Humara Aligarh

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📢 उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026: आधिकारिक अधिसूचना जारी! 🗳️राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश ने पंचायत चुनाव 2026 को ले...
12/07/2025

📢 उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026: आधिकारिक अधिसूचना जारी! 🗳️

राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश ने पंचायत चुनाव 2026 को लेकर विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है।

➡️ 18 जुलाई 2025 से शुरू होंगी तैयारियां
➡️ 15 जनवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
➡️ मार्च 2026 में पंचायत चुनाव का महासंग्राम

मुख्य बिंदु:
✅ ग्राम पंचायतों की सीमाओं के पुनर्गठन और मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण
✅ 14 अगस्त से 22 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन
✅ 5 दिसंबर 2025 को अस्थायी मतदाता सूची का प्रकाशन
✅ 6 दिसंबर से 12 दिसंबर 2025 तक आपत्तियां व दावे
✅ 15 जनवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

💡 महत्वपूर्ण निर्देश:
अधिकारियों के तबादलों पर रोक, हर जिले के कलेक्टर को पत्र भेजा गया।
IAS डॉ. अखिलेश मिश्रा (OSD, राज्य निर्वाचन आयोग) ने सभी को आदेश जारी किया है।

📄 पूरी अधिसूचना देखने के लिए नीचे दी गई इमेज जरूर पढ़ें।

👉 गांव की सरकार बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
👉 समय पर नाम जुड़वाएं, संशोधन कराएं और अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

02/07/2025

🤣 माइकल जैक्सन 70 करोड़ लेकर जो डांस करता था...
वही डांस झारखंड के जगपाल ने मात्र 70 रुपये का पऊआ पीकर कर दिया!
😆 जब 70 रुपये का पऊआ पड़े 70 करोड़ के डांस पर भारी!

झारखंड के जगपाल भैया ने आज ये साबित कर दिया कि—
👉 माइकल जैक्सन को शोहरत मिल गई, और हमको झारखंड का जैक्सन!
👉 स्टेज पर न सही, गली में ही सही… ठुमके तो वर्ल्ड क्लास हैं!

देखिए देसी पऊआ पॉवर का कमाल!
🍻 + 🕺 = 💥

#पऊआवालाडांस
#माइकलजैक्सन_का_चाचा

28/06/2025
23/06/2025

📢 एक सवाल... क्या स्कूल बंद करना समाधान है?
क्या वो मासूम बच्चे, जिनकी पढ़ाई का एकमात्र सहारा सरकारी स्कूल हैं, अब घर बैठ जाएंगे?
क्या शिक्षा का मतलब सिर्फ आंकड़े हैं – या हर बच्चे तक रोशनी पहुंचाना?

❓ सरकार कहती है – जहां 50 से कम छात्र हैं, वहां स्कूल बंद कर दो।
तो सवाल है –
👉 क्या स्कूल बंद करने से शिक्षा सुधर जाएगी?
👉 या वहां सुविधाएं देकर, अच्छे शिक्षक देकर, बच्चों को जोड़कर समाधान निकाला जाना चाहिए?

🤔 और सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न –
आख़िर अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं भेजना चाहते?
✅ क्योंकि वहां शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है।
✅ क्योंकि शौचालय नहीं हैं, पीने का पानी नहीं है, बिजली नहीं है, छतें टपकती हैं।

💥 सरकार से निवेदन नहीं, अब सीधा आग्रह है –
स्कूलों को बंद मत कीजिए, उन्हें संजीवनी दीजिए।
और एक ऐतिहासिक आदेश लाइए –
सरकारी पदों पर बैठे अफसर, नेता और वो सभी जो सरकारी सुविधाएं ले रहे हैं – उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ें।

📌 तब देखिए – स्कूलों में कितनी तेज़ी से सुधार आता है।
तब देखिए – वो शिक्षक, जो अबतक लापरवाह थे, कैसे सजग हो जाते हैं।
तब देखिए – सरकारी स्कूल कैसे आदर्श स्कूल बनते हैं!

