
12/07/2025
गांव से पैदल स्कूल-कॉलेज जाती थी लड़कियां, डॉक्टर ने PF से निकाले 19 लाख और खरीद ली बस
राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ जिले के एक छोटे से गाँव में रहने वाले डॉ. आर.पी. यादव ने शिक्षा और महिला सशक्तीकरण के लिए एक अनूठा कदम उठाया। उन्होंने देखा कि उनके गाँव और आसपास की लड़कियों को स्कूल या कॉलेज जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। सार्वजनिक परिवहन की कमी और रास्ते में छेड़छाड़ जैसी समस्याओं के कारण कई लड़कियाँ पढ़ाई छोड़ देती थीं। इस समस्या का समाधान करने के लिए डॉ. यादव ने अपने प्रोविडेंट फंड से 19 लाख रुपये निकाले और एक बस खरीदी, जिसे उन्होंने "निशुल्क बेटी वाहिनी" नाम दिया।
यह बस रोजाना दर्जनों लड़कियों को मुफ्त और सुरक्षित परिवहन प्रदान करती है, जिससे वे बिना किसी डर के अपनी शिक्षा जारी रख सकती हैं। डॉ. यादव की इस पहल ने न केवल लड़कियों को स्कूल-कॉलेज पहुँचने में मदद की, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया। इस बस ने स्थानीय समुदाय में जागरूकता फैलाई और अन्य लोगों को भी सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित किया।
डॉ. यादव का यह प्रयास बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे सरकारी अभियानों से भी मेल खाता है। उनकी इस पहल की प्रशंसा न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में भी हो रही है। यह कहानी दर्शाती है कि एक व्यक्ति का समर्पण और दृढ़ संकल्प समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। डॉ. यादव की निशुल्क बेटी वाहिनी नई पीढ़ी के लिए शिक्षा और सुरक्षा का प्रतीक बन गई है।