07/06/2025
उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ शहर में वर्षों से बसे सिख समाज के साथ हो रहा भेदभाव अब असहनीय हो चला है। पुलिस लाइन, बैकुंठ नगर, जमालपुर, डोरी नगर जैसे क्षेत्रों में स्थित प्रमुख गुरुद्वारों की सड़कें टूटी हुई हैं, कीचड़ और गड्ढों से भरी हैं। नगर कीर्तन, प्रभात फेरी और त्योहारों पर न तो सफाई होती है, न लाइटिंग, न सुरक्षा। क्या स्मार्ट सिटी योजना में गुरुद्वारों की कोई जगह नहीं?
प्रकाश पर्व, वैसाखी, होला मोहल्ला या गुरु पर्व—कभी भी नगर निगम रोशनी और सजावट का कार्य नहीं करता, जबकि अन्य धर्मों के त्योहारों पर पूरे शहर को सजाया जाता है। यह दोहरा रवैया सिख समाज की आस्था और पहचान के प्रति प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
धार्मिक प्रतीकों का अपमान
ट्रैफिक पुलिस द्वारा पगड़ीधारी युवकों व कटार धारकों का चालान काटना सिख धर्म की मान्यताओं का अपमान है। क्या धार्मिक प्रतीकों को अपराध समझा जा रहा है?
सिख महिलाएं और बच्चे भी नहीं सुरक्षित
महिलाओं ने बताया कि स्कूटर चलाते समय भी बिना वजह रोका जाता है और चालान थमा दिया जाता है। छोटे बच्चे जो पगड़ी पहनते हैं, उन्हें भी तिरछी नजरों से देखा जाता है।
साफ-सफाई और व्यवस्था की जिम्मेदारी भी समाज पर
गुरुद्वारों के बाहर लगे कूड़े के ढेर, सीवर का पानी बहता हुआ, और त्योहारों पर नगर निगम की अनुपस्थिति—सब समाज के लिए शर्मिंदगी का कारण बनते हैं। आखिर क्यों हर बार वॉलंटियर ही व्यवस्था संभालें?
सिख समाज कह रहा है:
"हम टैक्स भी देते हैं, वोट भी, फिर सुविधाओं में भेदभाव क्यों?"
"धार्मिक आयोजन के दौरान पुलिस नदारद रहती है और अराजक तत्व घुस आते हैं।"
"हमारी पगड़ी और कटार आस्था है, अपराध नहीं।"
यह कोई एक समाज की नहीं, यह भारत की विविधता और धर्मनिरपेक्षता की अस्मिता का सवाल है।
हम Government of UP से मांग करते हैं:
1. सभी प्रमुख गुरुद्वारों की सड़कों की तत्काल मरम्मत हो।
2. गुरुपर्व, वैसाखी आदि पर शहर में प्रकाश और सजावट की समान व्यवस्था की जाए।
3. ट्रैफिक पुलिस को सिख धार्मिक प्रतीकों के संबंध में संवेदनशीलता की ट्रेनिंग दी जाए।
4. नगर कीर्तन व धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और स्वच्छता की गारंटी सुनिश्चित हो।
5. सिख समाज की आवाज़ को भी मुख्यधारा की योजनाओं में समान भागीदारी दी जाए।
"दस गुरुओं की महान परंपरा का सम्मान करो, सिख समाज को अदृश्य मत बनाओ।"
Chief Minister Office Uttar Pradesh
MYogiAdityanath