🎥 यह वीडियो देखिए और सुनिए छात्र नेता बड़े भाई आदेश चौधरी Adesh Chaudhary जी को जिन्होंने सरकार से प्रश्न करे और सीधा सवाल पूछा… और आप भी खुद से पूछिए –
क्या शिक्षा बचाना अब भी आपकी प्राथमिकता नहीं है?
बच्चों का भविष्य बंद स्कूलों के ताले में कैद रहेगा या खुले विचारों के उजाले में पलेगा?

✊ चलिए आवाज़ उठाते हैं –
#सरकारी_स्कूल_बचाओ
#शिक्षा_का_अधिकार
#सभी_बच्चों_के_लिए_गुणवत्ता_शिक्षा

गोविंद कृष्णन एम, केरल के कन्नूर से हैं। उन्होंने वेदिक शिक्षा के लिए एक गुरुकुल में दाखिला लिया, साथ ही अपनी सामान्य पढ...
21/06/2025

गोविंद कृष्णन एम, केरल के कन्नूर से हैं। उन्होंने वेदिक शिक्षा के लिए एक गुरुकुल में दाखिला लिया, साथ ही अपनी सामान्य पढ़ाई भी जारी रखी।
वे JEE परीक्षा में सफल हुए और भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) में प्रवेश पाया।
अब वे ISRO के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हो रहे हैं।

गोविंद कहते हैं –
"मैं इस बात से भलीभांति परिचित हूं कि लोगों में यह आम धारणा है कि वैदिक शिक्षा लेने से करियर के अवसर सीमित हो जाते हैं। लोग अक्सर मानते हैं कि आध्यात्म और विज्ञान एक साथ नहीं चल सकते। लेकिन मैंने यह साबित कर दिया है कि ये दोनों साथ चल सकते हैं। यह सब संतुलन और अनुशासन की बात है।"

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🔹 विज्ञान और वेद का मेल – एक संतुलित दृष्टिकोण

भारत की प्राचीन परंपराएं, जैसे कि वेद, केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं – बल्कि ये ज्ञान, चेतना और जीवन के गूढ़ रहस्यों के गहन स्रोत हैं।
वहीं, आधुनिक विज्ञान और तकनीक ब्रह्मांड को समझने के तरीके और उपकरण प्रदान करते हैं।

वेदिक शिक्षा क्यों ज़रूरी है विज्ञान के साथ?

यह व्यक्ति के आंतरिक विकास पर ध्यान देती है – मन की एकाग्रता, अनुशासन और आत्मनियंत्रण जैसे गुण विकसित करती है।

वेदिक अध्ययन से दार्शनिक सोच, गहराई से विचार करने की शक्ति, और जीवन के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण विकसित होता है – जो एक वैज्ञानिक के लिए भी बेहद ज़रूरी है।

यह सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव बनाए रखता है, जिससे व्यक्ति की पहचान और उद्देश्य मजबूत होते हैं।

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🔸 कैसे साधें वेद और विज्ञान का संतुलन?

1. समय प्रबंधन: गोविंद की तरह, समय का सही उपयोग और लक्ष्य के प्रति समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है। सुबह का समय ध्यान और वेद अध्ययन के लिए, और दिन का बाकी हिस्सा विज्ञान की पढ़ाई के लिए बांटा जा सकता है।

2. एकता की भावना: समझें कि दोनों मार्ग — अध्यात्म और विज्ञान — सत्य की खोज की दिशा में ही जाते हैं।

3. मानसिक संतुलन: योग, ध्यान और वेदिक अभ्यास मन को शांत और केंद्रित रखते हैं, जिससे कठिन वैज्ञानिक समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलती है।

