Tahalka Bharat News 24

Tahalka Bharat News 24 district Ambala Haryana live news

30/06/2025

Chimoz by The Momos Mafiya, आपके अपने अंबाला में,

30/06/2025

टांगरी नदी मे पानी आने से लोगो की परेशानी बढ़ी, प्रशासन ने जारी किया फ्लड कंट्रोल रूम का नंबर,

अम्बाला शहर को जलभराव से मुक्ति दिलाने की निर्णायक पहलचौधरी निर्मल सिंह की संवेदनशील पैरवी से जनस्वास्थ्य विभाग सक्रिय, ...
30/06/2025

अम्बाला शहर को जलभराव से मुक्ति दिलाने की निर्णायक पहल
चौधरी निर्मल सिंह की संवेदनशील पैरवी से जनस्वास्थ्य विभाग सक्रिय, ₹18.27 करोड़ की बहुप्रतीक्षित योजना धरातल पर उतरी।

अंबाला शहर:- किसी नगर की समुचित पहचान उसकी सड़कों, भवनों और बाजारों से नहीं, अपितु उसकी मूलभूत सार्वजनिक व्यवस्थाओं से होती है—और उन्हीं में से एक है वर्षा जल की सम्यक निकासी। जब नगरों की गलियाँ जलकुंड बन जाती हैं, जब नागरिक जलराशि में डूबे अपने दैनिक जीवन की साधारण गतिविधियाँ भी पूर्ण नहीं कर पाते—तब प्रश्न केवल तकनीकी नहीं, नैतिक और सामाजिक हो जाता है। इसी पीड़ा की मुखर अभिव्यक्ति अंबाला शहर के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी निर्मल सिंह ने हरियाणा विधानसभा के सभामंच पर की। उन्होंने मानसून की त्रासदी में डूबते नागरिक जीवन का वह स्वर बुलंद किया, जिसे वर्षों से अनसुना किया जा रहा था।

निर्मल सिंह ने विधानसभा में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अंबाला शहर प्रत्येक बरसात में तालाब का रूप ले लेता है। दशमेश मार्केट,जडोत रोड, जलबेड़ा रोड,गणेश विहार, नसीरपुर जैसे मोहल्ले प्रतिवर्ष जलप्रलय के साक्षी बनते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि क्या इस समस्या को स्थायी रूप से हल करने हेतु कोई समग्र योजना प्रस्तावित है अथवा नागरिकों को वर्ष-दर-वर्ष उसी संताप से जूझते रहने के लिए छोड़ दिया गया है। यह प्रश्न केवल एक जनप्रतिनिधि की औपचारिक जिज्ञासा नहीं थी, बल्कि नागरिक अस्मिता के संरक्षण की पुकार थी।

इस संवेदनशील मुद्दे की प्रतिध्वनि अब प्रशासनिक गलियारों तक पहुँच चुकी है। जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा चौधरी निर्मल सिंह को दी गई जानकारी के अनुसार, अंबाला शहर में मौजूदा समय में बनूरी नाका,गणेश विहार, नसीरपुर और साउथर्न डिस्पोजल पर कुल चार बरसाती जल डिस्पोजल कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त नगर में 18 मोबाइल डीज़ल इंजन सेट उपलब्ध हैं, जिनकी सम्मिलित क्षमता 167 हॉर्सपावर है और जो वर्षा के समय तत्काल जल निकासी में सहायक सिद्ध होते हैं।

किन्तु यह आधारभूत व्यवस्थाएं नगर की समस्त आवश्यकताओं को पूरा करने में अक्षम रही हैं, जिसके समाधान स्वरूप चार नई स्थायी जल निकासी इकाइयों की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गई है। यह इकाइयाँ दशमेश मार्केट, जडोत रोड, जलबेड़ा रोड और साउथर्न डिस्पोजल क्षेत्रों में स्थापित होंगी। इनकी सम्मिलित जल वहन क्षमता 74 क्यूसेक निर्धारित की गई है और इस समूचे परियोजना पर ₹18.27 करोड़ की लागत अनुमानित है। विभाग का लक्ष्य है कि यह कार्य 30 मार्च 2027 तक पूर्ण कर दिया जाएगा। इसके पूर्ण होते ही अंबाला शहर को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत मिलने की संभावना है।

वहीं, ‘ड्रेनेज ऑफ स्टॉर्म वाटर कंसल्टेंसी फॉर अंबाला सिटी’ शीर्षक से ₹2 करोड़ की लागत वाला एक परामर्शी प्रोजेक्ट भी प्रक्रियाधीन है, जिसकी फाइल आगामी जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत की जाएगी। यह परामर्श केवल योजना निर्माण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह तकनीकी विशेषज्ञता को सामाजिक सरोकार से जोड़कर एक व्यावहारिक और सुदृढ़ ढाँचा सुनिश्चित करेगा।

चौधरी निर्मल सिंह ने इस प्रगति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल किसी प्रश्न का उत्तर नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधित्व की सार्थकता का प्रमाण है। जनता की समस्याएं ही उसकी शक्ति होती हैं और यदि कोई जनप्रतिनिधि अपने नगरवासियों की पीड़ा को अपना धर्म समझे, तो व्यवस्था भी अंततः झुकती है, सुनती है और उत्तरदायी बनती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंबाला शहर की जनता के जीवन को जलमुक्त और सुरक्षित बनाना उनका नैतिक,सामाजिक और संवैधानिक उत्तरदायित्व है, जिसे वे अंत तक निभाते रहेंगे।

