16/03/2025
भीड़ अपने आवेग से किस प्रकार जिंदगियां बर्बाद करती है इसकी एक बानगी मात्र है मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज की ये घटना। किस प्रकार दो महीने पहले हुए सड़क हादसे पर मात्र संदेह होने के कारण (पुलिस रिपोर्ट में हादसे के तौर पर दर्ज है उक्त प्रकरण) एक युवक को अगवा कर लिया जाता है, बंधक बना लिया जाता है, बेरहमी से मारा पीटा जाता है मार डाला जाता है , युवक की मौत से अनजान छुड़ाने गए परिवार वालों से बदसलूकी की जाती है, परिवार वालों को भी मारा पीटा जाता है, उनके फोन छीन लिए जाते है, वाहनों को तोड़ दिया जाता है ( मृतक के भाई के अनुसार), बचाव के लिए गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव और लाठियों से हमले किए जाते है, कई सिपाही और अधिकारी मौके पर घायल होते है कुछ को गंभीर चोटे आती है, प्रशासन की टीम को भी बंधक बना लिया जाता है, इन सब में घायल एक ASI जिसके सेवानिवृत्ति को कुछ ही महीने शेष बचे थे अपने प्राण गवां देता है। जिस युवक को बंधक बनाया गया था उसके मृत्यु के बाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है जिसमें उसके शरीर में गंभीर चोट के निशान दिखाई दे रहे है। अब बात आती है इन सब से न सिर्फ मृतक युवक, पुलिस अधिकारी, उनके परिवार वालों का जीवन बर्बाद हुआ वरन् ऐसे जघन्य अपराध में भीड़ के शक्ल में आए लोगों और उनके परिवार वालों का जीवन भी बर्बाद होगा क्योंकि आज नहीं तो कल पुलिस प्रशासन आप में से सब तो नहीं पर कुछ को तो पहचान लेगी ही और फिर आप जीवन भर कानूनी कार्यवाही को झेलेंगे। अभी इसी मौके पर अगर कोई पुलिस वाला जवाबी कार्यवाही में एकाध गोली किसी के ऊपर चला देता तो अति बुद्धिवादी लोग आ जाते ये कहने की निरपराध आदिवासियों को प्रशासन जानबूझकर अपना शिकार बना रहा है। अपराध किसी भी जाति या मजहब का मोहताज नहीं है और न ही अपराधी की कोई जाति या धर्म होता है, अपराधी अपराधी होता है उसे इसके लिए निश्चित हो दंड मिलना चाहिए और वो भी कठोर से कठोर।
#मऊगंज #रीवा