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जिला मुखयालय भिवाड़ी और नामकरण पर सियासी भूचाल, भूपेंद्र यादव पर खास निशानाअलवर. खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भतृहरि  ...
22/08/2025

जिला मुखयालय भिवाड़ी और नामकरण पर सियासी भूचाल, भूपेंद्र यादव पर खास निशाना
अलवर. खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भतृहरि करने और जिला मुखयालय भिवाड़ी करने के मामले में अलवर की राजनीति में भूकंप ला दिया है। विरोध तेज होते ही केंद्रीय मंत्री व अलवर सांसद भूपेंद्र यादव इस विवाद के केंद्र में आ गए हैं। विपक्ष और स्थानीय समुदाय उन्हें इस फैसले से जोड़ कर देखते हैं और खुले आम निशाना साध रहे हैं।
अब तक यह हुआ-
राज्य सरकार ने खैरथल-तिजारा जिले के नामकरण व मुखयालय-स्थानांतरण का प्रस्ताव मंजूर कर अगले कदम के लिए कैबिनेट के पास भेजा है। कैबिनेट की औपचारिक मंजूरी के बाद ही आधिकारिक नोटिफिकेशन आएगा।

भारी विरोध-
प्रस्ताव के विरोध में स्थानीय किसान, व्यापारियों और कांग्रेस समेत विपक्षी समूहों ने बाजार बंद और रैलियां कर विरोध-प्रदर्शन किए। कुछ जगहों पर भूपेंद्र यादव का पुतला जलाने जैसी नारेबाजी भी हुई।
इधर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सार्वजनिक बयान देकर प्रस्ताव का बचाव किया और विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह नामकरण और मुखयालय-स्थापना सांस्कृतिक विरासत व विकास को ध्यान में रखकर की जा रही है।
स्थानीय विधायक दीपचंद ख्खैरिया कहते हैं कि मुखयालय भिवाड़ी स्थानांतरित होने से खैरथल के ही नागरिकों को सरकारी सेवाओं व रोज़मर्रा के कामकाज में असुविधा होगी। साथ ही, नाम बदलने को लेकर भावनात्मक आपतियाँ और विरासत-संबंधी चिंता उठी हैं। यह निर्णय बिना पर्याप्त लोक-परामर्श के लिया गया।
सांसद की लोकप्रियता पर पड़ा असर-
विवाद सीधे तौर पर उन्हीं के राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ा दिखता है, स्थानीय विरोध उनकी लोकप्रियता पर असर डाल सकता है। रिाजनीतिक हथियार के रूप में कांग्रेस और अन्य स्थानीय नेता इसे आगामी चुनावी रणनीति में इस्तेमाल कर सकते हैं। विरोध लंबा खिंचने पर परिदृश्य और बिगड़ सकता है।
कैबिनेट की आधिकारिक मंजूरी और नोटिफिकेशन जारी होने तक फैसला विवादास्पद बना रहेगा । यदि नोटिफिकेशन आया तो विरोध और तेज़ हो सकता है। अगर सरकार वापस बातचीत या परामर्श का रास्ता अपनाती है तो गतिरोध कम हो सकता है। दूसरी ओर आंदोलन जारी रखने, रैलियां और बंद बुलाने की धमकी ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया है।
राजनीतिक फसाद बढ़ा तो यह मुद्दा अगले चुनावी परिदृश्य में भी अहम हथियार बन सकता है।
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# alwarnews

राज्य मंत्री संजय शर्मा ने की जन सुनवाई।
22/08/2025

राज्य मंत्री संजय शर्मा ने की जन सुनवाई।

चीफ सेकेट्री पंत आए अलवर मुख्य सचिव  सुधांश पंत  मिनी सचिवालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक...
22/08/2025

चीफ सेकेट्री पंत आए अलवर मुख्य सचिव सुधांश पंत मिनी सचिवालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने, विकास कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने तथा अधिकारी व कार्मिको को अपनी स्किल में निरंतर सुधार करने हेतु दिशा -निर्देश दिए।
DIPR, Department of Information & Public Relations, Rajasthan
CMO Rajasthan
Government of Rajasthan
Sanjay Sharma

