Keval Kumar meena

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19/06/2025
07/02/2025

जिया बिन देह नदी बिन वाऱी, माली बिन कैसी फुलावारी वैसेही जगत में सुनी लगह बिना बिना समाज के नर और नारी 🙏🙏🙏🙏

06/02/2025

मीना पंचायत में माननीय पटेलों द्वारा पारित बिल l

1. दहेज बंद करो, देना है तो हो-हल्ला मत करो l

2. किसी भी प्रोग्राम में पहरावनी बंद करो, हाँ जो वेश मंगवाए है उनको इकठ्ठे देदो हम बाद में उनको उड़वा लेंगे l

3. लड़का और ल़डकि को अकेले मैं दिखाओ, जिससे बाद मैं कुछ हो गया तो कहने को मौका मिल जाएगा कि हमसे तो बिना कुछ पूछे ही रिस्ता कर लिया था l

4. जन्मदिन मत मनाओ, हाँ उसके नाम पर सात दिन रामायण की रामायण बिठा लो और पंडितों को जीवो दो l पुन्य मिलेगा l

5. नचनियो अश्लील रील ना बनाए, अगर बना दी तो कोई नहीं हम उसको लाइक कर के व्यू बड़ा देंगे ताकि उसका विश्वास बढ़े l

6.यात्राओं,अंधविश्वास पर रोक करो, हाँ गांव में उगाई करवा के मंदिर बनवा सकते हो l

7.युवाओं को नशे से प्रतिबंध करे, हाँ बस खुद के बेटे पर नजर
ना रखे l

8.टीका प्रथा में सिमित व्यक्ती ही पहुचे, लेकिन टीका लेके पहुचे जरूर l

9. अब शादियाँ दिन में ही होंगी, ताकि हम लोग लोग पूरे दिन अच्छे से रुक कर उसमें कमियां निकाल सके ,कि धूप में खाना खिला दिया, कूलर एसी , नहीं लगाई हमारे लिए l

10. D.J बंद करो, ताकि शादी कम और तिये की बैठक ज्यादा लगे l
11.न्योता को whatsapp से भेंजो , लेकिन आड़ू के पादु ,लवरडूंऔ के साडूं सबको भेजो l कम लोगों को सेड किया तो सामाजिक नहीं कहेंगे आपको l

12. मौत पर कपड़े मत ले जाओ, लेकिन दाग मे, तिये में, बारहवे में भूगगा भर के पहुचे l

13. मृत्यु पर गंगा स्नान बाद पहरावनी मत करो l लेकिन दो
बोलेरो भर के गंगा का पुण्य लेके आओ जरूर l

14. शादियों में अतिशबाजी ना करे, क्युकी माननीय पटेल सहाब गुपचुप लेनदेन कर के हुक्का पीने में डिस्टर्ब होते है l

15. ये नियम सिर्फ गरीब और आम आदमी पर लागू है l बाकी जुते वाले, पैसे वाले, और माननीय पटेल वर्ग का इन नियमों से कोई लेना देना नहीं है l

