड़ा' कांड: जब मुख्य अभियंता अशोक चौरसिया ने संवेदनाओं को कूड़ेदान में उछाला!* ================================================
अयोध्या जोन में लगभग एक हज़ार पाँच सौ बिजली कर्मचारियों का रोज़गार क्या छिना, समझिए 'नया भारत' का एक नया ही 'खेल' देखने को मिला! इन कर्मठ कर्मचारियों ने जब शांति से धरना दिया, तो बदले में उन्हें लगभग 5 करोड़ से ज़्यादा का 'शाहाना' नोटिस थमा दिया गया! अब घर चलाने और ये 'सरकारी बकाया' चुकाने के लिए, इन्होंने ब्रेड-पकौड़ा बेचने का नया 'रोज़गार' ही शुरू कर दिया। वाह रे समय!आज, एक कर्मचारी इसी 'मेहनत के पकौड़े' को लेकर मुख्य अभियंता अशोक चौरसिया के आलीशान दफ्तर पहुँचा और उसे 'बड़ी उम्मीद' से मेज़ पर रख दिया। लेकिन जनाब चौरसिया! उन्होंने तो उस पकौड़े को ऐसे देखा, जैसे कोई 'सड़ी हुई फ़ाइल' हो, और फिर बिना एक पल गंवाए, सीधा कूड़ेदान में फेंक दिया! ये सिर्फ एक बेज़ुबान पकौड़ा नहीं था, ये 5 करोड़ के नोटिस का बोझ झेल रहे सैकड़ों परिवारों की टूटी उम्मीदों और उनके श्रम का सरेआम 'अपमानित' टेलीकास्ट था।एक तरफ़, प्रधानमंत्री मोदी जी को देखिए! वह तो छोटे कर्मचारियों, स्ट्रीट वेंडरों और आम जनता से सीधे जुड़ते हैं। कभी उनके साथ बैठकर चाय पीते हैं, कभी भोजन करते हैं, और हर बार यह दर्शाते हैं कि सरकारें जनता के प्रति कितनी संवेदनशील होनी चाहिए। यह उनकी 'सादगी' और 'जनता से जुड़ाव' का प्रतीक है, जिससे पूरे देश को प्रेरणा मिलती है।और दूसरी तरफ़, ये अशोक चौरसिया जैसे 'आधुनिक' अधिकारी! इन्हें कर्मचारी और जनता की 'छोटी-मोटी' परवाह नहीं, ये बस अपने पद के 'रुतबे' में इतने मगन हैं कि ज़मीनी हकीकत इनके लिए 'कूड़ा' है। इनका रवैया देखकर तो लगता है, मानो ये खुद को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की 'जन-कल्याणकारी' भावना से भी ऊपर समझते हैं! ऐसे 'महान' अधिकारी ही तो हैं, जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास' के सपने को धूमिल करने का 'अथक प्रयास' कर रहे हैं। इनके ऐसे अमानवीय कृत्य न केवल कर्मचारियों का मनोबल तोड़ते हैं, बल्कि जनता के भरोसे को भी 'कचरे' में मिला देते हैं!