02/10/2025
दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है, यह अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। लेकिन आज हम इसे केवल पुतले जलाने और मनोरंजन तक सीमित कर चुके हैं।
सवाल यह है कि क्या सिर्फ रावण के पुतले जलाने से बुराई समाप्त हो जाती है? असली रावण तो हमारे भीतर है—अहंकार, लालच, ईर्ष्या, अन्याय और असत्य के रूप में।
आज आवश्यकता है कि हम इन बुराइयों को पहचानें और उन्हें अपने अंदर से मिटाएँ। तभी हम सच्चे मायनों में विजयदशमी मना पाएँगे।
तो आइए, इस दशहरे हम संकल्प लें कि हम अपने भीतर के रावण को जलाएँगे और सच व अच्छाई के मार्ग पर चलेंगे।
यही होगी असली विजय, यही होगा असली 'विजय पर्व'।
आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ।" 🙏
दशहरे की राम राम सभी को 🙏🏻🪷🙏🏻