बुरा लगे तो माफ़ करना लेकिन वास्तविकता यही है l

08/01/2025

इन 11 तरीकों से पुरुषों को ज्यादा उत्तेजित कर सकती हैं महिलायें
अक्सर देखा गया है कि सेक्स करते समय शुरू में पुरुष ही पहल करते हैं, महिलायें इस मामलें में संकोच करती हैं। जबकि अगर आप खुद से सेक्स की और फोरेप्ले की शुरुवात करें तो माहौल और ज्यादा रोमांटिक हो सकता है। आइये जानते हैं महिलाओं के लिये कुछ ख़ास टिप्स जिससे वे पुरुषों को और ज्यादा उत्तेजित और सेक्स को और मजेदार बना सकती हैं।
डर्टी डांस : हो सकता है आपका पुरुष पार्टनर आपको धीरे-धीरे स्ट्रिप करना चाहता हो, तो अपने हिप्स को थोड़ा हिलाकर, अपने क्लीवेज को थोड़ा दिखाकर आप उनको सिग्नल दे सकती हैं कि आप स्ट्रिप होने के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
हैंड जॉब से शरमाये नहीं : उनके हर उस हिस्से को छुयें जिससे उन्हें आनंद मिलता हो। हर एक पुरुष की पसंद होती है कि लड़कियां उनके लिंग को छुयें और उसे प्यार करें। आप भी उन्हें हैंड जॉब देने में शरमाये नहीं।
ओरल सेक्स करें : ओरल सेक्स हर एक पुरुष को पसंद होता है। इसे करने में संकोच न करें बल्कि अपने जीभ और लार के अधिक इस्तेमाल से उनके लिंग को गीला करें और फिर यह प्रक्रिया करें। पेनिस का ऊपरी आधा हिस्सा सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है। यह उनको ओर्गेज्म दिलाने का आसान तरीका है।
सही जगह पर मसाज करें: वैसे तो पुरुषों में महिलाओं की तरह कोई जी स्पॉट नहीं होता लेकिन फिर भी उनके एनस और लिंग के बीच वाला हिस्सा बहुत ज्यादा संवेदनशील होता है। अपनी तर्जनी उंगली से इस हिस्से को छुयें और हल्के से मसाज करें। ऐसा करना उन्हें उत्तेजना से भर देगा।
सेक्स की पूरी प्रक्रिया के दौरान किस का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन मजे को और बढ़ाने के लिये अपने होंठों की बजाय जीभ का ज्यादा प्रयोग करें। आप उनकी पीठ,गर्दन कान कहीं पर भी अपने जीभ से किस करें।
उनके पूरे शरीर पर अपने हाथों का इस्तेमाल करें जैसे कि उनके बालों में अपनी उंगलियाँ फेरें, उनके सीने और पीठ को अपने नाखूनों से रगड़ें।
अधिकांश पुरुष सेक्स करते समय सुस्त रहना नहीं पसंद करते वे चाहते हैं कि वे अपना उत्साह, गुस्से या एग्रेशन के रूप में आपको दिखाएं। इसलिये आप इस चीज के लिये तैयार रहें। अगर आपको लगता है कि वे मिशनरी स्टाइल में आपको ऊपर रखना चाहते हैं तो आप इसके लिये मना न करें।
आप उन्हें रात के लिये निर्देश भी दे सकती हैं की कैसे करें और कैसे न करें लेकिन ध्यान रखें की बॉस की तरह आदेश न दें। सेक्स दोनों की पूरी मर्जी से होना चाहिए और आप दोनों को पूरा आनंद भी मिलना चाहिये।
सरप्राइज दें : जब आप दोनों चरम पर हों तो बीच में ही फोरेप्ले को रोककर उनकी आँखें बांधकर या उन्हें कुर्सी से बांधकर उन्हें सरप्राइज दें। ऐसा करना आपके एक्साइटमेंट को और बढ़ाने में मदद करता है। ऐसा करने के बाद उनके शरीर के हर हिस्से को चूमें उन्हें प्यार करें।
सेक्स के दौरान आपका आहें भरना, गंदी बाते करना या किसी और चीज की तुलना में सबसे ज्यादा असरदार होता है। जितनी ज्यादा आप आहें भरेंगी उतना ज्यादा वे उत्तेजित होंगे।
अगर रात में सेक्स करने का मन हो तो सुबह से ही इसकी तैयारी कर लें। सुबह उनके साथ थोड़ा सा फोरप्ले करके उन्हें यह जता दें की आज रात के लिये आप उनका इंतज़ार करेंगी।