सीलिसेढ़ बांध ‘फुल टैंक’ के करीब, ऊपरा कभी भी—IMD ने पूर्वी राजस्थान के लिए भारी बारिश की चेतावनी**अलवर/सीलिसेढ़, 22 अगस...
22/08/2025

सीलिसेढ़ बांध ‘फुल टैंक’ के करीब, ऊपरा कभी भी—IMD ने पूर्वी राजस्थान के लिए भारी बारिश की चेतावनी

**अलवर/सीलिसेढ़, 22 अगस्त।
लगातार बौछारों के बीच सीलिसेढ़ बांध का जलस्तर अधिकतम क्षमता के करीब पहुँच गया है। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार बांध में **28.7 फीट** पानी दर्ज है, जो अधिकतम **28.9 फीट** से करीब **2 इंच कम** है—ऐसी स्थिति में तेज़ बरसात होते ही **‘ऊपरा’ (ओवरफ्लो)** चल सकता है।
24 घंटे का मौसम-अपडेट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के जयपुर मेट सेंटर की ईस्ट राजस्थान वार्निंग में 22–24 अगस्त तक कई जिलों (अलवर सहित) में भारी से बहुत भारी बारिश का संकेत है। अलवर के शहर-आधारित बुलेटिन में आज सुबह 08:30 बजे तक 24 घंटों में **NIL** वर्षा दर्ज हुई, लेकिन दिन में बादल व नमी बढ़ी रही—यानि अगले दौर की बरसात का सेटअप मौजूद है।
# # अभी बांध की स्थिति

* जलस्तर: **28.7 फीट**, भराव क्षमता से \~**2 इंच** कम।
* पिछले दिनों हल्की–मध्यम बारिश से स्तर स्थिर/मामूली बढ़त पर।
* स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भी हाल के दिनों से “2–3 इंच की कसर” का उल्लेख रहा है

# # भीड़ और पर्यटक-आवागमन

बरसात के बीच बांध के दृश्य देखने को भीड़ बढ़ने लगी है। प्रशासनिक एहतियात के लिहाज से IMD की भारी बारिश चेतावनी प्रासंगिक है—किनारों/स्पिलवे के पास फिसलन और तेज़ बहाव का जोखिम ज्यादा रहता है। (राज्यभर में हालिया अलर्ट्स और बौछारों की स्थिति के मद्देनज़र सावधानी ज़रूरी है।)
# # प्रशासन की अपील (सेफ्टी एडवाइजरी)

* बैरिकेड और चेतावनी बोर्ड पार न करें; **स्पिलवे/चादर** के पास न जाएं।
* फोटोग्राफी/सेल्फी के लिए किनारों, स्लैब और गीले पत्थरों से दूरी रखें।
* बच्चों व बुज़ुर्गों को अकेले जलाशय क्षेत्र में न जाने दें।
* मौसम विभाग के **ऑरेंज/येलो अलर्ट** और जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

# # ‘ऊपरा’ क्या और कब?

जब बांध अधिकतम स्तर छू लेता है तो अतिरिक्त पानी **स्पिलवे** से चादर की तरह बहना शुरू कर देता है—यही स्थानीय बोली में **ऊपरा** कहलाता है। मौजूदा अंतर **करीब 2 इंच** है; किसी भी तेज़/लगातार बारिश में यह अंतर पलट सकता है।

*जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित, 182 फरियादियों ने दी परिवेदनाएं**जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित...
21/08/2025

*जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित, 182 फरियादियों ने दी परिवेदनाएं*

*जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित व गुणवत्तापूर्ण समाधान करने के दिए निर्देश*

अलवर 21 अगस्त। त्रि-स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था के तहत जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला की अध्यक्षता में आज मिनी सचिवालय सभागार में जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित हुई, जिसमें 182 फरियादियों ने अपनी परिवेदनाएं प्रस्तुत की। वीसी के माध्यम से जुड़े मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने विगत जनसुनवाई के प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण कराने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।

जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आमजन की परिवेदनाओं का निस्तारण राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। अतः अधिकारी जिला स्तरीय जनसुनवाई, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल व अन्य माध्यम से भी आने वाले प्रकरणों का संवेदनशीलता से सुनकर उनका समयबद्ध रूप में निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुडे उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों से परिवेदनाओं के संदर्भ में तथ्यात्मक स्थिति का फीडबैक लेकर संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिये।

*ये रही प्रमुख परिवेदनाएं*

जिला कलक्टर के समक्ष जिलेभर से फरियादियों ने अपनी परिवेदना प्रस्तुत की, जिनमें मुख्य रूप से राजस्व की अतिक्रमण हटाने से संबंधित, पुलिस, नगर निगम, यूआईटी, जिला परिषद, विद्युत, जलदाय आदि विभागों की परिवेदनाएं प्रस्तुत की गई। जनसुनवाई में शहर के हरदेव विहार कॉलोनी, वार्ड न0 28 में, न्यू फ्रेेड्स कॉलोनी की गली न. 3, ग्राम पंचायत चौरोटी पहाड तथा राजगढ़ में वार्ड न. 21 में सहाय जी की बावडी में सुचारू पेयजल आपूर्ति करवाने की परिवेदनाएं प्रस्तुत की गई जिसपर जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए की फरियादियों की शिकायतों का त्वरित समाधान कर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करावें। इसी प्रकार पुराना भूरा सिद्ध मंदिर क्षेत्र में जल-भराव की समस्या, राजगढ़ में वार्ड न.2 टहला रोड पर पानी निकासी करवाने एवं जनता कॉलोनी के वार्ड न. 39 में सडक निर्माण करवाने ग्राम पंचायत माचाडी में आम रास्ता खुलवाने, तहसील थानागाजी की ग्राम पंचायत बामनवास में आम रास्ता खुलवाने एवं ग्राम पंचायत गोपालपुरा में अतिक्रमण हटवाने, तहसील मालाखेडा की ग्राम पंचायत बैरखेडा में मुख्य रास्तों पर जल-भराव, रैणी की ग्राम पंचायत भूडा के ग्राम आकोदा में पक्की सडक निर्माण करवाने की परिवेदनाओं पर जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही कर शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध समाधान के निर्देश दिए।

लक्ष्मणगढ तहसील के गांव जौना खेडा पहाड़ के निवासी लाला मेव ने अपनी पत्नी संतो के साथ जनसुनवाई में परिवेदना दी की उसका बेटा व पुत्रवधु उनकी देखभाल नही कर रहें है जबकि राज्य सरकार के द्वारा दोनों को पेंशन व खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेंहू भी मिल रहा है फिर भी हम बुजुर्गो की देखभाल नही कर रहा है। इस पर जिला कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी लक्ष्मणगढ को वरिष्ठ जन भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत पुत्र व पुत्रवधु को पांबद करने के लिए निर्देशित किया।

इस दौरान एडीएम प्रथम श्री मुकेश कायथवाल, एडीएम द्वितीय श्री योगेश डागुर, एडीएम शहर श्रीमती बीना महावर, जिला परिषद के सीईओ श्री सालुखे गौरव रवीन्द्र, यूआईटी सचिव श्रीमती स्नेहल धींगदे नाना, नगर निगम आयुक्त श्री जितेन्द्र सिंह नरूका, उपखण्ड अधिकारी अलवर श्री माधव भारद्वाज, प्रशिक्षु आईएएस सुश्री ऐश्वर्यम प्रजापति, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियन्ता श्री भूरी सिंह, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री सुधीर पाण्डे, सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा, सहित संबंधित अधिकारी एवं वीसी के माध्यम से सभी उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी जुडे।
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21/08/2025
अलवर की राजनीति में नया मोड़ -भंवर जितेंद्र सिंह की सक्रियता से बन रहे नए समीकरणअलवर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितें...
21/08/2025