4. सकारात्मक सोच और प्रेरणा: ऐसे उदाहरण जैसे गोविंद कृष्णन, युवाओं को यह प्रेरणा देते हैं कि कोई भी पृष्ठभूमि हो – अगर नियत साफ हो और मेहनत सच्ची, तो कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।

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🌟 निष्कर्ष:

गोविंद कृष्णन जैसे युवाओं की कहानी इस बात का प्रमाण है कि वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान दो विरोधी ध्रुव नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं।
जब व्यक्ति अपने आध्यात्मिक मूल्यों के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाता है, तब वह केवल एक सफल वैज्ञानिक नहीं बनता – वह एक संपूर्ण इंसान बनता है।

✍️ संयम, संतुलन और समर्पण – यही हैं सफलता की असली कुंजी।

20/06/2025

युद्ध के बीच समंदर में फंसे हमारे भारतीय नाविक 🔴

ये कोई फिल्म का सीन नहीं है —
ये सच्चाई है।

इज़राइल-ईरान युद्ध के दौरान, जब दोनों ओर से मिसाइलें दागी जा रही थीं, तब हमारी भारतीय मर्चेंट नेवी के अधिकारी समंदर के बीचों-बीच फंसे हुए थे।

🚢 एक जहाज, जो सिर्फ व्यापार और शांति का प्रतीक था, चारों ओर से उड़ती मिसाइलों के साए में था।
📹 उन्हीं बहादुर भारतीय नाविकों ने ये वीडियो रिकॉर्ड किया — डर, विस्फोटों और भगवान को याद करते हुए, अपने परिवारों के लिए दुआ करते हुए।

हम अक्सर युद्ध को केवल खबरों और आंकड़ों में देखते हैं,
लेकिन असल में इसका खौफ उन पर बीतता है जो न लड़े हैं, न लड़ना चाहते हैं।

🙏 सलाम उन सभी भारतीयों को, जो अपने कर्तव्य पर डटे रहे — डर के साए में भी।

युद्ध किसी का समाधान नहीं, सिर्फ विनाश का रास्ता है।

यह तस्वीर एक चुप्पी चीख रही है।एक छोटा बच्चा, स्कूल बैग के साथ मायूस चेहरा लिए बंद स्कूल के बाहर खड़ा है। ताले में जकड़ा...
19/06/2025

यह तस्वीर एक चुप्पी चीख रही है।

एक छोटा बच्चा, स्कूल बैग के साथ मायूस चेहरा लिए बंद स्कूल के बाहर खड़ा है। ताले में जकड़ा स्कूल और उसके पीछे धुंधला होता उसका सपना—ये दृश्य सिर्फ एक बच्चे की नहीं, बल्कि उन हजारों बच्चों की हकीकत है जिनका भविष्य उत्तर प्रदेश सरकार के "स्कूल मर्जर प्लान" की भेंट चढ़ सकता है।

👉 क्या एक 6 साल का बच्चा मीलों चलकर स्कूल जा सकता है? 👉 क्या गांवों के छोटे सरकारी स्कूल बंद कर देना ही शिक्षा का हल है?

सरकार कहती है—बजट बचाओ। हम कहते हैं—बच्चों का सपना बचाओ।

💔 जब स्कूल बंद होते हैं, सपने मरते हैं। 👣 दूर-दराज के गांवों में रहने वाले बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। 🏫 हर गांव, हर मोहल्ले का स्कूल ही तो सबसे सुलभ, सुरक्षित और सस्ता स्कूल है।

📢 हम विरोध करते हैं इस अन्यायपूर्ण योजना का! 📢 हम मांग करते हैं—हर बच्चे को उसके घर के पास शिक्षा मिले, स्कूल बंद नहीं, मजबूत किए जाएं!



✊ आइए आवाज़ उठाएं, ताकि कोई बच्चा सिर्फ इसलिए अशिक्षित न रह जाए क्योंकि उसका स्कूल ताले में बंद है।

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