सोमेश्वर घाटी - उत्तराखंड

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सोमेश्वर  घाटी - उत्तराखंड जय श्री राम।
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शहरों की भीड़भाड़ और कंक्रीट के जंगलों से दूर, उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले में भारत का स्विट्जरलैंड कहलाने वाले कौसानी हिल स्टेशन के पास फैली सोमेश्वर एक मनोरम घाटी है। घाटी के बीच से गुजरती सड़कें, सड़क के दोनों ओर खेत और पहाड़ों की ओट में दूर-दूर छिटके गांव बेहद ही खूबसूरत है.
यहां एक प्रचीन शिव मंदिर भी है जिसका निर्माण बारहवीं शताब्दी में कुमाऊं के चंद राजाओं ने किया था. आपको जब भी मौका मिले आइयेगा जरूर �

हर्ष काफ़र के किसी भी काम को मै फुर्सत से देखना पसंद करता हूँ। कुछ दिनों पहले जब हमारी सोमेश्वर घाटी में धान की रोपाई बड...
07/07/2025

हर्ष काफ़र के किसी भी काम को मै फुर्सत से देखना पसंद करता हूँ। कुछ दिनों पहले जब हमारी सोमेश्वर घाटी में धान की रोपाई बड़े जोरों से हो रही थी तब इनकी एक बहुत ही शानदार डाक्यूमेंट्री आई थी, विषय था भू-कानून।

आज उस 38 मिनट की डॉक्यूमेंट्री को बिना एक सेकेंड भी स्किप किए देख चुका हूँ और देखते–देखते इतना अंदाजा आया है कि हाल में जो हमें भू–कानून मिला है दरअसल वो चूरन है। जिसे हम बड़ी ख़ुशी से चाटकर, पुनः च्यु*ए साबित हो चुके हैं।

हर्ष ने उत्तराखंड के भूमि की शुरुआत शुरू से की है मगर वो बोरिंग नहीं है.. क्योंकि इस गंभीर विषय पर बात करते हुए हर्ष कभी तोतले बन जाते हैं तो कभी अंग्रेज अफसर और कभी कुछ... एक हल्के पन लेकिन बेहद आकर्षक तरीके से शुरू होने वाली इस वीडियो को अगर उत्तराखंड का आधा यूथ भी देख ले तो वो पुनः आंदोलन करने लगे! इसलिए नहीं कि उसे भू–कानून चाहिए बल्कि इसलिए भी कि उसे पहले भूमि भी चाहिए क्योंकि उसके पास तो भूमि ही नहीं बची भू-कानून से क्या करेगा... और फिर ऐसे भू–कानून से होगा भी क्या….?

इस डॉक्यूमेंट्री को देखते हुए मैं सोच रहा था कि इसपर काफ़ी कुछ लिखूंगा पर हर्ष के शब्दों में इतना ही लिखता हूँ कि भू–कानून पहाड़ का ऐसा मशाण है जिसे कभी पूजा नहीं गया है बल्कि करार पर करार ही रखा जा रहा है, बस नए-नए जगरी आकर अपना पेट पाल रहे हैं।

बाकी सलाम है ऐसे काम को, हर उत्तराखंड वासी को इस डॉक्यूमेंट्री को देखना चाहिए... तब आपको समझ आएगा कि भू-कानून कैसा होना चाहिए...? और कैसा हमें मिला है !

हर्ष भाई के साथ कैमरा आदि के पीछे का बंदोबस्त देखने वाले मुकेश भी बड़े काम के आदमी बन चुके हैं। दोनो की जोड़ी कई सारे बढ़िया काम करेगी।

बाकी वीडियो पहले कमेंट में देख सकते हो.... धन्यवाद..!

