24/06/2025
भगवान श्री हनुमान जी हिंदू धर्म के उन देवताओं में से एक हैं जिनकी महिमा अपरंपार है और जो कलियुग में भी जाग्रत माने जाते हैं। उन्हें अतुलित बल के धाम, ज्ञानियों में अग्रगण्य, और राम भक्त शिरोमणि के रूप में पूजा जाता है। उनकी महिमा सिर्फ उनके शारीरिक बल में नहीं, बल्कि उनके अद्भुत गुणों, अगाध भक्ति और निस्वार्थ सेवाभाव में निहित है।हनुमान जी को उनके अदम्य साहस और शक्ति के लिए जाना जाता है। वे अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों के दाता हैं। उन्होंने बचपन में ही सूर्य को फल समझकर निगलने का प्रयास किया, जिससे उनकी असाधारण शक्ति का परिचय मिला। रामायण में उनके पराक्रम के कई उदाहरण मिलते हैं:
* समुद्र लंघन: उन्होंने अकेले ही 100 योजन (लगभग 800 मील) का विशाल समुद्र पार करके लंका तक की यात्रा की।
* संजीवनी बूटी लाना: जब लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान जी द्रोणागिरी पर्वत को ही उठाकर ले आए थे ताकि संजीवनी बूटी प्राप्त हो सके।
* लंका दहन: उन्होंने अपनी पूंछ से पूरी लंका नगरी को जला दिया, जिससे रावण की शक्ति का अहंकार चूर-चूर हो गया।
* असुरों का संहार: उन्होंने अनेक बलशाली राक्षसों का वध किया और भगवान राम के विजय रथ को आगे बढ़ाया।
अगाध भक्ति और समर्पण
हनुमान जी की सबसे बड़ी महिमा उनकी भगवान श्री राम के प्रति अनन्य और अडिग भक्ति में है। उनकी भक्ति निस्वार्थ, निष्ठावान और चरम सीमा की है। वे स्वयं को राम का दास मानते हैं और "राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम" उनके जीवन का मूलमंत्र है। उनकी भक्ति का प्रमाण तब मिला जब उन्होंने अपनी छाती फाड़कर राम और सीता के दर्शन कराए। वे सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि एक परम भक्त हैं जो अपने प्रभु के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं।
ज्ञान, बुद्धि और विवेक
हनुमान जी केवल बलशाली ही नहीं, बल्कि अत्यंत बुद्धिमान और ज्ञानी भी हैं। उन्होंने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया और उनसे सभी वेदों और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया। वे संकट के समय में सही निर्णय लेने और विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखते थे। उनकी कूटनीति और विवेक का प्रयोग उन्होंने लंका में सीता जी की खोज और रावण दरबार में किया।
संकटमोचन और लोक कल्याणकारी
हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से उनका स्मरण करता है, हनुमान जी उसके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। वे अपने भक्तों के लिए हमेशा सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन उनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
संक्षेप में, श्री हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त, अतुलनीय वीर, परम ज्ञानी और संकटमोचन देवता हैं। उनकी महिमा हमें भक्ति, साहस, ज्ञान और सेवा के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती है।
जय श्री राम 🙏 जय हनुमान 🚩