अलवर की राजनीति में नया मोड़
-भंवर जितेंद्र सिंह की सक्रियता से बन रहे नए समीकरण
अलवर.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह एक बार फिर अलवर की राजनीति में पूरी ताकत के साथ एकटिव हो गए हैं। हाल के दिनों में उन्होंने न सिर्फ सरिस्का क्षेत्र के खनन मामलों पर संवेदनशील प्रश्न उठाए, बल्कि पुलिस प्रशासन की हालिया कार्रवाइयों पर भी खुलकर नाराजगी और चिंता जताई है। उनकी यह सक्रियता स्थानीय सियासत में नई गर्माहट लेकर आई है और प्रशासन तथा राजनीतिक दलों के बीच तलखी बढ़ती दिख रही है।

भंवर जितेंद्र सिंह की तेज़ी से बढ़ती सार्वजनिक उपस्थिति ने उनके समर्थकों में नए उत्साह का संचार किया है। जिन कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की लंबे समय से आवाज़ मद्धम रही थी, वे अब दोबारा मैदान में उतरते दिख रहे हैं। यही नहीं, उनके बयान और धरातल पर प्रयासों ने विपक्षी दलों के रणनीतिक मानचित्र को भी हिलाकर रख दिया है। स्थानीय राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद मििलक मानते हैं कि भंवर जितेन्द्र सिंह का यह कदम सिर्फ मौजूदा घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं है, यह आने वाले समय के बड़े राजनीतिक समीकरण की तैयारी भी हो सकती है।
सरिस्का खनन के संवेदनशील मुद्दे को उन्होंने जिस तीव्रता से उठाया है, उससे न केवल पर्यावरण और जमीन पर असर की चर्चाएं तेज हुई हैं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही की मांग भी जोर पकड़ गई है। उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और स्थानीय जनता के हित में पारदर्शिता आवश्यक है यह संदेश जनता के बीच भी गूंज रहा है। पुलिस की हालिया कार्रवाइयों पर उठे उनके आरोपों ने प्रशासन को भी हिलाया है।
राजनैतिक विश्लेषक बताते हैं कि भंवर जितेंद्र सिंह की सक्रियता से कांग्रेस के भीतर नई ऊर्जा मिली है। संगठनात्मक कामकाज में बदलाव, धरातल पर जनसंपर्क, और संवेदनशील मुद्दों पर सतत रुख यह संकेत दे रहे हैं कि अगला चरण सिर्फ शोर-शराबा नहीं होगा, बल्कि निर्णायक राजनीतिक तैयारी भी पककी की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि वो नगर निगम के चुनाव में भी सक्रिय होंगे तो इसका लाभ मिलेगा।
जनता स्तर पर उनकी लोकप्रियता पर बने मिश्रित रुख ने सियासी माहौल को और पेचीदा कर दिया है। कुछ वर्ग भंवर की आवाज़ को जनता के अधिकार और पारदर्शिता की लड़ाई मान रहे हैं, तो कुछ इसे आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा भी बता रहे हैं।
अलवर के पृष्ठभूमि पर अब यह स्पष्ट दिखता है कि भंवर जितेंद्र सिंह की सक्रियता ने मौजूदा राजनीतिक संतुलन को झकझोर दिया है। चाहे यह सक्रियता धरातल पर स्थायी असर छोड़े या न छोड़े, पर बात कम से कम इतनी है कि अब स्थानीय मुद्दे और भी सार्वजनिक मंचों पर अधिक जोर देकर उठाये जाएंगे। आने वाले हालातों में न केवल उनके बयानों पर निगाह रहेगी, बल्कि प्रशासन और अन्य दलों की प्रतिक्रिया भी निर्णायक रूप से महत्वपूर्ण होगी।
#अलवर #भंवरजितेन्द्रसिंह #सरिस्का #राजनीति