यह समग्र प्रयास न केवल एक समस्या का समाधान है, बल्कि उस परिपक्व लोकतांत्रिक चेतना का द्योतक है जहाँ प्रश्न पूछना भी एक पुण्यकर्म है—और उत्तर प्राप्त करना एक सामूहिक विजय।

30/06/2025

हरियाणा में बदमाशी का बोलबाला, #रोडवेज

29/06/2025

मन की बात" रेडियो कार्यक्रम के 123 वें संस्करण,

29/06/2025

बारिश के कारण गिरी दुकान का छज्जा Live.....

29/06/2025

CM नायब सैनी ने पुलिस को दी बधाई,

28/06/2025
28/06/2025

अंबाला छावनी के हिम्मतपुरा में समुदाय विशेष के नाम पर छोटे-छोटे बच्चों को समुदाय विशेष की फिल्म दिखाकर उन्हें बताया जा रहा था कि इस भगवान से बढ़कर कोई नहीं है,

28/06/2025

रिमझिम रिमझिम बारिश.....

अगर अम्बाला फिर डूबा, तो यह आसमानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक साज़िश होगी":-चित्रा सरवारा"बाढ़ केवल बारिश से नहीं आती... वह आ...
28/06/2025

अगर अम्बाला फिर डूबा, तो यह आसमानी नहीं, बल्कि प्रशासनिक साज़िश होगी":-चित्रा सरवारा

"बाढ़ केवल बारिश से नहीं आती... वह आती है शासन की सुस्ती, व्यवस्था की विफलता और संवेदनहीनता से"

अंबाला छावनी:-आज अम्बाला छावनी की नेत्री चित्रा सरवारा ने छावनी के ताजा हालातो पर केवल चिंता नहीं जताई, बल्कि सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता पर एक ऐसा दार्शनिक और व्यंग्यात्मक प्रहार किया है जो हर उस नागरिक के मन की बात कहता है जो हर मानसून के साथ सिर्फ छतें नहीं, उम्मीदें भी खो देता है।

उन्होंने चेताया है कि यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, यदि नाले,पुलिया,बांध और जल निकासी तंत्र की साफ़-सफ़ाई समय पर नहीं की गई, तो अम्बाला छावनी फिर से पानी मे डूब जाएंगी। उन्होंने बताया कि छावनी क्षेत्र की गलियों और नालों में आज भी कीचड़, प्लास्टिक, खरपतवार और गंदगी का साम्राज्य है, लेकिन जिम्मेदार विभागों की आंखों पर पर्दा पड़ा है। जनता की बेचैनी बढ़ रही है, लेकिन अधिकारी 'एसी' में ब्रीफिंग ले रहे हैं। यह वक्त बहस या बैठकों का नहीं, धरातल पर उतरने का है, लेकिन सत्ता की शालीनता अब भी खामोशी ओढ़े बैठी है।

चित्रा सरवारा ने बहुत सधे हुए लहजे में लेकिन कटाक्ष से सने हुए शब्दों में कहा की आज भी टांगरी नदी के पुल पर खड़े होकर प्रशासन देखे तो आज भी पुल के ऊपर से ही टांगरी नदी के अंदर दोनों तरफ हरा घास का झुंड बीचो बीच खड़ा है आज भी टांगरी नदी की पुलियों के नीचे सिल्ट और मलवा जमा है, जब रेलवे,सिंचाई विभाग,नगर परिषद और आपदा प्रबंधन एक-दूसरे पर ज़िम्मेदारी डालकर बचना चाहते हैं—तो फिर आने वाली बारिशें केवल कुदरत का कोप नहीं, शासन की शर्मनाक असफलता का सबूत बनेंगी।

उन्होंने कहा कि पिछली बाढ़ ने लोगों के घर नहीं सिर्फ तोड़े थे, स्वाभिमान भी बहा ले गई थी। वे ज़ख्म अब तक सूखे नहीं हैं और अब जब बादल फिर मंडरा रहे हैं, तो वो जख्म फिर से रिसने लगे हैं। यह डर अब सिर्फ पानी का नहीं, उस शासन का है जो वक्त पर काम नहीं करता, और आपदा आने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है। “यह भय सिर्फ बारिश का नहीं है, यह भय है कि अगर सरकार न चेती, तो इस बार लोग सिर्फ मकान नहीं, विश्वास भी खो देंगे।”

चित्रा सरवारा ने मांग की कि टांगरी नदी के सभी संवेदनशील पॉइंट्स पर बूस्टर पंप, पर्याप्त मशीनरी,कर्मचारी और योजनाबद्ध सफाई अभियान तत्काल चलाया जाए और टांगरी के अंदर दोनों और पोकलेन मशीनों की संख्या बढ़ाकर लोगों को राहत देने का काम करे। उन्होंने यह भी कहा कि “बाढ़ की तैयारी सिर्फ नोटशीट में नहीं, नालों के मुहानों पर दिखनी चाहिए।”

Address

Ambala
133001

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Tahalka Bharat News 24 posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Tahalka Bharat News 24:

Share