~ राजेंद्र नेगी
Harsh Joshi

वास्तव में, कितने किस्मत वाले हैं वो गूंजी गांव वाले जिन्हें प्रधान के रूप में एक पूर्व IPS IG मिल रही हैं। उनके अनुभव औ...
07/07/2025

वास्तव में, कितने किस्मत वाले हैं वो गूंजी गांव वाले जिन्हें प्रधान के रूप में एक पूर्व IPS IG मिल रही हैं। उनके अनुभव और प्रशासनिक क्षमता से गांव का विकास निश्चित ही नए आयाम छुएगा।

पूरी कहानी पढ़े;–

https://devbhoomidarshan.in/ips-ig-bani-uttarakhand-ki-prdhan/

07/07/2025

पंचाचुली देश! उत्तराखंड वासियों के दर्द का गीत 💔

पिछले दो हफ्ते से पूरे पहाड़ में ये गाना ट्रेंड कर रहा है! लोग इसपर कई सारे रील बना चुके हैं। लेकिन बहुत कम ही लोगों ने इस गीत के दर्द को समझा होगा। गाना लिखा है गणेश मर्तोलिया ने, उन्हीं ने गाया भी है साथी गायिका रुचि जंगपांगी के साथ।

यह गीत हर तरह से कुछ अलग है, लेकिन सबसे ख़ास है इसकी धुन और लिरिक्स यानी बोल। लिरिक्स को आप ध्यान से सुनेंगे तो आपको उत्तराखंड से हुए भीषण पलायन का दर्द स्पष्ट दिखेगा।

गाने के पहले अंतरे में गीतकार कहता है —

"आसमानी तारा टिमटिम टिमटिम,
हिमाली डाणा सफेद,
हिमाल हमरी जनमभूमि,
मरण होलो परदेश…"

जिसका निचोड़ है कि भले ही हमारी जन्मभूमि हिमालय की धरती रही हो मगर हमारी मृत्यु दूर कहीं परदेश में होगी... कारण ? क्योंकि हम पलायन कर चुके हैं या कर चुके होंगे.... अगर कुछ और अर्थ निकालने की कोशिश करो तो इस वाक्य को आप पहाड़ के स्वास्थ्य सुविधा से भी जोड़ सकते हैं जिसके कारण हर गंभीर बीमारी के चलते हमें इलाज के लिए मैदानों या बड़े शहरों की ओर आना होता है और अक्सर वहां जाने तक या वहां पहुंचने पर मरीज दम तोड़ देता है।

वहीं दूसरे अंतरे में गीतकार ने लिखा है –

"काली गंगा कल कल,
गोरी गंगा छल..
छूटी गयो घरबार,
आँसू ढलकी ढल.."

इस अंतरे में भी गीतकार ने पलायन की पीड़ा को दर्शाया है और घरबार छूटने की बात कही है जिसके कारण उसके आंखों से आंसू भी निकल रहे हैं मगर पहाड़ों की व्यवस्था ऐसी है कि वह चाहकर भी वहां एक बेहतरीन भविष्य नहीं तलाश पा रहा।

वैसे उत्तराखंड में इस तरह के गाने कम ही चलते हैं। गणेश मर्तोलिया जैसे कुछ नए लोग पिछले काफी समय से इसी तरह का काम कर रहे हैं मगर अक्सर ऐसे गाने डीजे पर बजने वाले गानों की भीड़ में कहीं खो से जाते हैं। डीजे में बजने वाले गीत जिनमें अक्सर किसी लड़की के नैन नक्स या उसने क्या पहना है उसपर ही बातें होती है। ऐसे में ऐसे गहरे अर्थ वाले गीत सुनने की न तो हमें आदत है न इनका कोई ट्रेंड सेट हो पाता है।

लेकिन खुशी और उम्मीद की बात है कि कुछ लोग ट्रेंड से हटकर काम करने का, उस पर पैसे खर्च करने का रिस्क लेते हैं। ऐसे में हमें चांदनी इंटरप्राइजेज का भी धन्यवाद अदा करना चाहिए।

बाकी आपको यह गाना कैसा लगा आप कमेंट में जरूर बताएं। और पोस्ट पसंद आई हो तो Gaon Wala को फॉलो कर लें।

धन्यवाद।

Ganesh Martolia jangpangi Chandani Enterprises Official

कृपया ध्यान देंबागेश्वर वन विभाग में वन दरोगा के पद पर कार्यरत बिजौरी गांव के निवासी कैलाश चंद्र पांडे जी जोकि 55 वर्षीय...
06/07/2025

