30/10/2025
बिन पानी के नाव खे रही है माँ नसीबों से ज़्यादा दे रही है माँ नसीबों से ज़्यादा दे रही है बिन पानी के नाव खे रही है भूखे उठते है पर भूखे सोते नहीं दुःख आते है हम पर तो रोते नहीं दिन रात खबर ले रही है।माँ नसीबों से ज़्यादा दे रही है माँ नसीबों से ज़्यादा दे रही है बिन पानी के नाव खे रही है
#दर्शन #जयमातादी #वैष्णोदेवी