13/10/2024

सरजी
आदीवासी मीना संघ के नाम से एक ट्स्ट या संस्था के नाम से रजिस्ट्रेशन करवाओ मुख्य कार्यकारणी समिति बनाओ जो प्रभावशाली अच्छी रुचि नोलेज वाले सभी कमेटी यो के एक एक सदस्यों को इसमें रखो!
1.हर डिपार्टमेंट क्षैत्र की एक उप कमेटी बनाओ उसमें उस डिपार्टमेंट के प्रभावशालीअच्छे जानकारी रखने वाले सोशियल सदस्यों को रखो
2. मुख्य कमेटी की मिटिंग दो महिने में एक बार अवकाश के दिन जरूर बुलावे और उप कमेटी महीने में कम से कम एक बार मिटिंग करे इमरजेंसी में आवश्यकता अनुसार तुरन्त मिटिंग बुलाये
3.उस उप कमेटी का दायित्व है वो अपने डिपार्टमेंट की अपनी समस्या को सुलझाने में छोटे भाईयों की मदद करे समस्या नहीं सुलझने पर मुख्य कमेटी को सूचित करे मुख्य कमेटी की इमरजेंसी मिटिंग बुलाने की अपील करे सभी मिलकर समस्या का हल खोजा जाये
4. मुख्य कमेटी हमारे कर्मचारियों की समस्या को सुलझाने में मदद करे!
5. मुख्य कमेटी साल में कम से कम एक आयोजन करे जिसमें सभी भाईयों को आमन्त्रित करे
6. समाज की कमेटी केनाम एक कोष बनाने जिसका हिसाब को गुर्प में शेयर करो और पारदर्शिता बनी रहे
7. इस कमेटी के कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि सभी सदस्यों से चन्दा इकट्ठा किया जाये जिसको समाज हित में उपयोग किया जाये
8. हमारा जोर सांस्कृतिक परिवेश को बढ़ाना, कर्मचारियों के बच्चों को विशिष्ट सामाजिक उपलब्धि और शैक्षणिक उपलब्धि के अवसर पर मनोबल बढ़ाने के लिए पुरुष्कृत करना अंधविश्वासों और पाखंडवाद को मिटाना के क्षेत्र में कार्य ! समाज की एकता को बढाने बाले प्रत्येक कार्य करना इसमें छोटी छोटी संस्था जैसे ब्लड बैक आर्थिक सहयोग, कानूनी सलाह, बहुत से कार्य किये जा सकते हैं कर्मचारी हित में 👏👏👏👏
👏👏कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ करना जय जौहार जय आदीवासी जय मीना समाज जय मीनेश👏👏

केवल कुमार मीना
गोट्याकापुरा/नादौती

13/10/2024

[02/10, 8:46 am] Keval Kumar Meena: सरजी मैं एक सबसे निचले पायदान का कर्मचारी और बहुत लो प्रोफाईल व कम अनुभवी डिवीजन का न्यू मेम्बर हू !सिमित क्षमता रखता हूं ! फिर में मै अपनी क्षमता ज्ञान के हिसाब से जो कर सकता हू वो समाज हित में जरूर करुगा 👏
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सरजी दिल्ली डिवीजन एक ऐसा डिवीजन है जो राजधानी क्षेत्र भी है जिसका अच्छा बुरा प्रभाव आल इडिया में अन्य डिवीजन में तेजी से देखा जा सकता है! इतने महत्वपूर्ण डिवीजन में हमारा भाईचारा यानी हमारे समाज के कर्मचारियों में एकता नगण्य है इसका नकारात्मक प्रभाव साफ देखा जा सकता है हमारे समाज के कर्मचारियों से उनके अधिकारी/अपोजिशन हमसे जलन ज्यादा ही रखते हैं इसका बतलब डब्बल मार! मुख्य समस्या हमारे कर्मचारियों में एकता और भाईचारे का अभाव संगठन में शक्ति होती है संगठन है नहीं विखराव साफ नजर आ रहा है किसी ने सच कहा है " टूटा और विखरा समाज "कभी बादशाहत हासिल नहीं कर सकता! कुछ नकारात्मक कर्मचारियों को छोड़ दो बाकी में बहुत ज्यादा दिक्कत है नहीं ! जमीन पर कार्य करने वाले टैलेंट/प्रतिभाशालीयो के लिए मंच तैयार करो! देखो कारवां जुडता जायेगा! हमारी सामाजिक संस्कृति हम को एक करने के लिए तैयार खडी़ है इसका फायदा ले सकते हैं कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ करना!
🙏जय जौहार जय आदीवासी जय मीना समाज जय मीनेश🙏🙏

