Lokbharti Prakashan

Lokbharti Prakashan लोकभारती प्रकाशन प्रयागराज

19/09/2025
19/09/2025

लोकभारती प्रकाशन 1961 से ही हिन्दी लेखन की पुरानी और नई पीढ़ियों को जोड़ता रहा है। 2021 में अपनी 60वीं वर्षगांठ पर उसने नई पीढ़ी के कथाकारों को सामने लाने का अभियान शुरू किया। अब लोकभारती प्रकाशन धरोहर कहानियाँ शृंखला लेकर प्रस्तुत है। यह उन कथाकारों की पुनर्प्रस्तुति है जिन्होंने आधुनिक हिन्दी साहित्य की नींव रखी और हमें बराबरी का आत्मविश्वास दिया। समकालीन युवा कथाकारों द्वारा सम्पादित यह शृंखला नए पाठकों तक उन पुरखों की श्रेष्ठ कहानियाँ पहुँचाकर पीढ़ियों को जोड़ने का सतत प्रयास है।

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[Dharohar Kahaniya, Stories साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

यह दुनिया स्वयं एक कलाकृति है, जिसमें हमारे-आपके ऐसे अनगिनत अजीब-गरीब प्राणी मिलें। आखिर कला है ही क्या, यही अजीब-गरीब च...
19/09/2025

यह दुनिया स्वयं एक कलाकृति है, जिसमें हमारे-आपके ऐसे अनगिनत अजीब-गरीब प्राणी मिलें। आखिर कला है ही क्या, यही अजीब-गरीब चीजों का सृजन।

अपने खिलौने • भगवतीचरण वर्मा

[Apne Khilaune, Bhagwaticharan Verma, Novel, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

प्यार तो वो है, जिसके साथ भी मर जाने का जी चाहे और जिसके बिना भी एक पल जीने को जी न करे।कबीरा सोई पीर • प्रतिभा कटियार [...
17/09/2025

प्यार तो वो है, जिसके साथ भी मर जाने का जी चाहे और जिसके बिना भी एक पल जीने को जी न करे।

कबीरा सोई पीर • प्रतिभा कटियार

[Kabira Soyi Peer, Pratibha Katiyar, Novel, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

मानवीय सम्बन्ध टूट जाते हैं। वे टूट गए। उनके साथ जितना टूटना था मैं भी टूटी और बिखरी। कई बरस के अन्तराल के बाद अचानक जब ...
17/09/2025

मानवीय सम्बन्ध टूट जाते हैं। वे टूट गए। उनके साथ जितना टूटना था मैं भी टूटी और बिखरी। कई बरस के अन्तराल के बाद अचानक जब इस मोड़ पर पहुँची तो बेतरह टूट चुकी इन दीवारों पर वह अपना... नितान्त अपना हरा पौधा मेरे साथ हो लिया। इस विराट रेगिस्तान में यह नन्ही-सी हरीतिमा... यही तो मेरी अपनी है।

रेत की मछली • कांता भारती

[Ret Ki Machli, Kanta Bharati, Novel, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

बदरीनाथ कपूर की पुस्तकेंकिताब ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए हमारी वेबसाइट www.rajkamalprakashan.comपर जाएं या +91 93113 97733...
17/09/2025

बदरीनाथ कपूर की पुस्तकें

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[Badrinath Kapoor, शब्दकोश, भाषा विज्ञान, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

किसी से प्यार करना या नहीं तो नफ़रत ही करने लग जाना-किसी को खोजना, खो देना और फिर पाने के लिए अनवरत चेष्टा करते रहना हमा...
16/09/2025

किसी से प्यार करना या नहीं तो नफ़रत ही करने लग जाना-किसी को खोजना, खो देना और फिर पाने के लिए अनवरत चेष्टा करते रहना हमारी पुरानी जिन्दगी को सहसा एक नया अर्थ दे देता है। एक नई भंगिमा या नहीं तो नया ख़म। कुछ लोग इसी चक्कर में कबूतर पाल लेते हैं। पतंगें उड़ाते हैं। देश-विदेश की यात्राओं पर निकल जाते हैं। अफ़ीम का नशा करते हैं। शतरंज या संगीत के शौक़ीन होते हैं।

रोमियो जूलियट और अँधेरा • कुणाल सिंह

[Romeo Juliet Aur Andhera, Kunal Singh, Novel, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

ट्रेन में हवाई जहाज की सी खामोशी है। बहुत पहले ही लोगों ने एक दूसरे को अपना खाना खिलाना बन्द कर दिया था और अब एक दूसरे स...
16/09/2025

ट्रेन में हवाई जहाज की सी खामोशी है। बहुत पहले ही लोगों ने एक दूसरे को अपना खाना खिलाना बन्द कर दिया था और अब एक दूसरे से बातें करना और एक दूसरे की ओर देखना भी। लगभग सभी लोग अपने कुछ मरे हुए अहसासों के साथ बस सोशल मीडिया पर जिन्दा हैं।

सतरूपा • शिवेन्द्र

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15/09/2025

नहीं हैं फूल तो ख़ारों को छेड़ सकता हूँ
ख़िज़ाँ में रफ़्ता' बहारों को छेड़ सकता हूँ।

हज़ारों शम्सो-क़मर पहलुओं में हैं जिनके
उन अले-दिल के गुबारों को छेड़ सकता हूँ।

गुले–नग़मा • 'फ़िराक़' गोरखपुरी

[Gul-e-Nagma, Firakh Gorakhpuri, Gazal, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

जीवन-यापन के लिए जितनी ऊर्जा की जरूरत होती है, उतनी ही ऊर्जा जिसके पास है, वह संत, कलाकार, लेखक या बड़ा सिपाही नहीं बन स...
13/09/2025

जीवन-यापन के लिए जितनी ऊर्जा की जरूरत होती है, उतनी ही ऊर्जा जिसके पास है, वह संत, कलाकार, लेखक या बड़ा सिपाही नहीं बन सकता। जरूरत से फाजिल ऊर्जा होने के कारण ही आदमी कलाकार बन जाता है।

दिनकर की डायरी : रामधारी सिंह दिनकर

[Dinkar ki Diary, Ramdhari Singh Dinkar, Diary, साथ जुड़ें साथ पढ़ें, लोकभारती प्रकाशन]

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