कृपया ध्यान दें

बागेश्वर वन विभाग में वन दरोगा के पद पर कार्यरत बिजौरी गांव के निवासी कैलाश चंद्र पांडे जी जोकि 55 वर्षीय हैं कुछ दिनों से लापता हैं। इन्होंने सफेद रंग की कमीज पहनी थी, और ईमा रंग गेहुंआ शरीर दुबला पतला है। तीन जुलाई को वह घर से कार्यालय के लिए निकले बागेश्वर पहुंचे मगर कार्यालय नहीं आए। तब से उनका फोन बंद है और इनका कोई पता नहीं।

किसी को भी कहीं दिखें तो कोतवाली बागेश्वर के नंबर 9411112912 या 8218667156 पर संपर्क करें।

पोस्ट शेयर करके इस जानकारी को आगे बढ़ाने में मदद करें, धन्यवाद 🙏

मदद की गुहार।।  # # मेरे भाई के लिए जरूरी मददप्रिय मित्रों और शुभचिंतकों,मैं ( रजनी केवल सिंह खर्कवाल ) अपने भाई मनोज सि...
06/07/2025

मदद की गुहार।।

# # मेरे भाई के लिए जरूरी मदद
प्रिय मित्रों और शुभचिंतकों,

मैं ( रजनी केवल सिंह खर्कवाल ) अपने भाई मनोज सिंह मुस्यानी के लिए मदद की अपील कर रही हूं। उन्हें 2 जुलाई से 4 जुलाई 2025 तक एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन 4 जुलाई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें पीलिया और लिवर फेल्योर है, जिससे किडनी भी प्रभावित हुई है और डायलिसिस की आवश्यकता है, जिसे एम्स अस्पताल में नहीं किया जा सकता।

सफदरजंग , एलएनजेपी अस्पताल ओर दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों ने भर्ती से इनकार के बाद, अब 5 जुलाई 2025 से नारायणा अस्पताल गुड़गांव से ईलाज चालू कर दिया है ! लिवर ट्रांसप्लांट और डायलिसिस के लिए लगभग 20 - 25 लाख रुपये का खर्च आएगा।
मेरा परिवार इस खर्च को उठाने में असमर्थ है। यदि आप योगदान करने में सक्षम हैं, तो कृपया मेरे फोन पे +91 89543 55892 (हिमांशु मुस्यानी) पर व्हाट्सएप के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के साथ एक छोटी सी राशि भेजें:

ग्राम पाखुरा हवालबाग अल्मोड़ा

Himanshu Musyuni
Ac no: 40025687712
IFSC code : SBIN

धन्यवाद
Rajani Kewal Singh kharkwal)

06/07/2025

इस परिवार की व्यथा की सुनिए। कैसे खुद की जमीन के लिए देना पड़ रहा है धरना

हमारे सोमेश्वर घाटी पेज के एडमिन और सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहने वाले बड़े भाई शंकर भंडारी जी का आज जन्मदिन है,उन्...
06/07/2025

हमारे सोमेश्वर घाटी पेज के एडमिन और सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहने वाले बड़े भाई शंकर भंडारी जी का आज जन्मदिन है,उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई,
शंकर भाई न केवल सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते हैं बल्कि उनके विवेक में इतनी क्षमता है कि वह सही और गलत को आसानी से पहचान पाते हैं ,पहाड़ के नाम पर पहाड़ियों को पागल बनाने की जो नीतियां रही उन नीतियों के पीछे के उस गलत उद्देश्य को शंकर भंडारी अच्छे रूप समझते हैं जिस उद्देश्य ने पहाड़ में अनेक नेता तो बना दिए लेकिन पहाड़ नहीं बदला,यही फर्क होता है एक समझदार व्यक्ति में इसलिए कहा जाता है पढ़ा लिखा होना उतना महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन चीजों को समझना ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसी चीज को समझते हैं शंकर भंडारी ।।

