
23/07/2025
दुनिया का सबसे बड़ा रिश्ता कौन-सा होता है?
कोई कहेगा – माँ और बेटे का रिश्ता।
कोई कहेगा – पिता और बेटी का रिश्ता।
कोई कहेगा – पति-पत्नी का रिश्ता।
कोई कहेगा – भक्त और भगवान का रिश्ता।
लेकिन अगर गहराई से देखा जाए, तो ये सभी रिश्ते या तो जन्म से जुड़े होते हैं, या समाज द्वारा बनाए जाते हैं, या किसी इच्छा का परिणाम होते हैं।
सबसे बड़ा रिश्ता होता है – दोस्ती का।
क्योंकि दोस्त हम खुद चुनते हैं। इस रिश्ते में न कोई स्वार्थ होता है, न कोई अपेक्षा। बस साथ होने की खुशी होती है।
लेकिन जैसे-जैसे इंसान बड़ा होता है, सफल होता है, दोस्त उससे दूर होते जाते हैं। फिर वह अपनी हैसियत के अनुसार दोस्ती करने लगता है।
वाकई, जीवन में मित्र वही होना चाहिए जो अंत तक साथ दे, और सच्चाई के साथ खड़ा रहे, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
चलिए इसे दो ऐतिहासिक और महाभारत से लिए गए उदाहरणों से समझते हैं, जो सच्ची और अंधी दोस्ती के बीच का फर्क बताते हैं:
कृष्ण और सुदामा — सच्ची मित्रता की मिसाल:
कृष्ण भगवान थे, द्वारका के राजा। सुदामा एक गरीब ब्राह्मण, जिनके पास खाने तक को कुछ नहीं था। लेकिन जब सुदामा अपने मित्र कृष्ण से मिलने पहुँचे, तो कृष्ण ने उन्हें राजा की तरह सम्मान दिया। पैर धोए, गले लगाया, और उनकी आँखों से आंसू बह निकले।
सुदामा ने कुछ नहीं माँगा, लेकिन कृष्ण ने सब कुछ दे दिया,
क्योंकि सच्चा मित्र वो होता है जो मांगने से पहले समझ जाए।
कर्ण और दुर्योधन — अंधी मित्रता का उदाहरण:
कर्ण एक महान योद्धा था, लेकिन उसे समाज में उसका स्थान नहीं मिला था। दुर्योधन ने उसे सम्मान दिया, राजा बनाया और अपनी ओर कर लिया।
कर्ण ने भी उसके बदले में वफादारी की हदें पार कर दीं,
यहाँ तक कि जब दुर्योधन ने अधर्म का रास्ता चुना,
तो कर्ण ने भी सच्चाई के खिलाफ जाकर उसका साथ दिया।
यह मित्रता थी वफादार, लेकिन अंधी। जिसने अंत में कर्ण को मूल्यांकन की शक्ति से वंचित कर दिया।
तो मित्र कौन?
मित्र वो नहीं जो हर हाल में तुम्हारा साथ दे,
बल्कि मित्र वो है जो हर हाल में ‘सच’ का साथ दे — और तुम्हें भी सच की राह पर रखे।”
कृष्ण जैसे मित्र बनाओ – जो जरूरत में साथ दें, बिना कहे समझें, और अच्छाई में तुम्हारा साथ निभाएँ। और कर्ण जैसी मित्रता से सीखो, लेकिन यह भी जानो कि जब मित्र अधर्म करे, तो उसके साथ खड़ा होना सही नहीं होता।
✨“मित्रता भावनाओं से करो, लेकिन विवेक से चुनो –
क्योंकि जीवन की दिशा, आपके साथ चलने वाले लोगों से तय होती है।”✨