24/09/2025
*नहर में कार को धक्का लगा चार लोगों की हत्या के आरोपी को उम्र कैद की सजा*
*रमेश स्वामी को हुई उम्रकैद की सजा*
हनुमानगढ़
इंदिरा गांधी नहर में कार को धक्का देकर चार जनों की हत्या के बहुचर्चित मामले में जिले की एडीजे कोर्ट प्रथम ने आज अभियुक्त रमेश स्वामी को उम्र कैद की सजा सुनाई। कोर्ट की अपर लोक अभियोजक सुमन झोरड़ ने बताया कि 2021 में रमेश स्वामी ने लघु शंका का बहाना बनाकर लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर किनारे कार रोकी और कार को नहर में धक्का दे दिया जिससे कार सवार विनोद उसकी पत्नी रेणु, पुत्री रशिता और सुनीता भाटी की डूबने से मौत हो गई। हत्यारे रमेश स्वामी ने विनोद को 15 लाख रुपए देने थे और रुपए हड़पने के लिए उसने सीकर से आते समय विनोद के परिवार सहित चार जनों की नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अपर लोक अभियोजक सुमन झोरड़ ने कोर्ट से रमेश स्वामी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी मगर कोर्ट ने रमेश स्वामी को उम्र कैद की सजा सुनाई और एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया
*घटना का पूर्ण विवरण*
लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर में 9 फरवरी 2021 की रात कार गिर गई थी। उसमें संगरिया के वार्ड नम्बर 33, डबवाली रोड निवासी विनोद अरोड़ा (45) पुत्र प्रेमराज अरोड़ा, उनकी पत्नी रेणु (42) एवं बेटी रश्तिा (15) तथा गांव फतेहगढ़ निवासी सुनीता भाटी (40) पत्नी संदीप भाटी सवार थे। चारों के शव 15 घंटे बाद दस फरवरी को नहर से निकाले गए। सभी सीकर में विनोद कुमार की बेटी का कॉलेज में दाखिला करवाकर लौट रहे थे। कार को रमेश स्वामी निवासी
मल्लडख़ेड़ा, टिब्बी चला रहा था। रमेश स्वामी ने पुलिस को बताया था कि वह नहर के नजदीक लघुशंका करने उतरा था। पहले उसने गाड़ी सडक़ पर खड़ी कर दी। लेकिन पीछे से ट्रक आने के कारण उसने गाड़ी को नहर की पटरी पर खड़ा कर दिया। लेकिन वह नीचे उतरने से पहले हैंड ब्रेक लगाना भूल गया। ढलान पर खड़ी गाड़ी नहर में जा गिरी।नहर में डूबी विवाहिता रेणु के भाई रमेश कुमार (41) पुत्र जगदीश सिडाना निवासी वार्ड 25, श्रीविजयनगर ने रमेश स्वामी के खिलाफ सात दिन बाद 16 फरवरी को टाउन थाने में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था। उसने पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि सीकर से संगरिया का सफर लगभग 4.30 घंटे का है। सीकर से रावतसर तक इतना समय लगना, ड्राइवर के अलावा और किसी का लघुशंका करने के लिए न उतरना, ड्राइवर की ओर से बार-बार अपनी बातें बदलना, घटना से पूर्व विनोद कुमार की ओर से फोन नहीं उठाना, विनोद कुमार के परिचालक सीट पर सीट बेल्ट सहित बैठे रहना, गाड़ी का स्टार्ट खड़ी करना, हैंड ब्रेक ना लगाकर गाड़ी का मुंह नहर की तरफ करके खड़ी करना संदेह पैदा करता था।
*पुलिस ने किया करीब पांच माह बाद घटना का खुलासा*
पुलिस ने नौ जुलाई को मामले का खुलासा किया था कि चार जनों के गिरने का मामला कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि सुनियोजित ढंग से अंजाम दी गई हत्या की साजिश थी। पूर्व में मुख्य आरोपी कार चालक के खिलाफ दर्ज गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज था जो बाद में हत्या में तब्दील हो गया है। मुख्य आरोपी ने जांच के दौरान ही उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन दायर कर दी थी। कोर्ट के निर्णय की पालना में मुख्य आरोपी को नोटिस दिया गया।
मुख्य आरोपी एवं वारदात के दौरान कार चला रहे रमेश कुमार स्वामी का मृतक विनोद कुमार से भूमि विक्रय को लेकर विवाद था। आरोपी से कृषि भूमि खरीदने के लिए विनोद कुमार ने उसे 15 लाख रुपए भी दिए थे। बाद में भारतमाला प्रोजेक्ट क्षेत्र में उक्त भूमि आने के कारण उसका बाजार भाव बढ़ गया। ऐसे में आरोपी रमेश कुमार भूमि विक्रय करने तथा 15 लाख रुपए लौटाने को लेकर आनाकानी करने लगा। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ तो जनवरी 2021 से आरोपी रमेश कुमार ने विनोद की हत्या की प्लानिंग करनी शुरू कर दी। आठ फरवरी 2021 को विनोद कुमार को अपनी पुत्री दीया को अध्ययन के लिए सीकर छोडऩे जाना था।इसका पता रमेश स्वामी को लगा तो उसने भी साजिश के तहत कार चालक के रूप में साथ चलने की बात कही। इस पर विनोद कुमार सहमत हो गया। आरोपी रमेश कुमार ने अपने काश्तकार रामलाल (34) पुत्र भीखराम नायक निवासी मल्लडख़ेड़ा, संगरिया के साथ मिलकर कार को इंदिरा गांधी नहर में डालने की योजना बनाई। सीकर से वापसी के समय पूर्व योजना के तहत रमेश कुमार ने अपने
काश्तकार रामलाल को लखूवाली हैड बुला लिया। फिर हैड पर नहर किनारे कार को लघु शंका के बहाने रोका। वहां पहले से मौजूद रामलाल के साथ मिलकर रमेश ने कार को धक्का दिया तथा नहर में गिरा दिया। कार में सवार विनोद कुमार, उसकी पत्नी रेणू बाघला, पुत्री इशिका तथा सुनीता भाटी की मौत हो गई।