केवल कुमार मीना
गोट्याकापुरा/नादौती गंगापुर सिटी
[05/10, 3:59 pm] Keval Kumar Meena: 🙏🙏समाज के बड़े भाईयों और साथियों हमारे देश की राजधानी में हमारी हालत इतनी खराब क्यों? क्या इस पर आपने विचार किया? शायद बिल्कुल नहीं ! "भारत" देश और "मीना" जाति में दोनों की समस्या में समानता है ! विभिन्नता में एकता है ये हमारी खूबी है मगर ये ही हमारी कमजौरी नजर आती है!कोई भी राजनीतिक दल हो या राजनैता या अपोजिशन चुटिया या एन्टीना बाले हो (बाहम्ण) हममें एक पल में दरार डाल देते हैं जिस समय हममें सबसे ज्यादा एकजुटता की जरूरत होती है (चुनाव) उसी समय हममें सबसे ज्यादा मतभेद नजर आते हैं हममें मतभेद धर्म के नाम पर (आदीवासी/मीनेश के वंशज) मीना ओ के प्रकार (जमीदार... इत्यादि) के नाम पर मीना/मीणा के नाम पर, गौत्र के नाम पर ,या क्षैत्र के नाम पर ,या जिले के नाम पर, तुरन्त फूट डाल देगे और राज करते हैं और हम अपनो को ही दुश्मन नम्बर वन मान लेते हैं !ये हमारी बहुत बड़ी कमजौरी है! समाज की चौखट/जाजम पर सब एक समान है समाज पद और पैसे , क्षैत्र से किसी के साथ भेदभाव नही किया जाता मगर मीना ओ मे भाईचारा दक्षिण पूर्व भारत में नजर आता है! मगर अफसोस की बात यहाँ लेशमात्र भी नहीं है ! किसी भी समाज में कर्मचारी समाज के दर्पण होतें है कर्मचारियों और अधिकारियों को उस समाज का बुद्धिजीवीयों का वर्ग माना जाता है ये वर्ग समाज के विकास/ बदलाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है राजनैताओ ने हमेशा निराश किया है! और हमारे कर्मचारी सबसे ज्यादा पाखंड वादी, कुरुतियो के जन्म दाता, दिखावटी,छोटे भाई को नौकर मानने की प्रवृत्ति,भाई मे वैश्मनता औरअपने बीबी बच्चों को ही अपना समाज सब कुछ मान लेते हैं इसी "अहम" और "मै " के बहम में चूर रहते हैं औरअपने आप को "लुई चौदवे " से कम नहीं मानते हैं ! ऐसे लोगों को सख्त हिदायत देता हूँ आप चाहे कितनी भी समाज और परिवार कीचोखट को ठोकर मार दो या ठुकरा दो मगर देख लेना एक दिन वो ही भाई वो ही समाज तुम्हारे काम आयेगा! इसी समाज की चौखट को शीश झुकाओ गे! जिन्दगी भर पक्षताओ गे! ये "मेरी तेरी नहीं" हम सब की मजबूरी है! समझ जाओ बर्ना"उगते हुये सूरज को दूनिया सलाम करती " किसी ने सच ही कहा है "संगठन में शक्ति है" हर युग में कमजौरो को रौदा गया है इसलिए देख लिजिए हमको क्या करना है? मेरा साथी बोल रहा था मीनाओ को एक मंच पर इकट्टा रखना दुनिया का सबसे दुर्लभ कार्य है मेरा मत भिन्न है कुछ क्षणिक गलत भाईयों (जयचंदो) की बजह सेअच्छे लोग पीछे छूट जाते हैं इसलिए लगता है बर्ना इस समाज का बृहद रुप आकर है इसमें राम लखन भरत और दानवीर कर्ण जैसे भाईयों की कोई कमी नहीं है समस्या एक जगह और है सामाजिक एकता की उच्च अधिकारीयों को जरूरत नहीं, मीडियम कर्मचारियों को फुर्सत नहीं, नीचले कर्मचारियों की कोई सुनता/मानता नहीं एकता कहा से बने! इसलिए सामाजिक एकता की कोई भाई बात या प्रयास करता है वो "छलनी "में पानी एकट्टा करनी बाली बात होती है वो बैचारा अथक प्रयास करता है, सोचिये आप एक वाट्सएप ग्रुप में एकता और शांति नहीं बना पाते तो उस गाँव परिवार समाज में किस प्रकार रहोगे कैसी हालत उस समाज की होगी अनुमान लगाओ ! आप शिक्षक पढे लिखें पुरुष हो कर "उफन उफन "कर फूट फूट कर "निकल रहे हो ! ऐसे महापुरुषों को रिटायर्डमैन्ट के बाद गाँव वाले बोलेगे देखो पागल आ रहा है क्योंकि आपने परिवार समाज के लिए कुछ किया नही और आपके आतंको क्यों झेले? इसलिए मेरा मानना है भाईचारे की मिसाल बनो, बडे़ भाईयो का सम्मान करना सिखों, छोटे भाईयो को प्यार करो और यदि सक्षम हो समस्या को दूर करो! वर्ना अनुभव से रस्ता दिखलाओ! ये सब नहीं कर पा रहे हो तो कम से कम जो एकता की कोशिश कर रहा है उसका मनौबल मत गिराओ! प्लीज, आपके स्टेशन , हैडक्वाटर पर कोई मीना भाई आता है तो चाय नहीं पिला पा रहा है तो कोई बात नहींकम से कम एक गिलास पानी और हाल चाल तो पूछो! मैं नाम नहीं लेना चाहता क्योंकि ये समाज का मंच है इसलिए वर्ना इस मामले में सौभाग्यशाली हू मेरे स्टाप में मेरे भाईयों ने मुझे आखों पर बैठाया है👏 इसलिए में ऐसे भाईयों का जिन्दगी भर एहसानमन्द रहूगा!
इसमें कुछ गलत लिखा हो और किसी भाई की भावना आहत हुई हो छोटा भाई समझ कर माफ करना👏👏
जय जौहार, जय आदीवासी, जय मीनेश, जय मीना समाज 👏👏👏
🙏🙏आपका छोटा भाई 🙏🙏

