25/08/2025
"उत्तराखंड की शान मेजर दुर्गा मल्ल"
"कदम कदम बढ़ाए जा ,खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की , तू क़ौम पे लुटाए जा।"
स्वतंत्रता के संघर्ष में भारत की देवभूमि कहलाने वाले राज्य उत्तराखंड के कई महान सपूतों ने अपने देश की आन,बान और शान की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इनमें से 1 जुलाई, 1913 को देहरादून के निकट डोईवाला गांव में गोरखा राइफल्स के नायब सूबेदार श्री गंगाराम मल्ल छेत्री जी और श्रीमती पार्वती देवी छेत्री के घर में जन्मे मेजर दुर्गा मल्ल आजाद हिंद फौज के पहले गोरखा सैनिक थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने युवाओं को आज़ाद हिंद फौज में शामिल करने में बड़ा योगदान दिया। 1931 में दुर्गा मल्ल गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए। 1942 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित होकर ये भारत को स्वतंत्र देखने के लिए ब्रिटिश फौज को छोड़कर आज़ाद हिंद फौज में शामिल हो गए । इनकी कार्यकुशलता देखकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इन्हें गुप्तचर विभाग का कार्यभार सौंप दिया व विशेष अभियान के लिए भारत - वर्मा सीमा पर नियुक्त किया। 27 मार्च ,1944 में कोहिमा मणिपुर में आजाद हिंद फौज के लिए जासूसी करते हुए ब्रिटिश फौज ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया । अंग्रेज अफसर ने इनके सामने प्रस्ताव रखा कि यदि वे क्षमा मांग लें और अपनी भूल स्वीकार कर लें तो उनकी फांसी की सजा माफ कर दी जाएगी। परंतु उन्होंने अंग्रेजी हकूमत का प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
25 अगस्त,1944 को देशभक्त दुर्गा मल्ल को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। 25 अगस्त को भारत का गोरखा समाज और पूरा राष्ट्र इनका बलिदान दिवस मनाता है और भारत की आज़ादी के लिए मतवाले रहे इस सैनिक पर गर्व करता है ।
आजाद हिंद फौज के मतवाले सैनिक जो आज़ाद हिंद फौज का कौमी तराना "कदम कदम बढ़ाए जा ,खुशी के गीत गाए जा , ये जिंदगी है कौम की,तू क़ौम पे लुटाए जा ", गाते हुए देश पर न्यौछावर हो गए ,उनके प्रेरणा स्रोत इस गीत की धुन बनाने वाले मतवाले रणबांकुरे कैप्टन राम सिंह ठाकुर भी उत्तराखंड से ही थे।
केंद्र सरकार ने शहीद दुर्गा मल्ल की शहादत को नमन करते हुए 1 जुलाई, 2021 को इनकी 109 वीं जयंती पर संसद भवन में उनकी कांस्य प्रतिमा स्थापित की है।
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ,
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।"भारत माता की जय।