21/09/2025
🇮🇳खाना या जहर? सच्चाई जानिए!
👉 ज़रा सोचिए… आप रोडसाइड ढाबे पर बैठकर तंदूरी परांठे पर सफेद मक्खन देख खुश हो रहे हो और चटखारे ले रहे हो।
लेकिन असलियत?
वो "मक्खन" नहीं, बल्कि पेट्रोलियम वैक्स है – जो 120 रुपये किलो में मिल जाता है।
🥘 दाल मखनी की पोल
आज दाल मखनी में 45–59% तक क्रीम+बटर डाला जाता है। ये असली बटर नहीं, बल्कि फर्जी फैट है।
👉 नतीजा? दाल का स्वाद सब जगह एक जैसा, और आपके शरीर में सिर्फ जहर।
⚠️ ये सिर्फ अनहेल्दी नहीं बल्कि Unsafe Food है।
🍫 चॉकलेट का सच
वो चमचमाती चॉकलेट? उसकी कोटिंग पैराफिन वैक्स (पेट्रोलियम इंडस्ट्री से निकला) से होती है। ताकि वो पिघले नहीं और चमके।
🍨 आइसक्रीम के फ्लेवर
वनीला, बादाम, लेमन – सुनने में नेचुरल लगते हैं।
असल में? पेट्रोलियम पदार्थों से तैयार।
🍎 फल और वैक्स
सेब, किन्नू जैसे फल ताज़ा दिखें – इसके लिए उन पर पेट्रोलियम वैक्स/ओलेस्त्रा की परत चढ़ाई जाती है।
🍗 फ्रोजन फूड का सच
चिकन, पिज़्ज़ा, बिस्कुट, पॉपकॉर्न – सबमें सस्ता और खतरनाक TBHQ (पेट्रोलियम पदार्थ) मिलाया जाता है।
🥘 घी और तेल में मिलावट
2013 में पकड़ा गया – कुकिंग ऑयल और घी में मिनरल ऑयल (पेट्रोलियम चिकनाई)।
👉 असर? ऐसा घी सालों तक खराब नहीं होगा… और आपका शरीर धीरे-धीरे खराब।
🍰 मिठाई और बेकरी का सच
आटा, अंडा, दूध, चीनी वाली चीजें जल्दी खराब होती हैं।
लेकिन शोरूम में हफ़्तों तक चमचमाती मिठाई, ब्रेड, कुकीज़ कैसे फ्रेश दिखती है?
👉 उसमें भी मिनरल ऑयल!
⚖️ कानून और खेल
पहले था Food Adulteration Act 1954 – जिसमें खाने में कुछ भी मिलाने पर सीधा जेल।
लेकिन 2006 में लाया गया Food Safety Act – और व्यापारियों के लिए मिलावट के दरवाजे खोल दिए गए।
अब अगर हल्दी में बेसन, या काली मिर्च में पपीते के बीज मिले हों – तो बोला जाता है “सेफ्टी को खतरा नहीं है”।
☠️ सच्चाई कड़वी है –
👉 खाने में मिलावट मर्डर के बराबर है।
👉 लेकिन अब मिलावटखोर कुछ भी मिलाकर आपको “सुरक्षित” नाम पर जहर खिला रहे हैं।
👉 याद रखो – अगर आपका खाना किसी व्यापारी का प्रोडक्ट है, तो उसका पहला मकसद है Profit, आपका हेल्थ नहीं।
💡 बचने का एक ही तरीका है:
✅ घर का बना खाना
✅ खुद पिसे मसाले
✅ किसान/उत्पादक से खरीदा सामान
゚ worldwise ゚