शंकर भंडारी पहले सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफार्म में अपनी बात को बहुत ही आसानी से लोगों को समझा देते थे लेकिन हां जहां गांव-गांव- घर-घर में नेता पैदा होते हैं उनको उनकी बातें उतनी अच्छी नहीं लगती थी जब कोई व्यक्ति कुछ बोले और उसे ही गलत ठहरा दिया जाए तो यह स्वाभाविक है कि वह खुद बदल जाता है क्योंकि ज्यादा भीड़ को बदलना मुश्किल है समझदारी इसी में है कि खुद बदल जाओ,आज शंकर भंडारी पहाड़ सेवा करते हैं लेकिन वह उस सेवा को ना तो सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में अपडेट करते हैं और ना ही पहाड़ बदलने के लिए ज्ञान देते हैं। बस हां इतना कहना चाहूंगा अपने हिस्से की पहाड़ सेवा लगातार करते हैं और आगे भी करते रहेंगे यही उम्मीद है,आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं dajyu ।।

ग्रामसभा उजगल, पोस्ट ऑफिस गोविंदपुर, जिला अल्मोड़ा के निर्विरोध चुने गए युवा प्रधान श्री नवीन भंडारी (नब्बू) जी को दिल स...
06/07/2025

ग्रामसभा उजगल, पोस्ट ऑफिस गोविंदपुर, जिला अल्मोड़ा के निर्विरोध चुने गए युवा प्रधान श्री नवीन भंडारी (नब्बू) जी को दिल से हार्दिक शुभकामनाएं।
साथ ही समस्त ग्रामवासियों को भी बधाई जिन्होंने एकमत होकर निर्विरोध प्रधान चुनकर गांव में एकता, भाईचारे और समझदारी की नई मिसाल कायम की। यह निर्णय दर्शाता है कि जब गांव के लोग आपसी मतभेद भुलाकर मिलकर चलें तो हर विकास कार्य आसान हो जाता है। ईश्वर से प्रार्थना है नवीन जी के नेतृत्व में गांव निरंतर तरक्की करे। ❤️💐👏

#बिक्रम_सिंह_भंडारी

मुख्यमंत्री की यह तस्वीर आपको कैसी लगी ? जमीन से जुड़ाव दिखाने और लोक संस्कृति हुड़किया बौल को दर्शाने का यह तरीका आपको ...
05/07/2025

मुख्यमंत्री की यह तस्वीर आपको कैसी लगी ? जमीन से जुड़ाव दिखाने और लोक संस्कृति हुड़किया बौल को दर्शाने का यह तरीका आपको पसंद आया या नहीं कमेंट में अवश्य बताएं।

बाकी असली हुड़की बौल तो पहाड़ के गांवों में ही होता है आगे दिए नीली लाइन को छूकर आप उसका भी आनंद ले सकते हैं 👉 https://opener.one/yt/y6gxrp

Pushkar Singh Dhami

सही लोकेशन बताइए
05/07/2025

सही लोकेशन बताइए

धान की रोपाई लगने के बाद सोमेश्वर घाटी क्षेत्र का दृश्य। ♥️😍
05/07/2025

धान की रोपाई लगने के बाद सोमेश्वर घाटी क्षेत्र का दृश्य। ♥️😍

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सोमेश्वर घाटी उत्तराखंड की सबसे शानदार घाटीयों में से एक है। समतल सीढ़ीदार खेत और मंदिर इसकी सुन्दरता पर चांद लगा देते हैं

शहरों की भीड़भाड़ और कंक्रीट के जंगलों से दूर, उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले में भारत का स्विट्जरलैंड कहलाने वाले कौसानी हिल स्टेशन के पास फैली सोमेश्वर घाटी अपने आप में एक मनोरम घाटी है। घाटी के बीच से गुजरती सड़कें, सड़क के दोनो ओर खेत और पहाड़ों की ओट में दूर-दूर छिटके पहाड़ी गांव। आह, कहने ही क्या...��� सोमेश्वर में एक प्रचीन शिव मंदिर भी है जिसका निर्माण बारहवीं शताब्दी में कुमाऊं के चंद राजाओं ने किया था।