Lalnunnema Chorkhy Bru

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Six pack workout
11/04/2025

Six pack workout

10/04/2025
॥ कोऽपि किंचित् वदतु, स्वयम् शान्तिं धारय ॥कोई कुछ भी बोले स्वयं को शांत रखो।(Keep Yourself Calm No Matter What Anyone S...
10/04/2025

॥ कोऽपि किंचित् वदतु, स्वयम् शान्तिं धारय ॥
कोई कुछ भी बोले स्वयं को शांत रखो।
(Keep Yourself Calm No Matter What Anyone Says.)

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10/04/2025

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Sangli, Maharashtra
10/04/2025

Sangli, Maharashtra

🍴🍽️ Panipuri ✨ Lovers
09/04/2025

🍴🍽️ Panipuri ✨ Lovers

Qs:-ट्रेन का पिता किसको कहा जाता हैं ..?Ans.-सही उत्तर लॉर्ड डलहौजी है। लॉर्ड डलहौज़ी ने 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-...
15/03/2025

Qs:-ट्रेन का पिता किसको कहा जाता हैं ..?
Ans.-सही उत्तर लॉर्ड डलहौजी है। लॉर्ड डलहौज़ी ने 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने 1853 के प्रसिद्ध रेलवे मिनटों के माध्यम से अंग्रेजों को भारत में रेल शुरू करने के लिए मना लिया था। इस प्रकार, उन्हें भारतीय रेलवे का जनक माना जाता है।

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13/03/2025

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मणिपुर के एक छोटे से गांव में जन्मी मंगटे चुंगनेइजांग ‘मैरी’ कॉम ने ज़िंदगी में आई हर मुश्किल से लड़कर अपने रस्ते खुद बन...
01/03/2025

मणिपुर के एक छोटे से गांव में जन्मी मंगटे चुंगनेइजांग ‘मैरी’ कॉम ने ज़िंदगी में आई हर मुश्किल से लड़कर अपने रस्ते खुद बनाए; और बन गईं लाखों लोगों की प्रेरणा!

किसान परिवार में जन्मी मैरी के लिए बचपन ज़रा मुश्किल रहा। घर में आर्थिक परेशानियां ज़रूर थीं, लेकिन मैरी ने किसी भी परिस्थिति से हार मानना नहीं सीखा। 1998 में डिंग्को सिंह को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतता देख मैरी के दिल में बॉक्सिंग का सपना जगा। अब इस बेटी ने बॉक्सिंग में आगे बढ़ने की ठान ली।

पिता नहीं मानेंगे इस बात का डर था, फिर भी साड़ी हिम्मत बटोरकर उन्होंने छुपकर बॉक्सिंग सीखना शुरू किया।

15 साल की उम्र में मैरी ने घर छोड़ दिया और इंफाल स्पोर्ट्स एकेडमी में ट्रेनिंग लेने पहुंचीं। जल्द ही उन्होंने स्टेट चैंपियनशिप जीत ली और अब उनका हुनर किसी से कहाँ छुपना था!

राह आसान नहीं थी। 18 साल की उम्र में जब उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर खेलना शुरू किया, तब कई लोग मानते थे कि यह बॉक्सिंग शुरू करने की बहुत देरी होती है। लेकिन मैरी को इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ा, वह आगे बढ़ती रहीं।

2005 में शादी और फिर दो बच्चों की माँ बनने के बाद भी उन्होंने बॉक्सिंग से अपना नाता नहीं तोड़ा। बल्कि वह पहले से भी ज़्यादा मज़बूत बनकर लौटीं।

अपने दमदार हौसले के साथ, मैरी कॉम ने छह बार वर्ल्ड एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की इकलौती महिला बॉक्सर बनने का गौरव हासिल किया। और साथ ही, ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बॉक्सर बनीं।

लेकिन मैरी की कहानी सिर्फ़ खेल में आए बढ़ने या बॉक्सिंग की नहीं है। उनकी कहानी है हौसले, संघर्ष और इतिहास रचने की। आज वह युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल कायम कर चुकी हैं।

वह कहती हैं, "असफलता से निराश मत हो, उनसे सीखो और आगे बढ़ो।"

हमारी लेजेंड मैरी कॉम को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं! आपकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित करती रहे और आपका नाम हमेशा ऐसे ही चमकता रहे!


[Mary Kom, Women in sports, Olympic medalist, Boxing world champion]

Cake 🍰🎂
28/02/2025

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