भोपाल के पुल जैसा खतरनाक मोड़ अब अलवर में भी चिंता का विषयविशेष रिपोर्टइन दिनों सोशल मीडिया पर एक अनोखे और तकनीकी दृष्टि...
19/08/2025

भोपाल के पुल जैसा खतरनाक मोड़ अब अलवर में भी चिंता का विषय
विशेष रिपोर्ट
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अनोखे और तकनीकी दृष्टि से विवादास्पद पुल की तस्वीर वायरल हो रही है। यह पुल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में बना नया रेलवे ओवरब्रिज (ROB) है, जिसकी लागत लगभग 18 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस पुल को लेकर सबसे बड़ा विवाद इसके 90 डिग्री के मोड़ को लेकर है, जिसे न केवल वाहन चालकों के लिए खतरनाक माना जा रहा है, बल्कि विशेषज्ञ इसे इंजीनियरिंग दृष्टि से भी दोषपूर्ण करार दे रहे हैं।
ऐसा ही एक 90 डिग्री का खतरनाक मोड़ राजस्थान के अलवर जिले में भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है। यह मोड़ भवानी तोप से कालीमोरी की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित है। हालांकि यहाँ पुल नहीं है, लेकिन सड़क का डिजाइन और उसकी वर्तमान स्थिति लोगों की जान जोखिम में डाल रही है। इस मोड़ पर पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और हाल ही में इस सड़क की मरम्मत और चौड़ाई बढ़ाने का काम भी हुआ है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय रसूखदार लोगों के दबाव में सड़क को जितना चौड़ा होना चाहिए था, उतना नहीं किया जा सका।
सड़क के बीचों-बीच करीब 5 फीट चौड़ा डिवाइडर बनाया गया है, जिससे पूरी सड़क असामान्य रूप से संकरी हो गई है। इतना ही नहीं, सीवर के मैनहोल आज भी सड़क की सतह से ऊपर हैं, जिससे वाहनों को टक्कर लगने और संतुलन बिगड़ने का खतरा बना रहता है। पूर्व में बनाए गए स्पीड ब्रेकर आधी सड़क पर ही बने हुए हैं, जो वाहन चालकों का ध्यान भंग कर सकते हैं।
जहाँ तक मोड़ की बात है, वहाँ एक कर्व देने की कोशिश की गई है, लेकिन वह सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से पर्याप्त नहीं है। मोड़ के एक ओर एक बड़ा अतिक्रमण है, जो यदि हटा दिया जाए तो सड़क को एक सुरक्षित और बेहतर कर्व प्रदान किया जा सकता है। मोड़ के दूसरी ओर दो पेड़ सड़क की ओर झुकते नजर आते हैं, जिनमें से एक को दीमक पूरी तरह खोखला कर चुकी है। यह पेड़ कभी भी गिर सकता है और गंभीर हादसे का कारण बन सकता है, वहीं दूसरा पेड़ भी सड़क की ओर झुका हुआ है जो तेज हवा या बारिश में दुर्घटना का खतरा बन सकता है।
इस सड़क पर दुर्घटना की एक बानगी अभी भी देखी जा सकती है — जिस डिवाइडर का निर्माण कर्व पर किया गया है, वह दुर्घटना में पहले ही टूट चुका है। यानी निर्माण कार्य के दौरान ही यह स्थान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है, जो इस तकनीकी खामी की गंभीरता को दर्शाता है।
इन खामियों के चलते यह जरूरी हो गया है कि संबंधित विभाग और प्रशासन समय रहते संज्ञान लें। इस मोड़ पर सुधारात्मक कार्य, अतिक्रमण हटाना, पेड़ों की छंटाई, सड़क समतलीकरण, उचित कर्विंग और सुरक्षा संकेतकों की व्यवस्था तुरंत की जाए। अन्यथा आने वाले समय में यह मोड़ दुर्घटना का स्थायी केंद्र बन सकता है।
जैसे भोपाल के पुल का 90 डिग्री का मोड़ चर्चा और आलोचना का विषय बना हुआ है, वैसे ही अलवर का यह सड़क मोड़ भी शीघ्र ध्यान और तकनीकी सुधार की माँग करता है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह अनदेखी कई निर्दोष लोगों की जान की कीमत पर भारी पड़ सकती है।

*हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान**मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य ह...
19/08/2025

*हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान*
*मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य हुआ पार*

अलवर,19 अगस्त। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रेरणादायी नेतृत्व में राजस्थान ने ‘हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान’ को एक जनआंदोलन का रूप दिया है। प्रदेश में इस मानसून में 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य हासिल हो चुका है, मानसून अभी विदा नहीं हुआ है, पौधारोपण जारी है जिससे उम्मीद की जा सकती है कि उपलब्धि ऐतिहासिक होगी। यह अभियान राजस्थान को हरियाली से आच्छादित करने की ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

*हरियाली की नई क्रांति*
राज्य सरकार ने इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया था। अब तक 10 करोड़ 21 लाख 22 हजार 351 पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें व्यक्तिगत वृक्षारोपण संख्या 37 लाख 51 हजार 534 और ब्लॉक स्तर वृक्षारोपण संख्या 9 करोड़ 83 लाख 70 हजार 817 रही। पिछले साल भी इस अभियान के तहत 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए थे। इस बार शिक्षा विभाग, वन विभाग, आरडीपीआर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रही।

*एक दिन में बना रिकॉर्ड*
27 जुलाई, 2025 को हरियाली तीज पर आयोजित 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर मात्र एक दिन में 2 करोड़ 50 लाख पौधारोपण कर नया रिकॉर्ड बनाया गया।

*पाँच साल में 50 करोड़ पौधों का लक्ष्य*
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने ‘मिशन हरियालो राजस्थान’ के तहत पाँच वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ महाअभियान से भी जोड़ा गया है।

*2 हजार वृक्ष मित्र तैयार होंगे*
राज्य सरकार वृक्ष मित्र योजना भी चला रही है। 200 पौधे लगाने वाले को वृक्ष मित्र का दर्जा दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में 2 हजार वृक्ष मित्र बनाए जा रहे हैं जिन्हें मानदेय भी मिलेगा। इसके साथ ही हर जिले में आमजन की सहभागिता से मातृ वन विकसित किए जा रहे हैं। लोग जन्मदिवस, सालगिरह या स्मृति स्वरूप पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण से जुड़ रहे हैं।

*पौधों की क्षेत्रीय अनुकूलता पर जोर*
राज्य सरकार पौधों का अधिकतम सर्वाइवल सुनिश्चित करने के लिए जलवायु और मिट्टी की अनुकूलता को प्राथमिकता दे रही है। इससे पौधों के जीवित रहने और वृक्ष बनने की संभावना अधिक बढ़ी है।

*जियो टैगिंग से हो रही निगरानी*
अभियान की पारदर्शिता और सफलता सुनिश्चित करने के लिए हरियालो राजस्थान मोबाइल एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से लगाए गए प्रत्येक पौधे की जियो टैगिंग की जा रही है, ताकि उसकी सुरक्षा और संवर्धन पर सतत निगरानी रखी जा सके।

*जनआंदोलन बन रहा है अभियान*
राज्य सरकार के प्रयास से यह अभियान सिर्फ सरकारी कार्यक्रम तक सीमित न रखकर जनआंदोलन बन गया है। नदियों और तालाबों के किनारों, औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास, विद्यालयों, अस्पतालों तथा नगरीय क्षेत्रों में पौधारोपण को प्राथमिकता दी जा रही है। सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान आमजन से सीधा जुड़ रहा है।

*हरित भविष्य की ओर कदम*
पौधे को लगाने से लेकर उन्हें वृक्ष बनने तक सहेजने का संकल्प श्री भजनलाल शर्मा की पर्यावरणीय सोच को दर्शाता है। यह पहल राजस्थान को हरित और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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