
25/06/2025
Ambala Media:"
हरियाणवी लोक नृत्यों को समर्पित एक अदभूत कलाकार बुधराम जो वास्तव में कलाकार समाज के लिए एक अनमोल धरोहर है हाल ही में कला एंव सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला व चंडीगढ़ संगीत नाटक अकेडमी के सौजन्य से मास मई व जून 2025 को नृत्य कार्यशालाओं के माध्यम से कला संस्कृति को बचाने में बुधराम निरंतर अपना कलात्मक योगदान दे रहा है। सांस्कृतिक मंचों से व नृत्य कार्यशालाओं के माध्यम से लगभग 20 से 22 हजार छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित कर, राज्य सरकार से सम्मान पुरस्कार का प्रबल दावेदार है। ऐसे-ऐसे कलाकारों के प्रयासों से व संस्थानों के माध्यम से हमारी लोक संस्कृति जिंदा है।
कला को जिंदा रखने के लिए समयानुसार प्रयोग भी बहुत जरूरी है। अन्यथा कला बुढ़ी हो जाएगी। आज के युवा को गीत-संगीत-नृत्य व वेशभूषा में नयेपन का एहसास करवाना जरूरी हो गया है। बशर्त लोक कला के मूल स्वरूप से कोई छेडछाड न हो, जो अति आवश्यक है। गत दिनों चंडीगढ़ संगीत नाटक अकेडमी द्वारा 10 दिवसीय हरियाणवी लोक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बुधराम प्रशिक्षक के तौर पर रहे और इस नृत्य कार्यशाला का समापन दिनांक 21 जून 2025 को टैगोर थियेटर में हुआ है। वहां पर अकेडमी की विशेष उपलब्धियों बारे भी बताया गया, कि वर्ष भर कार्यशालाओं का आयोजन करवाना, वह भी तीन कर्णधारों के सहारे। अध्यक्ष सुदेश शर्मा, उपाध्यक्ष विकांत सेठ व सचित राजेश अत्रे के अथक प्रयासों से आज अकेडमी मील का पत्थर साबित हो रही है।