07/02/2024
बीजेपी की 'वॉशिंग मशीन' में कितने दागी-भ्रष्टाचारी नेता धुले, पढ़ें बीते 9 साल की पूरी लिस्ट:-
1. हिमंत बिस्वा सरमा, असम- कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे हिमंत बिस्वा शर्मा पर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बनाया था. सरमा पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से 20 लाख रुपए हर महीने लिए, जिससे ग्रुप का कामकाज बेहतर तरीके से चल सके.
सरमा जी से अंतिम बार सीबीआई ने 27 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी. हिमंत ने अगस्त 2015 में बीजेपी ज्वॉइन कर लिया था. कांग्रेस का आरोप है कि इसके बाद सीबीआई ने हिमंत की फाइल बंद कर दी. हिमंत अभी असम के मुख्यमंत्री हैं.
2. शुभेंदु अधिकारी, पश्चिम बंगाल- ममता सरकार में कद्दावर मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी से सीबीआई ने शारदा घोटाले में पूछताछ शुरू की थी. उन पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से फेवर लिया था. शुभेंदु पर बाद में नारदा स्टिंग ऑपरेशन में भी पैसा लेने का आरोप लगा, जिसकी जांच ईडी ने शुरू की.
तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि शुभेंदु जब टीएमसी में थे, तब जांच एजेंसी उन्हें परेशान कर रही थी, लेकिन जैसे ही बीजेपी में गए तो सारे मामले में उन्हें क्लिन चिट मिलने लगा. 2022 में बंगाल पुलिस ने शुभेंदु के खिलाफ शारदा घोटाले में जांच शुरू की. शुभेंदु वर्तमान में बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष हैं.
3. जितेंद्र तिवारी, पश्चिम बंगाल- आसनसोल के कद्दावर नेता जितेंद्र तिवारी ने 2021 में तृणमूल छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. उस वक्त मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रीयो ने इसका खुलकर विरोध किया था. सुप्रीयो ने कहा था कि कोयला चोर और तस्करों को पार्टी में लाने का नुकसान होगा.
4. नारायण राणे, महाराष्ट्र- शिवसेना उद्धव गुट का आरोप है कि नारायण राणे को भी बीजेपी ने वाशिंग मशीन में डालकर पाक-साफ कर दिया है. राणे अभी मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने उन पर आदर्श सोसायटी मामले में हेरफेर का आरोप लगाया था.
5. बीएस येदियुरप्पा, कर्नाटक- कर्नाटक में बीजेपी का चेहरा बीएस येदियुरप्पा पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. येदियुरप्पा को इसकी वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. येदियुरप्पा पर 2011 में 40 करोड़ रुपए लेकर अवैध खनन को शह देने का आरोप लगा था और लोकायुक्त ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था.
2016 में सीबीआई की विशेष अदालत ने येदियुरप्पा को क्लीन चिट दे दिया था. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी में आने के बाद येदियुरप्पा के खिलाफ एजेंसी ने जांच ठीक ढंग से नहीं किया.
6. प्रवीण डारेकर, महाराष्ट्र- 2009 से 2014 तक मनसे के विधायक रहे प्रवीण डारेकर पर 2015 में मुंबई कॉपरेटिव बैंक में 200 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था. बीजेपी ने इस मामले को जोरशोर से उठाया, जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा को केस की जांच सौंपी गई.
2016 में डारेकर बीजेपी में शामिल हो गए और विधान परिषद पहुंच गए. साल 2022 में आर्थिक अपराध शाखा ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया. डारेकर अभी मुंबई कॉपरेटिव बैंक सोसाइटी के अध्यक्ष हैं.
7. हार्दिक पटेल, गुजरात- पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पर बीजेपी सरकार के दौरान राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. हार्दिक को इसकी वजह से तड़ीपार भी रहना पड़ा था. हार्दिक पर 20 केस दर्ज किए गए थे.
पटेल गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस का आरोप है कि राजद्रोह केस में बचने के लिए हार्दिक ने यह कदम उठाया. हार्दिक अभी बीजेपी के वीरमगाम से विधायक हैं.
विपक्ष का कहना है कि इन नामों के अलावा सोवन चटर्जी, यामिनी जाधव और भावना गवली जैसे नेताओं पर भी जांच एजेंसी ने कोई एक्शन नहीं लिया, क्योंकि सभी बीजेपी या उनके सहयोगी पार्टी में चले गए.