केवल कुमार मीना
हैल्पर,टीएमसी
गोट्याकापुरा नादौती गंगापुर सिटी

13/10/2024

🙏🙏समाज के बड़े भाईयों और साथियों हमारे देश की राजधानी में हमारी हालत इतनी खराब क्यों? क्या इस पर आपने विचार किया? शायद बिल्कुल नहीं ! "भारत" देश और "मीना" जाति में दोनों की समस्या में समानता है ! विभिन्नता में एकता है ये हमारी खूबी है मगर ये ही हमारी कमजौरी नजर आती है!कोई भी राजनीतिक दल हो या राजनैता या अपोजिशन चुटिया या एन्टीना बाले हो (बाहम्ण) हममें एक पल में दरार डाल देते हैं जिस समय हममें सबसे ज्यादा एकजुटता की जरूरत होती है (चुनाव) उसी समय हममें सबसे ज्यादा मतभेद नजर आते हैं हममें मतभेद धर्म के नाम पर (आदीवासी/मीनेश के वंशज) मीना ओ के प्रकार (जमीदार... इत्यादि) के नाम पर मीना/मीणा के नाम पर, गौत्र के नाम पर ,या क्षैत्र के नाम पर ,या जिले के नाम पर, तुरन्त फूट डाल देगे और राज करते हैं और हम अपनो को ही दुश्मन नम्बर वन मान लेते हैं !ये हमारी बहुत बड़ी कमजौरी है! समाज की चौखट/जाजम पर सब एक समान है समाज पद और पैसे , क्षैत्र से किसी के साथ भेदभाव नही किया जाता मगर मीना ओ मे भाईचारा दक्षिण पूर्व भारत में नजर आता है! मगर अफसोस की बात यहाँ लेशमात्र भी नहीं है ! किसी भी समाज में कर्मचारी समाज के दर्पण होतें है कर्मचारियों और अधिकारियों को उस समाज का बुद्धिजीवीयों का वर्ग माना जाता है ये वर्ग समाज के विकास/ बदलाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है राजनैताओ ने हमेशा निराश किया है! और हमारे कर्मचारी सबसे ज्यादा पाखंड वादी, कुरुतियो के जन्म दाता, दिखावटी,छोटे भाई को नौकर मानने की प्रवृत्ति,भाई मे वैश्मनता औरअपने बीबी बच्चों को ही अपना समाज सब कुछ मान लेते हैं इसी "अहम" और "मै " के बहम में चूर रहते हैं औरअपने आप को "लुई चौदवे " से कम नहीं मानते हैं ! ऐसे लोगों को सख्त हिदायत देता हूँ आप चाहे कितनी भी समाज और परिवार कीचोखट को ठोकर मार दो या ठुकरा दो मगर देख लेना एक दिन वो ही भाई वो ही समाज तुम्हारे काम आयेगा! इसी समाज की चौखट को शीश झुकाओ गे! जिन्दगी भर पक्षताओ गे! ये "मेरी तेरी नहीं" हम सब की मजबूरी है! समझ जाओ बर्ना"उगते हुये सूरज को दूनिया सलाम करती " किसी ने सच ही कहा है "संगठन में शक्ति है" हर युग में कमजौरो को रौदा गया है इसलिए देख लिजिए हमको क्या करना है? मेरा साथी बोल रहा था मीनाओ को एक मंच पर इकट्टा रखना दुनिया का सबसे दुर्लभ कार्य है मेरा मत भिन्न है कुछ क्षणिक गलत भाईयों (जयचंदो) की बजह सेअच्छे लोग पीछे छूट जाते हैं इसलिए लगता है बर्ना इस समाज का बृहद रुप आकर है इसमें राम लखन भरत और दानवीर कर्ण जैसे भाईयों की कोई कमी नहीं है समस्या एक जगह और है सामाजिक एकता की उच्च अधिकारीयों को जरूरत नहीं, मीडियम कर्मचारियों को फुर्सत नहीं, नीचले कर्मचारियों की कोई सुनता/मानता नहीं एकता कहा से बने! इसलिए सामाजिक एकता की कोई भाई बात या प्रयास करता है वो "छलनी "में पानी एकट्टा करनी बाली बात होती है वो बैचारा अथक प्रयास करता है, सोचिये आप एक वाट्सएप ग्रुप में एकता और शांति नहीं बना पाते तो उस गाँव परिवार समाज में किस प्रकार रहोगे कैसी हालत उस समाज की होगी अनुमान लगाओ ! आप शिक्षक पढे लिखें पुरुष हो कर "उफन उफन "कर फूट फूट कर "निकल रहे हो ! ऐसे महापुरुषों को रिटायर्डमैन्ट के बाद गाँव वाले बोलेगे देखो पागल आ रहा है क्योंकि आपने परिवार समाज के लिए कुछ किया नही और आपके आतंको क्यों झेले? इसलिए मेरा मानना है भाईचारे की मिसाल बनो, बडे़ भाईयो का सम्मान करना सिखों, छोटे भाईयो को प्यार करो और यदि सक्षम हो समस्या को दूर करो! वर्ना अनुभव से रस्ता दिखलाओ! ये सब नहीं कर पा रहे हो तो कम से कम जो एकता की कोशिश कर रहा है उसका मनौबल मत गिराओ! प्लीज, आपके स्टेशन , हैडक्वाटर पर कोई मीना भाई आता है तो चाय नहीं पिला पा रहा है तो कोई बात नहींकम से कम एक गिलास पानी और हाल चाल तो पूछो! मैं नाम नहीं लेना चाहता क्योंकि ये समाज का मंच है इसलिए वर्ना इस मामले में सौभाग्यशाली हू मेरे स्टाप में मेरे भाईयों ने मुझे आखों पर बैठाया है👏 इसलिए में ऐसे भाईयों का जिन्दगी भर एहसानमन्द रहूगा!
इसमें कुछ गलत लिखा हो और किसी भाई की भावना आहत हुई हो छोटा भाई समझ कर माफ करना👏👏
जय जौहार, जय आदीवासी, जय मीनेश, जय मीना समाज 👏👏👏
🙏🙏आपका छोटा भाई 🙏🙏

