
18/01/2025
अंतरिक्ष में 2 उपग्रहों की डॉकिंग कर ISRO ने रचा इतिहास
Body:
इसरो ने एक बार फिर भारत का नाम अंतरिक्ष इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिख दिया है! 30 दिसंबर, 2024 को लॉन्च किए गए SpaDex मिशन के तहत, इसरो ने दो उपग्रहों [जो 28,800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चक्कर लगा रहे हैं] को 16 जनवरी, 2025 को अंतरिक्ष में डॉकिंग - यानी जोड़ने का कारनामा कर दिखाया। यह एक ऐसा कारनामा है जिसे अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही कर पाए थे। भारत अब इस प्रतिष्ठित क्लब का चौथा सदस्य बन गया है।
गंगापुर शहर के ठिकरिया परिवार के श्री मुरारी लाल गुप्ता जी के सुपुत्र, मुकेश कुमार गुप्ता, जो ISRO में रेडियो नेविगेशन विभाग के प्रमुख के पद पर कार्यरत [Division Head] और एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं जिन्होंने SpaDex मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत गंगापुर शहर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 1 से की थी।एमएनआईटी जयपुर [MNIT Jaipur] से BE एवं ME की डिग्री हासिल करने के बाद, वे पिछले 24 वर्षों से इसरो में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।इस मिशन में उनकी टीम ने RODP [Relative Orbit Determination & Propagation] तकनीक का प्रयोग करके एक नई उपलब्धि हासिल की है, जिसके माध्यम से दोनों उपग्रहों को निकटता से लाकर उनके बीच डॉकिंग स्थापित की गई।
इससे पहले 7 और 9 जनवरी को दो बार डॉकिंग का प्रयास किया गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह संभव नहीं हो सका। हालांकि, 12 जनवरी को उपग्रहों को 15 मीटर और फिर 3 मीटर की दूरी तक लाने का प्रयास किया गया। इसके बाद उपग्रहों को कुछ समय के लिए अलग रखा गया और विश्लेषण के बाद डॉकिंग प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया। आगामी कुछ दिनों में अनडॉकिंग और पावर ट्रांसफर का परीक्षण किया जाएगा।
इसरो ने मुख्यतः अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करने के लिए SpaDex मिशन का शुभारंभ किया। इस तकनीक की आवश्यकता इसरो के आगामी मिशनों जैसे चंद्रयान-4 में भी होगी, जहां चंद्रमा से सैंपल पृथ्वी पर लाए जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के प्रक्षेपण के लिए भी इसकी आवश्यकता होगी, जिसका प्रक्षेपण 2028 में नियोजित है। SpaDex मिशन के सफल डॉकिंग परीक्षण ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में मदद की है।