केवल कुमार मीना
हैल्पर,टीएमसी
गोट्याकापुरा नादौती गंगापुर सिटी

13/10/2024

💥मेरे पीछे मत चलिए,**हो सकता है कि मै नेतृत्व ना कर सकू.!! 💥मेरे आगे मत चलिए,**हो सकता है मैं आपका "अनुसरण" ना कर सकूँ.!!
🙏हमारे अपनो के सबके साथ चलिए, *ताकि हम सब मिलकर एक साथ चल सके .! वो भी हमदर्द बनकर!!🙏🙏🙏

13/10/2024

किसी भी समूह के ठीक प्रकार से संचालन के लिए नियमावली संधारित किया जाना ज़रूरी है -
इसके लिए कुछ सूझाव है यथा -
1. हमें चाहिए कि हमारी एकता सर्वोपरि होनी चाहिए, ना कि स्वयं किसी व्यक्ति विशेष की ।
2. ग्रुप के सभी सम्मनित सदस्यों को प्रोटोकॉल के तहत अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए।

3. ग्रुप के सुचारु संचलन के लिए सदस्यों के प्रतिनिधीत्व के अनुसार एक कोर कमिटी बनाई जानी चाहिए ।
4. कृपया विचार रखने से पहले अपने प्रतिनिधियों से चर्चा करें
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